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सरकारी नौकरी वाले भी अब लखनऊ विश्वविद्यालय से कर सकेंगे पीएचडी - लखनऊ समाचार

लखनऊ विश्वविद्यालय कार्यपरिषद की हुई बैठक में पार्ट टाइम पीएचडी ऑर्डिनेंस सहित कई फैसलों पर मुहर लगी है. बैठक में पार्ट टाइम पीएचडी ऑर्डिनेंस पास कर दिया गया है.

PhD from lucknow university
लखनऊ विश्वविद्यालय
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Published : Sep 29, 2020, 3:41 PM IST

लखनऊ: राजधानी के लखनऊ विश्वविद्यालय कार्यपरिषद की हुई बैठक में पार्ट टाइम पीएचडी ऑर्डिनेंस सहित कई फैसलों पर मुहर लगी है. लखनऊ विश्वविद्यालय से सरकारी नौकरी और कॉर्पोरेट सेक्टर में काम करने वाले व्यक्ति अब विश्वविद्यालय से पीएचडी कर सकेंगे. कार्यपरिषद की बैठक में पार्ट टाइम पीएचडी ऑर्डिनेंस पास कर दिया गया है.

ऑर्डिनेंस के हिसाब से सरकारी सेवा और कॉर्पोरेट सेक्टर में नौकरी करने वाले व्यक्ति पार्ट टाइम पीएचडी के लिए आवेदन कर सकते हैं, हालांकि इसके लिए उन्हें निर्धारित शैक्षिक अहर्ता यानी परास्नातक स्तर 55 फीसदी नंबर भी लाना जरूरी होगा. इसके साथ ही उन्हें हर महीने कम से कम छह दिन विभाग में उपस्थित भी रहना पड़ेगा.

बैठक में शिक्षकों के कई विवादित मुद्दे भी रखे गए शैक्षणिक मामलों को जहां चर्चा के बाद पास कर दिया गया है, वहीं विवादित मुद्दों पर स्पष्ट आदेश नहीं दिया गया है. उन्हें या तो लीगल सेल या फिर अगली कार्यपरिषद की बैठक के लिए टाल दिया गया है. इसके साथ ही बैठक में कई जिलों में बीएड की मान्यता विस्तार और गणित विभाग के प्रोफेसर प्रवीण नागर की स्वैच्छिक सेवानिवृत्त का मामला भी रखा गया है. इस पर कार्य परिषद ने अपनी मुहर भी लगा दी है. कार्यपरिषद ने सरस्वती सम्मान की वजह से दो साल से सेवा विस्तार का लाभ देने वाले पूर्व प्रति कुलपति प्रोफेसर यूएन द्विवेदी को सत्र लाभ देने का फैसला किया है. हालांकि यह फैसला राज्य सरकार के अधीन रहेगा.

कार्यपरिषद की बैठक में लिए गए अहम फैसले -

  • समाज कार्य विभाग में संचालित पंडित दीनदयाल उपाध्याय शोध पीठ का और भाउराव देवरस शोध पीठ का ऑर्डिनेंस भी पास किया गया.
  • भोनवाल कॉलेज की मान्यता समाप्त करने कला एवं शिल्प महाविद्यालय के 21 साल की उम्र में पूरा करने के बावजूद दाखिला लेने वाले छात्रों को मानवीय आधार पर राहत दे दी गई है. इनको डिग्री मिलने का रास्ता भी साफ कर दिया गया है.
  • नियत वेतन पर काम करने वाले कर्मचारियों को 11- 11 महीने के सेवा विस्तार दिए जाने के प्रस्ताव को भी कार्य परिषद ने मंजूर किया है.
  • डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और केंद्रीय प्लेसमेंट सेल के प्रस्ताव भी कार्य परिषद की बैठक में पास कर दिए गए हैं.

लखनऊ: राजधानी के लखनऊ विश्वविद्यालय कार्यपरिषद की हुई बैठक में पार्ट टाइम पीएचडी ऑर्डिनेंस सहित कई फैसलों पर मुहर लगी है. लखनऊ विश्वविद्यालय से सरकारी नौकरी और कॉर्पोरेट सेक्टर में काम करने वाले व्यक्ति अब विश्वविद्यालय से पीएचडी कर सकेंगे. कार्यपरिषद की बैठक में पार्ट टाइम पीएचडी ऑर्डिनेंस पास कर दिया गया है.

ऑर्डिनेंस के हिसाब से सरकारी सेवा और कॉर्पोरेट सेक्टर में नौकरी करने वाले व्यक्ति पार्ट टाइम पीएचडी के लिए आवेदन कर सकते हैं, हालांकि इसके लिए उन्हें निर्धारित शैक्षिक अहर्ता यानी परास्नातक स्तर 55 फीसदी नंबर भी लाना जरूरी होगा. इसके साथ ही उन्हें हर महीने कम से कम छह दिन विभाग में उपस्थित भी रहना पड़ेगा.

बैठक में शिक्षकों के कई विवादित मुद्दे भी रखे गए शैक्षणिक मामलों को जहां चर्चा के बाद पास कर दिया गया है, वहीं विवादित मुद्दों पर स्पष्ट आदेश नहीं दिया गया है. उन्हें या तो लीगल सेल या फिर अगली कार्यपरिषद की बैठक के लिए टाल दिया गया है. इसके साथ ही बैठक में कई जिलों में बीएड की मान्यता विस्तार और गणित विभाग के प्रोफेसर प्रवीण नागर की स्वैच्छिक सेवानिवृत्त का मामला भी रखा गया है. इस पर कार्य परिषद ने अपनी मुहर भी लगा दी है. कार्यपरिषद ने सरस्वती सम्मान की वजह से दो साल से सेवा विस्तार का लाभ देने वाले पूर्व प्रति कुलपति प्रोफेसर यूएन द्विवेदी को सत्र लाभ देने का फैसला किया है. हालांकि यह फैसला राज्य सरकार के अधीन रहेगा.

कार्यपरिषद की बैठक में लिए गए अहम फैसले -

  • समाज कार्य विभाग में संचालित पंडित दीनदयाल उपाध्याय शोध पीठ का और भाउराव देवरस शोध पीठ का ऑर्डिनेंस भी पास किया गया.
  • भोनवाल कॉलेज की मान्यता समाप्त करने कला एवं शिल्प महाविद्यालय के 21 साल की उम्र में पूरा करने के बावजूद दाखिला लेने वाले छात्रों को मानवीय आधार पर राहत दे दी गई है. इनको डिग्री मिलने का रास्ता भी साफ कर दिया गया है.
  • नियत वेतन पर काम करने वाले कर्मचारियों को 11- 11 महीने के सेवा विस्तार दिए जाने के प्रस्ताव को भी कार्य परिषद ने मंजूर किया है.
  • डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और केंद्रीय प्लेसमेंट सेल के प्रस्ताव भी कार्य परिषद की बैठक में पास कर दिए गए हैं.
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