लखनऊः हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में राज्य सरकार ने पशुपालन विभाग में हुए करोड़ों रुपये के घोटाले में निलम्बित डीआईजी अरविन्द सेन की अग्रिम जमानत याचिका पर जवाबी हलफनामा दाखिल किया. बुधवार को याचिका पर सुनवाई हुई. इसके बाद न्यायालय ने याची पक्ष को तीन दिन में प्रत्युत्तर दाखिल करने का निर्देश दिया है। मामले की अग्रिम सुनवाई 3 दिसम्बर को होगी।
जमानत का किया विरोध
यह आदेश न्यायमूर्ति विवेक चौधरी की एकल सदस्यीय पीठ ने अरविन्द सेन की याचिका पर दिया। बुधवार को मामले पर बहस के दौरान सरकारी वकील ने बताया कि जवाबी हलफनामा तैयार है और आज ही याची को उसकी प्रति दे दी जाएगी। राज्य सरकार की ओर से यह भी दलील दी गई कि याची आईपीएस अधिकारी और एक प्रभावशाली व्यक्ति है. उसके जमानत पर बाहर रहने से विवेचना प्रभावित होने का खतरा है। उल्लेखनीय है कि सत्र न्यायालय से अरविंद सेन की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज हो चुकी है।
अभियुक्तों पर ये है आरोप
मामले की एफआईआर 13 जून 2020 को इंदौर के व्यापारी मंजीत सिंह भाटिया उर्फ रिन्कू ने थाना हजरतंगज में दर्ज कराई थी। इस मामले में 10 अभियुक्तों को नामजद किया गया था। अभियुक्तों पर कूटरचित दस्तोवजों और छद्म नाम से गेहूं, आटा, शक्कर, दाल आदि की सप्लाई का ठेका दिलवाने के नाम पर 9 करोड़ 72 लाख 12 हजार रुपये की ठगी का आरोप है।