लखनऊः लोक निर्माण विभाग में ठेकेदारों का भुगतान को लेकर लेटलतीफी कोई नई बात नहीं है, लेकिन वाराणसी में एक ठेकेदार ने काफी दिनों से पेमेंट न होने के चलते सुसाइड कर लिया था. शासन ने इस मामले में अधिशासी अभियंता समेत दो और अभियंताओं को निलंबित कर दिया है.
निलंबित अभियंता में वाराणसी के तत्कालीन अधिशासी अभियंता आरआर गंगवार और सहायक अभियंता सत्यदेव मिश्रा को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड किया गया है. उनके खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई भी प्रारंभ कर दी गई है. वहीं चीफ इंजीनियर अंबिका सिंह को भी हटा कर विभागाध्यक्ष कार्यालय लखनऊ से संबद्ध कर दिया गया है.
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मुख्य अभियंता कक्ष में ठेकेदार ने खुद को मारी गोली
सरकार ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए पीडब्ल्यूडी के सचिव समीर वर्मा की अध्यक्षता में एक जांच कमेटी गठित की थी. कमेटी की जो रिपोर्ट आई है, उसके आधार पर सरकार ने अधिकारियों पर इस तरह की बड़ी कार्रवाई की है. बता दें कि पिछले हफ्ते वाराणसी के मुख्य अभियंता के कक्ष में ही ठेकेदार अवधेश ने खुद को गोली मार ली थी. उनका 48 लाख रुपये का पेमेंट काफी वक्त से फंसा हुआ था. अधिकारी कोई सुनवाई ही नहीं कर रहे थे. अब अधिकारियों पर शासन की तरफ से एक्शन लिया गया है.
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5 कार्मिकों को पहले ही किया जा चुका है निलंबित
बिना नाप जोख के ही अवधेश को भुगतान की फाइल आगे बढ़ाने वाले सहायक अभियंता आशुतोष कुमार सिंह, अवर अभियंता मनोज कुमार सिंह और यूएस पांडेय, वरिष्ठ सहायक मोनू राम मौर्य और वरिष्ठ सहायक और शिविर लिपिक रजत राय को पहले ही सस्पेंड किया जा चुका है. खंडीय लेखाधिकारी दद्दन मिश्रा पर अनुशासनिक कार्रवाई की संस्तुति भेजी गई है.