लखनऊ : कहीं कम व कहीं ज्यादा बारिश ने जहां कई जिलों में किसानों की मुश्किल बढ़ा रखी है वहीं खरीफ की फसल के लिए जरूरी यूरिया खाद न मिलने से किसान परेशान हैं. किसानों के लाइन लगाकर खाद खरीदने और लाठी खाने की खबरें सामने आने के बाद अब सरकार हरकत में आ गई है. प्रमुख सचिव कृषि ने सभी जिलों में खाद की उपलब्धता की समीक्षा की है. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि किसी भी जिले में खाद की कमी ना हो पाए.
खाद न मिलने पर किसान हो रहे परेशान
- प्रमुख सचिव कृषि अमित मोहन प्रसाद ने कृषि विभाग के अधिकारियों को बुलाकर प्रदेश में खाद उपलब्धता की जानकारी ली.
- उन्होंने बताया कि यूपी के सभी जिलों के अधिकारियों ने जो रिपोर्ट भेजी है उसके अनुसार खाद की किल्लत किसी जिले में नहीं है.
- सहकारी समितियों पर वित्तीय स्थिति अच्छी न होने की वजह से खाद मौजूद नहीं है जिससे वहां वैकल्पिक इंतजाम कराए जा रहे हैं.
इसे भी पढ़ें:- लखनऊ: 59वें नेशनल इंटर स्टेट सीनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप का उद्घाटन
- खाद की आपूर्ति दुकानों से की जा रही है लेकिन आने वाले दिनों में 8000 मीट्रिक टन खाद की जरूरत आंकी गई है.
- फर्रुखाबाद के जिला कृषि अधिकारी ने निर्देशालय से अनुरोध किया है कि उन्हें अतिरिक्त खाद उपलब्ध कराई जाए.
क्यों बढ़ी खाद की जरूरत
- खरीफ फसल के लिए प्रदेश के किसानों को लगभग 20 लाख मीट्रिक टन खाद की जरूरत होती है.
- जिन जिलों में मानसून की अच्छी बारिश हुई है वहां खाद की मांग अचानक बढ़ गई है.
- बारिश अच्छी होने से पौधे तेजी के साथ बढ़ते हैं और उन्हें अतिरिक्त पोषण के लिए खाद की जरूरत होती है.
- जिन जिलों में बारिश कम हुई है वहां किसानों को सिंचाई के वैकल्पिक साधनों का सहारा लेना पड़ रहा है.
- ऐसे में सिंचाई के अनुसार ही किसान खाद का इस्तेमाल करता है.
- यही वजह है कि मानसून की बारिश में खाद की डिमांड अचानक बढ़ती है.
- कृषि विभाग के अधिकारियों का दावा है कि उन्होंने सभी जिलों को जरूरत के अनुसार खाद उपलब्ध कराई है.
- बताया जा रहा है कि 6.18 लाख मीट्रिक टन यूरिया का अतिरिक्त स्टॉक प्रदेश में मौजूद है.