ETV Bharat / state

सरकार ने मुख्य स्थाई अधिवक्ता भईया लाल वर्मा को भी हटाया, पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य के हैं खास

राज्य सरकार ने बुधवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच के मुख्य स्थाई अधिवक्ता चतुर्थ भईया लाल वर्मा को हटा दिया है. भईया लाल वर्मा को पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य का खास माना जाता है.

etv bharat
हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच
author img

By

Published : Apr 13, 2022, 10:01 PM IST

लखनऊः सरकार ने मुख्य स्थाई अधिवक्ता चतुर्थ भईया लाल को भी हटा दिया है. स्वामी प्रसाद मौर्य के भईया लाल वर्मा खास माने जाते हैं. वे हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच के मुख्य स्थाई अधिवक्ता थे. महाधिवक्ता को भेजे गये आदेश की प्रति में कहा गया है कि भईया लाल वर्मा की आबद्धता तत्काल प्रभाव से समाप्त की जाती है.

इसके पूर्व मंगलवार को भी बड़ी कार्रवाई करते हुए अपर महाधिवक्ता ज्योति सिक्का और स्थाई अधिवक्ता अमित शर्मा को हटाया जा चुका है. इस दौरान अवध बार एसोसिएशन के महासचिव अमरेंद्र नाथ त्रिपाठी ने न्यायमूर्ति डीके उपाध्याय और न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की खंडपीठ के सामने इस मुद्दे को उठाया. उनका कहना था कि राज्य विधि अधिकारियों को सचिवालय बुलाकर उनकी स्क्रीनिंग और इंटरव्यू लेना, उनकी गरिमा को गिराने जैसा है.

महासचिव ने कहा कि अगर सरकार कुछ राज्य विधि अधिकारियों के कार्य प्रदर्शन से संतुष्ट नहीं है तो वो उनकी आबद्धता समाप्त कर सकती है. लेकिन उन्हें एक कथित स्क्रीनिंग में अयोग्य घोषित कर हटाना उनके करियर पर बुरा प्रभाव डालेगा.

इसे भी पढ़ें- हथकरघा और वस्त्र उद्योग से यूपी में रोजगार को ऐसे रफ्तार देगी सरकार

उल्लेखनीय है कि 50 के करीब सरकारी वकीलों को मंगलवार को सचिवालय के न्याय विभाग में बुलाकर उनका इंटरव्यू लिया गया. हाईकोर्ट में चर्चा है कि शासन में अपर महाधिवक्ता स्तर तक के सभी सरकारी वकीलों को बुलाकर उनका इंटरव्यू लिया जाएगा. इसके बाद उनकी आबद्धता को आगे जारी रखने पर निर्णय होगा. इन सरकारी वकीलों को योगी सरकार के पहले कार्यकाल में ही आबद्ध किया गया था.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

लखनऊः सरकार ने मुख्य स्थाई अधिवक्ता चतुर्थ भईया लाल को भी हटा दिया है. स्वामी प्रसाद मौर्य के भईया लाल वर्मा खास माने जाते हैं. वे हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच के मुख्य स्थाई अधिवक्ता थे. महाधिवक्ता को भेजे गये आदेश की प्रति में कहा गया है कि भईया लाल वर्मा की आबद्धता तत्काल प्रभाव से समाप्त की जाती है.

इसके पूर्व मंगलवार को भी बड़ी कार्रवाई करते हुए अपर महाधिवक्ता ज्योति सिक्का और स्थाई अधिवक्ता अमित शर्मा को हटाया जा चुका है. इस दौरान अवध बार एसोसिएशन के महासचिव अमरेंद्र नाथ त्रिपाठी ने न्यायमूर्ति डीके उपाध्याय और न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की खंडपीठ के सामने इस मुद्दे को उठाया. उनका कहना था कि राज्य विधि अधिकारियों को सचिवालय बुलाकर उनकी स्क्रीनिंग और इंटरव्यू लेना, उनकी गरिमा को गिराने जैसा है.

महासचिव ने कहा कि अगर सरकार कुछ राज्य विधि अधिकारियों के कार्य प्रदर्शन से संतुष्ट नहीं है तो वो उनकी आबद्धता समाप्त कर सकती है. लेकिन उन्हें एक कथित स्क्रीनिंग में अयोग्य घोषित कर हटाना उनके करियर पर बुरा प्रभाव डालेगा.

इसे भी पढ़ें- हथकरघा और वस्त्र उद्योग से यूपी में रोजगार को ऐसे रफ्तार देगी सरकार

उल्लेखनीय है कि 50 के करीब सरकारी वकीलों को मंगलवार को सचिवालय के न्याय विभाग में बुलाकर उनका इंटरव्यू लिया गया. हाईकोर्ट में चर्चा है कि शासन में अपर महाधिवक्ता स्तर तक के सभी सरकारी वकीलों को बुलाकर उनका इंटरव्यू लिया जाएगा. इसके बाद उनकी आबद्धता को आगे जारी रखने पर निर्णय होगा. इन सरकारी वकीलों को योगी सरकार के पहले कार्यकाल में ही आबद्ध किया गया था.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.