लखनऊः कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को गोवर्धन पूजा का पावन पर्व मनाया जाता है. इसे अन्नकूट के नाम से भी जाना जाता है. इस बार दीपोत्सव के चौथे दिन मनाए जाने वाले इस पर्व को लेकर असमंजस की स्थिति है. परेवा को लेकर लोग 13 और 14 नवंबर की तिथि को लेकर असमंजस में हैं.
बता दें कि कार्तिक माह की प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 13 नवंबर की दोपहर दो बजकर 56 मिनट से हो रही है. हिंदू धर्म में सभी पर्व उदया तिथि में मनाए जाते हैं. ऐसे में प्रतिपदा 13 नवंबर की जगह 14 नवंबर को मनाया जाना शुभ रहेगा. 14 नवंबर की दोपहर 2 बजकर 36 मिनट पर प्रतिपदा तिथि का समापन होगा. ऐसे में 14 नवंबर को अन्नकूट का पर्व मनाना बेहद शुभ रहेगा. आपको बता दें कि गोवर्धन पूजा पर घरों में गोबर से गोवर्धन बनाए जाते हैं. इसके बाद उनका विधि-विधान से पूजन अर्चन कर अन्नकूट का भोग लगाया जाता है. इस पर्व का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है. सूर्योदय के बाद पूजन करना शुभ रहेगा.
बता दें कि गोवर्धन पूजा के दिन भगवान कृष्ण ने इंद्रदेव का घमंड तोड़ा था. उन्होंने गोवर्धन पर्वत को अपनी कनिष्ठा उंगली से उठाकर ब्रजवासियों की रक्षा की थी. इस वजह से इस पर्व को विशेष श्रद्धा के साथ मनाया जाता है. इस दिन विभिन्न तरह की सब्जियों को मिलाकर अन्नकूट का प्रसाद तैयार किया जाता है और उन्हें भगवान कृष्ण को अर्पित कर वितरित किया जाता है.
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