लखनऊ : बीते वर्ष लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) में ट्रांसफर पॉलिसी के दौरान हुए विवाद से सीख लेते हुए विभाग ने नियुक्ति व तैनाती देने के लिए नया तरीका निकाला है. शनिवार को प्रमोट हुए 148 सहायक अभियंताओं (सिविल) और नए भर्ती हुए 33 जेई को मेरिट के आधार पर खुद से तैनाती के लिए क्षेत्र चुनने का मौका दिया गया है. इस मौके पर विभागीय मंत्री जितिन प्रसाद भी मौजूद रहे. मंत्री के मुताबिक, इस प्रक्रिया से नियुक्ति और तैनाती प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी.
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पीडब्ल्यू मंत्री जितिन प्रसाद ने शनिवार को कहा कि, 'पोस्टिंग की इस नई व्यवस्था के तहत सभी प्रमोटी सहायक अभियंताओं को स्वयं से खाली पदों पर पसंदीदा स्थान चुनने की छूट दी गई. हालांकि, इसके लिए कुछ मानक तय किए गए थे. इस पूरी प्रक्रिया में पालन किया गया है. उन्होंने कहा कि चयन की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और मेरिट पर आधारित है, पूरी प्रक्रिया साफ सुथरी है और इच्छानुसार चयन करने की छूट मिली है.'
दरअसल, वर्ष 2022 में ट्रांसफर पॉलिसी के दौरान स्वास्थ्य विभाग की ही तरह लोक निर्माण विभाग में भी अधिकारियों और कर्मचारियों की ट्रांसफर प्रक्रिया पर सवाल उठे थे, जिसके चलते विभागीय मंत्री जितिन प्रसाद खासा नाराज हुए थे. इसी से सीख लेते हुए इस वर्ष ट्रांसफर पॉलिसी आने से ठीक पहले लोक निर्माण विभाग में मेरिट के आधार पर प्रमोट हुए जेई को खुद से तैनाती स्थल चुनने की छूट दी गई है. यह प्रक्रिया सभी के सामने ही आयोजित हो रही है, यही नहीं ऐसा पहली बार किसी विभाग में किया जा रहा है.
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