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इस 5 किलोमीटर के बीच गोमती के साथ नहीं लें सेल्फी, क्योंकि फोटो अच्छी नहीं आएगी

अगर आपको झूलेलाल पार्क से लेकर भैसाकुंड के बीच 5 किलोमीटर तक गोमती में पानी दिख जाए तो तुरंत किसी तरह फोटो या सेल्फी ले लें. क्योंकि यह चमत्कार ही होगा और आप याद रखेंगे कि जलकुंभी के बीच आपने गोमती में पानी देखा है.

गोमती नदी में जलकुंभी.
गोमती नदी में जलकुंभी.
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Published : May 24, 2021, 8:48 PM IST

लखनऊः गोमती की साफ-सफाई हमेशा से एक बड़ा मुद्दा रहा है. आचमन तो दूर, इसमें स्नान करने में लोग हिचकते हैं. अभी लखनऊ की जीवनदायिनी नदी की हालत यह है कि यह समझना कठिन हो गया है कि इस गोमती में जलकुंभी है या जलकुंभी में गोमती. फिलहाल इसकी साफ-सफाई के जाने के तमाम दावे भी जलकुंभी में खो गए हैं.

रिपोर्ट.

लखनऊ के झूलेलाल पार्क गोमती नगर से भैसा कुंड के बीच लगभग 5 किलोमीटर तक गोमती नदी में सिर्फ जलकुंभी के दर्शन होते हैं, पानी के नहीं. नदियों की सफाई पर 25 वर्षों से काम करने वाले ऋद्धि गौड़ का कहना है कि गोमती लखनऊ की जीवनदायिनी नदी है. बीजेपी सत्ता में आने से पहले नदियों को साफ करने का दावा करती थी. असल में नदियों की सफाई नहीं हुई. लोगों को गोमती में आचमन करने तक में समस्या हो रही हैं.

गोमती नदी में जलकुंभी.
गोमती नदी में जलकुंभी.

इसे भी पढ़ें- बच्चों के अभिभावकों और कर्मचारियों के लिए विशेष टीकाकरण: सीएम योगी

कर्मचारी कोरोना से निपट लें, फिर करेंगे गोमती की सफाई

जल शक्ति मंत्री डॉक्टर महेंद्र सिंह और नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन ने 2 महीने पहले गोमती नदी में बढ़ रही जलकुंभी को लेकर निरीक्षण किया था और साफ सफाई करने का निर्देश भी दिया था. निर्देश के बाद भी सफाई की बात आई-गई रह गई. नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन का कहना है कि कोविड-19 के कारण नगर निगम के बड़ी संख्या में कर्मचारी संक्रमित हुए हैं. इसके अलावा नगर निगम के कर्मचारियों को सैनिटाइजेशन के कार्य में लगाया गया है, इस कारण गोमती नदी में सफाई अभियान अभी नहीं चलाया जा सका. जल्द ही गोमती में मशीनों से जलकुंभी को हटाया जाएगा.

लखनऊः गोमती की साफ-सफाई हमेशा से एक बड़ा मुद्दा रहा है. आचमन तो दूर, इसमें स्नान करने में लोग हिचकते हैं. अभी लखनऊ की जीवनदायिनी नदी की हालत यह है कि यह समझना कठिन हो गया है कि इस गोमती में जलकुंभी है या जलकुंभी में गोमती. फिलहाल इसकी साफ-सफाई के जाने के तमाम दावे भी जलकुंभी में खो गए हैं.

रिपोर्ट.

लखनऊ के झूलेलाल पार्क गोमती नगर से भैसा कुंड के बीच लगभग 5 किलोमीटर तक गोमती नदी में सिर्फ जलकुंभी के दर्शन होते हैं, पानी के नहीं. नदियों की सफाई पर 25 वर्षों से काम करने वाले ऋद्धि गौड़ का कहना है कि गोमती लखनऊ की जीवनदायिनी नदी है. बीजेपी सत्ता में आने से पहले नदियों को साफ करने का दावा करती थी. असल में नदियों की सफाई नहीं हुई. लोगों को गोमती में आचमन करने तक में समस्या हो रही हैं.

गोमती नदी में जलकुंभी.
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