लखनऊः इजराइल पर हुए हमास के हमले के बाद वहां काफी तबाही हुई है. वहां की मौजूदा स्थिति को सुधारने के लिए इजराइल दूसरे देशों से कारीगरों को बुला रहा है. इसके लिए इसराइल अपने इलाकों को संवारने के लिए उत्तर प्रदेश के कारीगरों को अपने यहां काम करने का मौका दे रहा है. पहले उत्तर प्रदेश के कारीगरों को 1 साल के लिए वहां पर काम करने का मौका मिलेगा. इच्छुक श्रमिकों को तत्काल पासपोर्ट बनवाने के लिए श्रम विभाग की ओर से सलाह दी गई है.
इजराइल ने युद्ध में खंडहर हो चुके अपनी इमारतों को दोबारा बनाने का फैसला किया है. यह निर्माण सुरक्षित स्थानों पर किए जाएंगे. इसके लिए इजराइल को राजमिस्त्री, टाइल्स कारीगर, शटरिंग कारीगर और जाल बिछाने वाले कारीगरों की आवश्यकता है. इसके लिए भारत सरकार राष्ट्रीय कौशल विकास कॉरपोरेशन के माध्यम से इजराइल से कारीगरों को भेजेगा.
वहां काम करने वाले श्रमिकों को भारतीय मुद्रा में 125000 रुपए प्रति माह का वेतन दिया जाएगा. इसके अलावा उन्हें ₹15000 प्रतिमा बोनस के तौर पर मिलेंगे. यह रकम कंपनी के खाते में जमा होगी, जिसे काम खत्म होने पर कारीगरों को दिया जाएगा. सहायक श्रमायुक्त शिप्रा चतुर्वेदी ने बताया कि इच्छुक श्रमिक, जिनके पास पासपोर्ट नहीं हैं, वह तत्काल इसके लिए आवेदन कर सकते हैं. श्रमिकों को न्यूनतम एक वर्ष और अधिकतम 5 वर्ष के लिए सेवा देनी होगी.
वहां काम करने के लिए श्रमिकों को अंग्रेजी भाषा पढ़ना-बोलना और समझना आता हो. आवेदकों या उनके परिवार में पूर्व में किसी ने इजराइल में काम ना किया हो. इजराइल आने-जाने का खर्च खुद उठाना होगा और कम से कम 3 वर्ष का अनुभव होना जरूरी है. आवेदन करने वाले श्रमिकों की आयु 21 वर्ष से 45 वर्ष के बीच होना अनिवार्य है.
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