लखनऊ : उत्तर प्रदेश में योगी सरकार निवेशकों को सुरक्षा कवच देती है. इसलिए आइए और बिना किसी हिचक के राज्य के किसी भी जिले में निवेश करिए. शुक्रवार को शुरू हुए ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान केशव प्रसाद मौर्य ने फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में निवेश करने वाले इन्वेस्टर्स से कही. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश को फूड प्रोसेसिंग का हब बनाने के लिए यूपी फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीयल पॉलिसी-2023 बनाई गई है. इस दौरान यूपी में फूड पार्क के लिए 4 हजार करोड़ का एमओयू भी साइन हुआ है.
यूपी में फूड प्रोसेसिंग की संभावनाएं सेशन में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने निवेशकों के साथ चर्चा. इस दौरान उन्होंने निवेशकों को यूपी की फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीयल पॉलिसी-2023 के विषय में विस्तार से जानकारी दी. डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने बताया कि अन्य राज्यों की अपेक्षा यूपी ने सबसे अच्छी फूड प्रोसेसिंग पॉलिसी बनाई है. जब भी कोई निवेशक किसी राज्य में निवेश करने के लिए सोचता है तो वह पहले यह सोचता है कि अगर मैं निवेश करूंगा तो कितना सुरक्षित रहूंगा. इसलिए मैं निवेशकों को भरोसा दिलाता हूं कि यूपी में योगी सरकार निवेशकों को बिजनेस करने का अच्छा माहौल देने के साथ ही सुरक्षा कवच भी देती है. उन्होंने कहा कि जो निवेशक खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में निवेश करना चाहते हैं, वे यह जान लें कि यूपी की सरकार सिर्फ एक जिले का विकास नहीं कर रही. नोएडा हो या फिर गाजीपुर, लखनऊ हो या झांसी उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में विकास का संकल्प सरकार ने लिया है. इसलिए निवेशक हर जिले में अपना प्लांट लगा सकते हैं.
गाजियाबाद वाराणसी में फूड पार्क के लिए साइन हुए एमओयू : इस मौके पर मौजूद ग्रीन फ्रंटियर कैप्टिल के एमडी रूद्र डालमिया ने बताया कि इस ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान उन्होंने यूपी सरकार के साथ गाजियाबाद और वाराणसी में फूड पार्क बनाने के लिए 4 हजार करोड़ का एमओयू साइन किया है. उन्होंने बताया कि दोनों ही जिलों में 200 एकड़ में फूड पार्क बनाया जाएगा. जिससे 50 हजार रोजगार और 2 लाख किसानों को लाभ होगा. उनकी कंपनी भारत में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर यूपी में लॉन्च कर रही है. इससे पहले अन्य देशों में उनके प्रोजेक्ट चल रहे हैं.
फूड प्रोसेसिंग पॉलिसी 2023 से निवेशकों को लाभ : यूपी की फूड प्रोसेसिंग पॉलिसी-2023 के मुताबिक कृषि भूमि को गैर-कृषि भूमि में बदलने के लिए 2% शुल्क की छूट प्रदान की है. यदि प्रोजेक्ट के बीच में कोई आरक्षित जमीन आ रही है तो प्रस्तावक को जमीन के बदले में सराकर को आरक्षित भूमि के सर्किल रेट के 25% के बराबर जमीन देनी होगी. हालांकि अब से इस 25% चार्ज को माफ किया जा रहा है. लैंड यूज को बदलने के लिए चार्ज में अतिरिक्त 50 फीसदी की छूट देने का प्रावधान है. बाहरी विकास शुल्क में 75% की छूट, स्टाम्प शुल्क में 100% की छूट की योजना है. यूपी फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीयल यूनिट नीति 2023 के तहत 75 केवीए तक के सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना पर 50% की सब्सिडी दी जाती है. महिला उद्यमियों के लिए 90% सब्सिडी का प्रावधान किया गया है. कोल्ड चेन और वैल्यू एडिशन इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 35% सब्सिडी या 10 करोड़ रुपये तक का खर्च और डीप फ्रीजर, फ्रोजन स्टोरेज के लिए 50% अनुदान का प्रावधान है. इन सभी के अलावा स्टोरेज, मार्केटिंग और प्रोसेसिंग को बढ़ावा देने के लिए स्वयं सहायता समूह, किसान उत्पादक संगठन और किसानों को 50% सब्सिडी या अधिकतम 50 लाख रुपये तक का अनुदान दिया जाएगा.
पेप्सिको, ITC समेत कई निवेशकों ने किया इन्वेस्ट : उत्तर प्रदेश में फूड प्रोसेसिंग की संभावनाएं सेशन में फूड प्रोसेसिंग क्षेत्र के तमाम निवेशक मौजूद रहे. जिसमें इस समित के दौरान एक हजार करोड़ का बाराबंकी में प्लांट लगाने के लिए एमओयू साइन करने वाले पेप्सिको के प्रेसिडेंट अहमद अल शेख, यूपी में 5 हजार करोड़ का निवेश कर चुके एग्री बिजनेस ITC KE डिविजनल चीफ एक्जीक्यूटिव रजनीकांत राय, मेरिनो इंडिया के एमडी प्रकाश लोहिया समेत कई उद्योगपति मौजूद रहे.