गाजियाबाद: राजधानी से सटे गाजियाबाद के डीएम अजय शंकर पांडे ने खुद पर,अधिकारियों और कर्मचारियों पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. कलेक्ट्रेट ऑफिस में बने रेस्टरूम की छत पर टंकी से पानी ओवरफ्लो हो रहा था. जुर्माने के पैसा जल सरंक्षण के कार्यों में लगाया जाएगा. देशभर में जल संरक्षण को लेकर लगातार अभियान चलाये जा रहे हैं. ऐसे में गाजियाबाद के डीएम ने पानी के बहने के लिए खुद पर, दफ्तर के अधिकारियों और कर्मचारियों पर जुर्माना लगाकर एक मिसाल पेश की है.
पूरे स्टाफ पर लगाया जुर्माना
सोमवार को 9:30 बजे डीएम अपने कार्यालय पहुंचे और अपने कमरे की सफाई करने के बाद वह अपने रेस्टरूम पहुंचे. वहां उन्हें पानी के गिरने की आवाज सुनाई दी. इस पर उन्होंने अपने अधीनस्थ कार्यालय स्टाफ को बुलाकर पूछा कि आवाज कहां से आ रही है.
स्टाफ ने डीएम को बताया कि रेस्टरूम के पीछे लगी पानी की टंकी भर चुकी है और ओवरफ्लो हो रही है. ओवरफ्लो हो रही टंकी से पानी की बर्बादी को देखते हुए डीएम ने कलेक्ट्रेट के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों पर सामूहिक रूप से ₹10000 का जुर्माना पश्चताप शुल्क के रूप में लगाया है.
'जल संरक्षण की जिम्मेदारी सबकी'
डीएम ने कहा कि कलेक्ट्रेट ऑफिस में तमाम अधिकारी और कर्मचारी बैठते हैं. जल संरक्षण सभी की जिम्मेदारी है. दरअसल डीएम कलेक्ट्रेट के खुद मुखिया हैं. इसलिए उस जुर्माने की लिस्ट में उन्होंने खुद को भी शामिल किया है. कलेक्ट्रेट ऑफिस में बैठने वाले लगभग 30 अधिकारियों पर प्रति अधिकारी पश्चाताप शुल्क ₹100 और 100 कर्मचारियों पर प्रति कर्मचारी पश्चताप शुल्क ₹70 लगाया गया है.
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