लखनऊ: गाजियाबाद के मुरादनगर में श्मशान घाट की छत गिरने से 25 लोगों की मौत हो गई और करीब 12 लोग घायल हो गए. इस घटना के बाद से उत्तर प्रदेश में निर्माण कार्यों की गुणवत्ता के साथ हो रहे खिलवाड़ की एक बार फिर पोल खुल गई है. इस घटना के पीछे की सबसे बड़ी वजह फाउंडेशन फेल्योर माना जा रहा है. अगर सब कुछ मानकों के अनुरूप होता तो शायद इस प्रकार की घटना न होती. सरकार के स्तर पर अगर निर्माण कार्यों की गुणवत्ता को लेकर हमेशा सख्ती बरती जाए तो इस प्रकार की घटनाएं रोकी जा सकती हैं.
अभियंताओं को तकनीकी ज्ञान भी जरूरी
एके सिंह ने बताया कि सबसे पहले जरूरी यह है कि निर्माण कार्य मानक के अनुरूप हों और अभियंताओं को तकनीकी ज्ञान जरूर हो. इसके साथ ही सबसे जरूरी बात यह है कि निर्माण करने वाली एजेंसी मुख्य रूप से लोक निर्माण विभाग और राजकीय निर्माण निगम से किसी भी निर्माण कार्य को लेकर कंसलटेंट करना बहुत ही आवश्यक है. तभी ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता है.
निर्माण कार्य की गुणवत्ता से न हो समझौता
लोक निर्माण विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष एके सिंह ने बताया कि मुरादनगर श्मशान घाट के निर्माण कार्य की गुणवत्ता बिल्कुल ठीक नहीं थी. निर्माण कार्य से पहले सॉइल टेस्टिंग होती है, जिसे धारिता परीक्षण कहते हैं वह भी नहीं हुआ. अगर यह सब किया जाता तो मिट्टी का भराव करके बचाया जा सकता था. इसके साथ ही सरकारी निर्माण एजेंसियों से निर्माण की गुणवत्ता की जांच भी कराया जाना आवश्यक है. बारिश की वजह से उसका पूरा ढांचा गिर गया अगर उसमें मिट्टी का भराव होता तो शायद इतनी बड़ी घटना ना होती.
निर्माण एजेंसियों से कंसलटेंट जरूरी
उन्होंने बताया कि जितने भी सार्वजनिक निर्माण किए जाते हैं. उनकी गुणवत्ता जांच की व्यवस्था रहती है, लेकिन सभी निर्माण एजेंसियों के स्तर पर यह काम बेहतर ढंग से किया जाना चाहिए. डिपार्टमेंट कंस्ट्रक्शन है उन्हें सभी निर्माण सामग्री की बेहतर जांच हो. लोक निर्माण विभाग में भी एक अन्वेषण केंद्र है, जहां पर हर प्रकार से जांच होती है. अगर इसमें लापरवाही होगी तो फिर निर्माण कार्यों की गुणवत्ता बेहतर नहीं की जा सकेगी. अभियंताओं को डिजाइन और ड्राइंग का अनुभव नहीं होने से भी कई बार इस प्रकार की घटनाएं होती है.
ठेकेदारों के गठजोड़ भी बड़ी वजह
एके सिंह ने बताया कि ठेकेदारों के स्तर पर जो भ्रष्टाचार होता है. वह भी एक बड़ी वजह है, ऐसे हादसों की. इससे निर्माण कार्यों की गुणवत्ता कम होती है. इस पर भी सरकार को चेक एंड बैलेंस की प्रक्रिया को और बेहतर करना होगा. यह जो घटना हुई है, इसके पीछे पूरा का पूरा फाउंडेशन फेल्योर है.