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दिव्यांगों के लिए ब्रेल लिपि में गजल, शायरी और हिंदी कवियों की किताबें मुहैया करा रहा मीत वेलफेयर फाउंडेशन

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Published : Jul 20, 2023, 10:36 PM IST

मीत वेलफेयर फाउंडेशन ने ब्रेल लिपि में गजल, शायरी और हिंदी कवियों की किताबें छापने का अनोखा अभियान शुरू किया है. फाउंडेशन के अध्यक्ष रोहित कुमार मीत के अनुसार अबतक कई मशहूर शायरों की गजलों को ब्रेल लिपि में तैयार किया है. पहले चरण में करीब 2500 से अधिक साहित्य और काव्य की किताबें उपलब्ध हैं.

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दिव्यांगों के लिए ब्रेल लिपि में गजल, शायरी और हिंदी काव्य. देखें खबर



लखनऊ : लोगों को गजलें, नज्में और शेर पढ़ना सुनना काफी पसंद आता है. हमारे देश में कई ऐसे प्रसिद्ध शायर व गजल गायक हुए हैं जिनको आज भी लोग बड़ी शिद्दत से सुनना वह पढ़ना पसंद करते हैं. पर हर कोई इतना खुशकिस्मत नहीं होता कि व गालिब की शायरी और उनके नज्मों को पढ़ या सुन सके. विशेष तौर पर दिव्यांग (देख व सुन की क्षमता नहीं है) ऐसे ही लोगों के लिए राजधानी लखनऊ के एक संस्था मीत वेलफेयर फाउंडेशन की ओर से दो दर्जन से अधिक शायर, कवि और गीतकारों के कलाम को ब्रेल लिपि में तैयार किया गया है. जिससे देखने और सुनने की क्षमता नहीं रखने वाले व्यक्ति भी आसानी से इन महान शायरों की लिखी शायरियां आसानी से पढ़ सकेंगे. मीत वेलफेयर फाउंडेशन की ओर से तैयार ब्रेल लिपि किताबों को न केवल राजधानी बल्कि देश के उन सभी शिक्षक संस्थानों को भेजा जा रहा है जहां पर दिव्यांग छात्र पढ़ते हैं. संस्था की ओर से यह किताबें उन्हें मुफ्त में मुहैया कराई जाती हैं.

दिव्यांगों के लिए ब्रेल लिपि में गजल, शायरी और हिंदी काव्य.
दिव्यांगों के लिए ब्रेल लिपि में गजल, शायरी और हिंदी काव्य.




ब्रेल लिपि के बारे में सर्च किया फिर किताबें लिखीं


रोहित ने बताया कि मैंने इस बारे में अपने गुरु को बताया तो उन्होंने सबसे पहले मुझे ब्रेल लिपि के बारे में जानकारी करने को कहा. क्योंकि दिव्यांग वह दृष्टिबाधित लोग ब्रेल लिपि के माध्यम से आसानी से किताबें पढ़ते हैं. इस पर काफी रिसर्च करने के बाद धीरे-धीरे मैंने उर्दू शायरों की किताबें व उनकी रचनाओं को ब्रेल लिपि में तैयार करना शुरू कर दिया. रोहित ने बताया कि अब तक तकरीनब 2500 ब्रेल लिपि में तैयार काव्य साहित्य दृष्टिबाधित लोगों तक पंहुचाया गया. मेरी ओर से तैयार की गई किताबें लखनऊ सहित देशभर के दृष्टिबाधित स्कूलों, संस्थाओं के माध्यम से शायरी की किताबे पंहुचायी जा रही हैं. खास कर उन दृष्टिबाधित दिव्यांगों तक जिनकी रुचि शेर-ओ-शायरी में है.

दिव्यांगों के लिए ब्रेल लिपि में गजल, शायरी और हिंदी काव्य.
दिव्यांगों के लिए ब्रेल लिपि में गजल, शायरी और हिंदी काव्य.
दिव्यांगों के लिए ब्रेल लिपि में गजल, शायरी और हिंदी काव्य.
दिव्यांगों के लिए ब्रेल लिपि में गजल, शायरी और हिंदी काव्य.


मिर्जा गालिब, बशीर बद्र, गुलजार सहित दर्जनों शायरों की किताबें ब्रेल लिपि में तैयार


रोहित मीत ने बताया कि जब उन्होंने अपने इस आईडिया पर काम करना शुरू किया तो शुरू शुरू में उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. शुरुआत में ब्रेल लिपि में कोई भी प्रकाशक मेरी किताब प्रकाशित करने के लिए तैयार नहीं हो रहा था. जिसके बाद मैंने खुद का ही मीत प्रकाशन हाउस के नाम से प्रकाशन का काम शुरू किया. खुद ही काव्य साहित्य की पुस्तकें ब्रेल लिपि में छापनी शुरू कर दीं. इसमें मेरे परिवार के लोगों ने काफी मदद की. रोहित ने बताया कि उन्होंने अब तक ढाई हजार से अधिक किताबे ब्रेल लिपि में प्रकाशित की हैं. जिनमें मिर्जा गालिब, मीर, गोपाल दास नीरज, गुलजार, बशीर बद्र, बेकल उत्साही, कैफी आजमी, जावेद अख्तर, अशोक चक्रधर, अब्बास रजा नैयर, उदय प्रताप सिंह समेत कई शायरों के कलामों को ब्रेल लिपि में प्रकाशित कर चुका हूं.

यह भी पढ़ें : इलेक्ट्रिक वाहनों पर मिलेगी सब्सिडी, आवेदन के लिए पोर्टल किया गया लाइव

दिव्यांगों के लिए ब्रेल लिपि में गजल, शायरी और हिंदी काव्य. देखें खबर



लखनऊ : लोगों को गजलें, नज्में और शेर पढ़ना सुनना काफी पसंद आता है. हमारे देश में कई ऐसे प्रसिद्ध शायर व गजल गायक हुए हैं जिनको आज भी लोग बड़ी शिद्दत से सुनना वह पढ़ना पसंद करते हैं. पर हर कोई इतना खुशकिस्मत नहीं होता कि व गालिब की शायरी और उनके नज्मों को पढ़ या सुन सके. विशेष तौर पर दिव्यांग (देख व सुन की क्षमता नहीं है) ऐसे ही लोगों के लिए राजधानी लखनऊ के एक संस्था मीत वेलफेयर फाउंडेशन की ओर से दो दर्जन से अधिक शायर, कवि और गीतकारों के कलाम को ब्रेल लिपि में तैयार किया गया है. जिससे देखने और सुनने की क्षमता नहीं रखने वाले व्यक्ति भी आसानी से इन महान शायरों की लिखी शायरियां आसानी से पढ़ सकेंगे. मीत वेलफेयर फाउंडेशन की ओर से तैयार ब्रेल लिपि किताबों को न केवल राजधानी बल्कि देश के उन सभी शिक्षक संस्थानों को भेजा जा रहा है जहां पर दिव्यांग छात्र पढ़ते हैं. संस्था की ओर से यह किताबें उन्हें मुफ्त में मुहैया कराई जाती हैं.

दिव्यांगों के लिए ब्रेल लिपि में गजल, शायरी और हिंदी काव्य.
दिव्यांगों के लिए ब्रेल लिपि में गजल, शायरी और हिंदी काव्य.




ब्रेल लिपि के बारे में सर्च किया फिर किताबें लिखीं


रोहित ने बताया कि मैंने इस बारे में अपने गुरु को बताया तो उन्होंने सबसे पहले मुझे ब्रेल लिपि के बारे में जानकारी करने को कहा. क्योंकि दिव्यांग वह दृष्टिबाधित लोग ब्रेल लिपि के माध्यम से आसानी से किताबें पढ़ते हैं. इस पर काफी रिसर्च करने के बाद धीरे-धीरे मैंने उर्दू शायरों की किताबें व उनकी रचनाओं को ब्रेल लिपि में तैयार करना शुरू कर दिया. रोहित ने बताया कि अब तक तकरीनब 2500 ब्रेल लिपि में तैयार काव्य साहित्य दृष्टिबाधित लोगों तक पंहुचाया गया. मेरी ओर से तैयार की गई किताबें लखनऊ सहित देशभर के दृष्टिबाधित स्कूलों, संस्थाओं के माध्यम से शायरी की किताबे पंहुचायी जा रही हैं. खास कर उन दृष्टिबाधित दिव्यांगों तक जिनकी रुचि शेर-ओ-शायरी में है.

दिव्यांगों के लिए ब्रेल लिपि में गजल, शायरी और हिंदी काव्य.
दिव्यांगों के लिए ब्रेल लिपि में गजल, शायरी और हिंदी काव्य.
दिव्यांगों के लिए ब्रेल लिपि में गजल, शायरी और हिंदी काव्य.
दिव्यांगों के लिए ब्रेल लिपि में गजल, शायरी और हिंदी काव्य.


मिर्जा गालिब, बशीर बद्र, गुलजार सहित दर्जनों शायरों की किताबें ब्रेल लिपि में तैयार


रोहित मीत ने बताया कि जब उन्होंने अपने इस आईडिया पर काम करना शुरू किया तो शुरू शुरू में उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. शुरुआत में ब्रेल लिपि में कोई भी प्रकाशक मेरी किताब प्रकाशित करने के लिए तैयार नहीं हो रहा था. जिसके बाद मैंने खुद का ही मीत प्रकाशन हाउस के नाम से प्रकाशन का काम शुरू किया. खुद ही काव्य साहित्य की पुस्तकें ब्रेल लिपि में छापनी शुरू कर दीं. इसमें मेरे परिवार के लोगों ने काफी मदद की. रोहित ने बताया कि उन्होंने अब तक ढाई हजार से अधिक किताबे ब्रेल लिपि में प्रकाशित की हैं. जिनमें मिर्जा गालिब, मीर, गोपाल दास नीरज, गुलजार, बशीर बद्र, बेकल उत्साही, कैफी आजमी, जावेद अख्तर, अशोक चक्रधर, अब्बास रजा नैयर, उदय प्रताप सिंह समेत कई शायरों के कलामों को ब्रेल लिपि में प्रकाशित कर चुका हूं.

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