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जल निगम में टेक्निकल स्टाफ की कमी: महाप्रबंधक

उत्तर प्रदेश जल निगम स्मार्ट सिटी योजना के तहत राजधानी लखनऊ को विकसित करने का काम कर रहा है. इसके तहत लखनऊ में सीवरेज व पेयजल की पाइपलाइन भी बिछाई जा रही है. जल निगम के महाप्रबंधक का कहना है कि जल्द ही कर्मचारियों की कमी पूरी कर ली जाएगी और जल निगम गुणवत्ता पर काम करेगा.

जल निगम के महाप्रबंधक अनिल कुमार तृतीय.
जल निगम के महाप्रबंधक अनिल कुमार तृतीय.
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Published : Apr 1, 2021, 6:36 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश जल निगम विभाग टेक्निकल स्टाफ की कमी से जूझ रहा है. हालत यह है कि जल निगम में कार्यरत कर्मचारियों को देने तक के पैसे नहीं हैं. ऐसे में विगत छह माह से अपने बकाए वेतन की मांग को लेकर कर्मचारियों ने कई बार प्रदर्शन किया. हालांकि महाप्रबंधक अनिल कुमार तृतीय ने इन कर्मचारियों का तीन माह का वेतन स्वीकृत करा दिया है, लेकिन तीन माह का वेतन अभी बाकी है.

जानकारी देते जल निगम के महाप्रबंधक अनिल कुमार तृतीय.

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए जल निगम के महाप्रबंधक अनिल कुमार तृतीय का कहना है कि दिसंबर 2020 तक तीन महीने की सैलरी जल निगम के कर्मचारियों को दिलाई जा रही है. जल्द ही बकाए वेतन का भी भुगतान करा दिया जाएगा. इसके लिए सरकार से सहयोग भी मिला. इसके तहत 72 करोड़ का लोन भी लिया गया है.

पंचायती राज से मिला सवा दो करोड़ का बकाया
जल निगम के महाप्रबंधक अनिल कुमार तृतीय ने बताया कि पंचायती राज विभाग का सवा दो करोड़ रुपये का काफी दिनों से बकाया था. इसके साथ ही बबीना में जो काम कराया गया, उसका भी पैसा मिला. इन पैसों से कर्मचारियों का वेतन दिया गया. सरकार का भी काफी सहयोग रहा.

महाप्रबंधक ने स्वीकारी टेक्निकल स्टाफ की कमी
जल निगम के महाप्रबंधक अनिल कुमार तृतीय ने स्वीकार करते हुए कहा कि निश्चित रूप से जल निगम में टेक्निकल स्टाफ की कमी है. आने वाले समय में इसकी और कमी होने वाली है. फाइनेंशियल ईयर में स्टाफ में नियुक्ति का काम शुरू किया जा रहा है. महाप्रबंधक का कहना है कि टेक्निकल स्टाफ रहेगा तो निश्चित रूप से गुणवत्ता पर काम किया जाएगा और कर्मचारियों की कार्य क्षमता भी बढ़ेगी. महाप्रबंधक का कहना है कि अभी जितने खर्च हो रहे हैं, उसके सापेक्ष आय नहीं हो पा रही है.

13,317 कर्मचारियों के सापेक्ष 9,116 पद भरे
जल निगम के महाप्रबंधक अनिल कुमार तृतीय ने बताया कि जल निगम के प्रदेश भर में 13,317 कर्मचारियों के पद हैं, जिसमें से केवल 9,116 कर्मचारी पदों पर तैनात हैं. सहायक अभियंता, अधीक्षण अभियंता, जूनियर इंजीनियर, सहायक लेखाकार, लेखाकार, लिपिक लेखा अधिकारी सभी संवर्ग में कर्मचारियों की कमी है. निश्चित रूप से इसका प्रभाव जल निगम के कार्यों पर पड़ा है. जल्दी पदों पर भर्ती की जाएगी, जिससे इस समस्या से निदान मिल सके.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश जल निगम विभाग टेक्निकल स्टाफ की कमी से जूझ रहा है. हालत यह है कि जल निगम में कार्यरत कर्मचारियों को देने तक के पैसे नहीं हैं. ऐसे में विगत छह माह से अपने बकाए वेतन की मांग को लेकर कर्मचारियों ने कई बार प्रदर्शन किया. हालांकि महाप्रबंधक अनिल कुमार तृतीय ने इन कर्मचारियों का तीन माह का वेतन स्वीकृत करा दिया है, लेकिन तीन माह का वेतन अभी बाकी है.

जानकारी देते जल निगम के महाप्रबंधक अनिल कुमार तृतीय.

ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए जल निगम के महाप्रबंधक अनिल कुमार तृतीय का कहना है कि दिसंबर 2020 तक तीन महीने की सैलरी जल निगम के कर्मचारियों को दिलाई जा रही है. जल्द ही बकाए वेतन का भी भुगतान करा दिया जाएगा. इसके लिए सरकार से सहयोग भी मिला. इसके तहत 72 करोड़ का लोन भी लिया गया है.

पंचायती राज से मिला सवा दो करोड़ का बकाया
जल निगम के महाप्रबंधक अनिल कुमार तृतीय ने बताया कि पंचायती राज विभाग का सवा दो करोड़ रुपये का काफी दिनों से बकाया था. इसके साथ ही बबीना में जो काम कराया गया, उसका भी पैसा मिला. इन पैसों से कर्मचारियों का वेतन दिया गया. सरकार का भी काफी सहयोग रहा.

महाप्रबंधक ने स्वीकारी टेक्निकल स्टाफ की कमी
जल निगम के महाप्रबंधक अनिल कुमार तृतीय ने स्वीकार करते हुए कहा कि निश्चित रूप से जल निगम में टेक्निकल स्टाफ की कमी है. आने वाले समय में इसकी और कमी होने वाली है. फाइनेंशियल ईयर में स्टाफ में नियुक्ति का काम शुरू किया जा रहा है. महाप्रबंधक का कहना है कि टेक्निकल स्टाफ रहेगा तो निश्चित रूप से गुणवत्ता पर काम किया जाएगा और कर्मचारियों की कार्य क्षमता भी बढ़ेगी. महाप्रबंधक का कहना है कि अभी जितने खर्च हो रहे हैं, उसके सापेक्ष आय नहीं हो पा रही है.

13,317 कर्मचारियों के सापेक्ष 9,116 पद भरे
जल निगम के महाप्रबंधक अनिल कुमार तृतीय ने बताया कि जल निगम के प्रदेश भर में 13,317 कर्मचारियों के पद हैं, जिसमें से केवल 9,116 कर्मचारी पदों पर तैनात हैं. सहायक अभियंता, अधीक्षण अभियंता, जूनियर इंजीनियर, सहायक लेखाकार, लेखाकार, लिपिक लेखा अधिकारी सभी संवर्ग में कर्मचारियों की कमी है. निश्चित रूप से इसका प्रभाव जल निगम के कार्यों पर पड़ा है. जल्दी पदों पर भर्ती की जाएगी, जिससे इस समस्या से निदान मिल सके.

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