लखनऊ: सपा नेता और दुष्कर्म के आरोपी गायत्री प्रजापति के मैनेजर रहे ब्रज भवन चौबे ने बुधवार को ईडी के सामने बयान देने से इनकार कर दिया. गायत्री प्रजापति मामले में बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मुकदमा दर्ज कराया गया था.
चित्रकूट की पैंतीस वर्षीय महिला ने तत्कालीन सपा सरकार में खनन मंत्री गायत्री प्रजापति और उनके साथियों पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था. महिला का आरोप था कि गायत्री प्रजापति ने चाय में नशीला पदार्थ मिलाकर उसे दिया था. चाय पीने के बाद वह बेहोश हो गई, जिसके बाद गायत्री और उनके आवास पर मौजूद अशोक तिवारी, पिंटू सिंह, विकास वर्मा ,चंद्रपाल रूपेश और आशीष शुक्ला ने उसके साथ दुष्कर्म किया. दुष्कर्म के दौरान इन लोगों ने उसका वीडियो बनाकर उसे ब्लैकमेल किया गया. महिला का आरोप है कि पार्क रोड स्थित विधायक आवास पर उससे एक महीने तक दुष्कर्म किया जाता रहा.
मैनेजर ने सरकारी गवाह बनने की जताई थी इच्छा
गायत्री प्रजापति के मामले उसके मैनेजर ब्रज भवन चौबे ने कमिश्नर को पत्र लिखकर सरकारी गवाह बनने की इच्छा जताई थी. ब्रज भवन का कहना था कि उनके पास गायत्री और उनके परिवार के घोटालों के बारे में काफी जानकारी है. इसके साथ ही उन्होंने पत्र में लिखा था कि निदेशालय की गायत्री प्रजापति के अवैध खनन से करोड़ों रुपये कमाने की विवेचना चल रही है. गायत्री ने खुद के परिवार और रिश्तेदारों, कर्मचारियों के नाम से सैकड़ों करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति अर्जित की है. वहीं मैनेजर काले धन और बेनामी संपत्तियों के बारे में जानकारी साझा करना चाहता था.
मैनेजर ने दर्ज कराया था मुकदमा
ब्रज भवन ने गायत्री प्रजापति पर लखनऊ के गोमती नगर विस्तार थाने में मुकदमा दर्ज कराया था. उन्होंने आरोप लगाया कि गायत्री ने जेल में रहते हुए पीड़िता को आरोप वापस लेने के लिए करोड़ों की बेनामी संपत्ति दिलवाई थी. ईडी इस मामले में गायत्री प्रजापति और उनके दोनों बेटों का बयान दर्ज करा चुकी है.
इस मामले की जांच ईडी द्वारा कराई जा रही है. मामले में तत्कालीन मंत्री गायत्री प्रजापति के मैनेजर ब्रज भवन चौबे ने वकील के जरिए यह जानकारी दी कि उसको हत्या की आशंका है. ब्रज भवन चौबे ने बताया कि उन्हें उनकी बेटी के अपहरण और हत्या की बराबर धमकियां गायत्री प्रजापति की तरफ से दी जा रही हैं. वहीं यूपी में करोड़ों की संपत्ति का विवरण न देने का दबाव बनाया जा रहा है. पीड़ित ने पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर संदिग्धों से पीछा छुड़ाने की बात कही और अपनी जान की सुरक्षा मांगी गई है.