लखनऊ : यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर नौकरी दिलाने के नाम पर युवक से छह लाख रुपए लेकर फर्जी ज्वाइनिंग लेटर (fake joining letter) देने का मामला सामने आया है. मामले की जानकारी होने के बाद युवक ने मुकदमा दर्ज कराया है.
पुलिस के मुताबिक, आलमबाग के रहने वाले युवक पवन कुमार वर्मा शिकायत दर्ज कराई की उसके करीबी मित्र सर्वेश कुमार रावत ने उसको बताया कि कि उसकी बहन वंदना रावत एक विवि में समाजशास्त्र विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर तैनात है. सर्वेश ने बताया कि उसकी बहन वंदना के पास विवि में सहायक प्रोफेसर के कुछ पद रिक्त हैं और वह नौकरी दिला सकती है. उसके एवज में जो खर्चा आएगा वह तुम को देना होगा. सुरेश ने पवन को अपनी बहन वंदना रावत से मिलाया वंदना के कहने पर पवन ने नौकरी के लिए छह लाख रुपए दे दिए. पुलिस के मुताबिक, पवन को विश्वास दिलाने के लिए 4 दिसंबर 2019 का एक फर्जी ज्वाइनिंग लेटर दे दिया गया.
पीड़ित ने शिकायत दर्ज कराई है कि विश्वविद्यालय के लेटर पैड (नंबर -82/SAS) 13 दिसंबर 2021 को मेडिकल कराने के लिए जारी किया गया. जिसमें कहा गया कि अपना मेडिकल कराकर यूनिवर्सिटी में दाखिल करें. इसके बाद पवन ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी लखनऊ से सरकारी सेवा के लिए स्वास्थ्य का प्रमाण पत्र प्राप्त कर वंदना को दे दिया. आरोप है कि 26 अप्रैल 2022 को रेगुलर पद पर नियुक्ति पत्र जारी किया. जब पवन अपना नियुक्ति पत्र लेकर विवि पहुंचा. जहां उसको पता चला कि ज्वाइनिंग लेटर फर्जी तरीके से बनाया गया है. पवन का आरोप है कि पैसे वापस मांगने पर सर्वेश व उसकी बहन वंदना समेत अन्य लोगों ने जान से मारने की धमकी देते हुए उसको भगा दिया.
इंस्पेक्टर तालकटोरा रिकेश कुमार ने बताया कि यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर नौकरी दिलाने के नाम पर एक बेरोजगार युवक से ₹6 लाख लेकर उसको फर्जी ज्वाइनिंग लेटर थमाने का मामला सामने आया है. जिसको लेकर पीड़ित ने चार लोगों के खिलाफ तहरीर दी है. शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर जांच की जा रही है.
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