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लखनऊ में कूड़ा उठान की व्यवस्था चौपट, फिर भी इकोग्रीन कंपनी पर शासन मेहरबान? - Lucknow Municipal Corporation

लखनऊ में कूड़ा उठान की व्यवस्था (Garbage collection system in Lucknow) बेपटरी हो गयी है. इसके चलते लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

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Published : Apr 11, 2023, 6:50 AM IST

लखनऊ: शहर में पटरी से पूरी तरह उतर चुकी कूड़ा उठान व्यवस्था के लिए जिम्मेदार एजेंसी इकोग्रीन पर शासन ने मेहरबानी दिखायी है. सोमवार को प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात ने कूड़ा प्रबंधन की समीक्षा की. नगर विकास विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार फिलहाल इकोग्रीन से करार निरस्त करने के मूड में शासन नहीं है. एक बार फिर एजेंसी को मौका देने के निर्देश दिए गए हैं.

लखनऊ में कूड़ा उठान की व्यवस्था (Garbage collection system in Lucknow) की समीक्षा करने के लिए सोमवार देर शाम जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार, नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने बैठक कर एजेंसी से काम लेने की कार्ययोजना पर मंथन किया. शहर में कूड़ा कलेक्शन व निस्तारण का काम करने वाली निजी कंपनी मेसर्स इकोग्रीन एनर्जी से काम छिनने की तैयारी थी. मंडलायुक्त डॉ. रोशन जैकब ने संस्था को टर्मिनेशन नोटिस जारी करने के लिए नगर निगम प्रशासक व डीएम को पत्र लिखा था. हालांकि नगर निगम प्रशासन की ओर से भी संस्था से अनुबंध निरस्त करने के लिए शासन को पत्र लिखा गया था.

नगर आयुक्त ने हर पहलू पर विचार विमर्श के बाद कंपनी के खिलाफ नोटिस जारी करने के साथ ही अनुबंध निरस्त करने का प्रस्ताव तैयार किया था, लेकिन ये कवायद धरी रह गयी. उच्च अधिकारियों की चाइनीज कंपनी इकोग्रीन पर मेहरबानी से शहर की जनता को कूड़े की समस्या का सामना करना पड़ेगा. हालांकि अधिकारी यह भी कह रहे हैं कि कंपनी के साथ त्रिपक्षीय करार है, इसलिए आसानी से अनुबंध को निरस्त नहीं किया जा सकता है. अभी निकाय चुनाव की प्रक्रिया चल रही है और आचार संहिता लागू है. ऐसे में चुनाव प्रक्रिया फाइनल होने तक इकोग्रीन ही कूड़ा कलेक्शन और निस्तारण की जिम्मेदारी संभालेगी.

बता दें कि सॉलिड वेस्ट परियोजना के अन्तर्गत नगर निगम क्षेत्र में घर-घर से कूड़े के संग्रहण, परिवहन, प्रसंस्करण एवं निस्तारण कार्य के लिए मेसर्स इकोग्रीन एनर्जी लखनऊ प्रा. लि. के साथ 21 मार्च 2017 को त्रिपक्षीय अनुबन्ध किया गया था. इकोग्रीन संस्था के अपने कार्यों के प्रति रूचि न लिये जाने के कारण नगर निगम क्षेत्र में घर-घर से कूड़े के संग्रहण सेग्रीगेशन, परिवहन, प्रसंस्करण एवं निस्तारण कार्य प्रभावित हो रहा है. साथ ही संस्था की ओर से स्वच्छ भारत मिशन-2.0 की गाइडलाइन एवं सॉलिड वेस्ट मैनेजमेन्ट नियमावली-2016 में निर्देशित कार्यों का पूर्ण अनुपालन भी नहीं किया जा रहा है.

भुगतान होने के बाद भी इकोग्रीन अपने वेण्डर्स एवं कर्मचारियों को वेतन नहीं दे रही है. इससे वाहनों के प्रचालन एवं कूड़े के नियमित उठान में समस्या आ रही है. लगातार शिकायतें आ रही हैं. इकोग्रीन को शहर की सॉलिड वेस्ट मैनेजमेन्ट परियोजना, जनस्वास्थ्य को प्रभावित किये जाने एवं विषम स्थितियां उत्पन्न करते हुए सरकारी कार्यों में बाधा पहुंचाने व संस्था के शीर्ष अधिकारियों की ओर से कार्यो में रुचि न लिये जाने तथा अनुबन्ध की शर्तों व नियमों का अनुपालन न किये जाने के क्रम में एक लीगल नोटिस भी लखनऊ नगर निगम (Lucknow Municipal Corporation) की ओर से जारी की गयी थी.

ये भी पढ़ें- Rinku Singh ने भी पिता के साथ उठाए हैं सिलेंडर, छोड़ दी थी झाडू़-पोछा लगाने की नौकरी

लखनऊ: शहर में पटरी से पूरी तरह उतर चुकी कूड़ा उठान व्यवस्था के लिए जिम्मेदार एजेंसी इकोग्रीन पर शासन ने मेहरबानी दिखायी है. सोमवार को प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात ने कूड़ा प्रबंधन की समीक्षा की. नगर विकास विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार फिलहाल इकोग्रीन से करार निरस्त करने के मूड में शासन नहीं है. एक बार फिर एजेंसी को मौका देने के निर्देश दिए गए हैं.

लखनऊ में कूड़ा उठान की व्यवस्था (Garbage collection system in Lucknow) की समीक्षा करने के लिए सोमवार देर शाम जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार, नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने बैठक कर एजेंसी से काम लेने की कार्ययोजना पर मंथन किया. शहर में कूड़ा कलेक्शन व निस्तारण का काम करने वाली निजी कंपनी मेसर्स इकोग्रीन एनर्जी से काम छिनने की तैयारी थी. मंडलायुक्त डॉ. रोशन जैकब ने संस्था को टर्मिनेशन नोटिस जारी करने के लिए नगर निगम प्रशासक व डीएम को पत्र लिखा था. हालांकि नगर निगम प्रशासन की ओर से भी संस्था से अनुबंध निरस्त करने के लिए शासन को पत्र लिखा गया था.

नगर आयुक्त ने हर पहलू पर विचार विमर्श के बाद कंपनी के खिलाफ नोटिस जारी करने के साथ ही अनुबंध निरस्त करने का प्रस्ताव तैयार किया था, लेकिन ये कवायद धरी रह गयी. उच्च अधिकारियों की चाइनीज कंपनी इकोग्रीन पर मेहरबानी से शहर की जनता को कूड़े की समस्या का सामना करना पड़ेगा. हालांकि अधिकारी यह भी कह रहे हैं कि कंपनी के साथ त्रिपक्षीय करार है, इसलिए आसानी से अनुबंध को निरस्त नहीं किया जा सकता है. अभी निकाय चुनाव की प्रक्रिया चल रही है और आचार संहिता लागू है. ऐसे में चुनाव प्रक्रिया फाइनल होने तक इकोग्रीन ही कूड़ा कलेक्शन और निस्तारण की जिम्मेदारी संभालेगी.

बता दें कि सॉलिड वेस्ट परियोजना के अन्तर्गत नगर निगम क्षेत्र में घर-घर से कूड़े के संग्रहण, परिवहन, प्रसंस्करण एवं निस्तारण कार्य के लिए मेसर्स इकोग्रीन एनर्जी लखनऊ प्रा. लि. के साथ 21 मार्च 2017 को त्रिपक्षीय अनुबन्ध किया गया था. इकोग्रीन संस्था के अपने कार्यों के प्रति रूचि न लिये जाने के कारण नगर निगम क्षेत्र में घर-घर से कूड़े के संग्रहण सेग्रीगेशन, परिवहन, प्रसंस्करण एवं निस्तारण कार्य प्रभावित हो रहा है. साथ ही संस्था की ओर से स्वच्छ भारत मिशन-2.0 की गाइडलाइन एवं सॉलिड वेस्ट मैनेजमेन्ट नियमावली-2016 में निर्देशित कार्यों का पूर्ण अनुपालन भी नहीं किया जा रहा है.

भुगतान होने के बाद भी इकोग्रीन अपने वेण्डर्स एवं कर्मचारियों को वेतन नहीं दे रही है. इससे वाहनों के प्रचालन एवं कूड़े के नियमित उठान में समस्या आ रही है. लगातार शिकायतें आ रही हैं. इकोग्रीन को शहर की सॉलिड वेस्ट मैनेजमेन्ट परियोजना, जनस्वास्थ्य को प्रभावित किये जाने एवं विषम स्थितियां उत्पन्न करते हुए सरकारी कार्यों में बाधा पहुंचाने व संस्था के शीर्ष अधिकारियों की ओर से कार्यो में रुचि न लिये जाने तथा अनुबन्ध की शर्तों व नियमों का अनुपालन न किये जाने के क्रम में एक लीगल नोटिस भी लखनऊ नगर निगम (Lucknow Municipal Corporation) की ओर से जारी की गयी थी.

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