फरीदाबाद: यूपी के कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक विकास दुबे फरीदाबाद में 2-3 दिन रुका था. ओयो होटेल के अलावा नहर पार की न्यू इंदिरा कॉलोनी में विकास दुबे अपने कुछ दूर के रिश्तेदारों के यहां रुका था.
फरीदाबाद की स्पेशल क्राइम टीम ने इस केस में अब तक 3 लोगों को गिरफ्तार किया है. इसमें एक विकास दुबे का गुर्गा, दूसरा विकास दुबे का भांजा कार्तिकेय उर्फ प्रभात भी गिरफ्तार हुआ है. पुलिस के मुताबिक कार्तिकेय उर्फ प्रभात कानपुर में हुए गोलीकांड में विकास दुबे के साथ मौजूद था. फरीदाबाद पुलिस को प्रभात के पास से 4 हथियार भी बरामद हुए हैं. इनमें से 2 सरकारी पिस्टल यूपी पुलिस की हैं.
फरीदाबाद पुलिस 12 बजे करेगी प्रेस कॉन्फ्रेंस
फरीदाबाद पुलिस इस पूरे मामले पर आज दोपहर 12 बजे के करीब एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके पूरी जानकारी देगी. तब इस केस से जुड़े कई पहलू साफ हो पाएंगे. अभी पुलिस कुछ भी बोलने से बच रही है. इससे पहले ये बात सामने आई थी कि यूपी का कुख्यात बदमाश और 8 पुलिसकर्मियों की हत्या का आरोपी विकास दुबे मंगलवार रात को अपने भांजे के साथ फरीदाबाद के बड़खल चौक स्थित ओयो होटल में रुका था. लेकिन एसटीएफ की दबिश की भनक लगते ही विकास वहां से फरार हो गया.
रेड के दौरान वहां विकास दुबे नहीं मिला
हालांकि पुलिस ने फरीदाबाद के इस होटल से विकास दुबे के भांजे प्रभात मिश्रा को हिरासत में लिया है. दरअसल पुलिस को खबर मिली थी कि फरीदाबाद के एक होटल में गैंगस्टर विकास दुबे छिपा हुआ है. जिसके आधार पर पुलिस ने फरीदाबाद के एक होटल में रेड की, रेड के दौरान वहां विकास दुबे नहीं मिला, लेकिन पुलिस ने उसके भांजे प्रभात मिश्रा को हिरासत में लिया, साथ ही विकास दुबे के एक गुर्गे को गिरफ्तार किया है.
जानकारी के मुताबिक फरीदाबाद के इस होटल में गैंगस्टर विकास दुबे के रिश्तेदार के नाम पर कमरा बुक किया गया था. जिसकी भनक पुलिस को लग गई थी. इसके बाद राजस्थान CIA, यूपी STF और फरीदाबाद CIA की टीम ने मिलकर होटल को घर लिया और विकास दुबे के गुर्गे और उसके भांजे को हिरासत में ले लिया.
पुलिस ने कब्जे में लिया होटल का सीसीटीवी
इस दौरान पुलिस ने पूरा होटल चेक किया और होटल स्टाफ से पूछताछ की. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए होटल का सीसीटीवी अपने कब्जे में ले लिया है. पुलिस को मिले सीसीटीवी में विकास दुबे की तरह दिखने वाला एक शख्स नज़र आ रहा है. हालांकि अभी इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि ये विकास दुबे ही है या फिर कोई और. बड़खल चौक पर बने इस ओयो होटल में करीब 30 से 35 जवान और अधिकारी सादा वर्दी में पहुंचे थे. फिलहाल पुलिस इस मामले में कुछ भी कहने को तैयार नहीं है.
फरीदाबाद के बाद गुरुग्राम में अलर्ट
कानपुर के मोस्ट वांटेड विकास दुबे के फरीदाबाद में होने की खबरों के बाद अब गुरुग्राम पुलिस अलर्ट हो चुकी है. सूत्रों के हवाले से खबर है कि मोस्ट वांटेड विकास दुबे छुपने के लिए गुरुग्राम का रुख कर सकता है. इस पूरे मामले में गुरुग्राम के कमिश्नर केके राव का ऑडियो सामने आया है. ऑडियो में पुलिस कमिश्नर केके राव पुलिस टीमों को एहतियात बरतने के आदेश दे रहे हैं.
गैंगस्टर को पकड़ने में लगीं 40 टीमें
बता दें कि कानपुर में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में यूपी पुलिस की 40 टीमें लगी हुई हैं. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए कानपुर के आसपास का पूरा इलाका छान दिया है. पुलिस यूपी-एमपी बॉर्डर, यूपी-नेपाल बॉर्डर तक पर नजर गड़ाए है. कानपुर से निकल कर जाने वाले सभी हाईवे और सड़कों पर पुलिस ने चेकिंग तेज कर दी है. हर रोज पुलिस टोल पर लगे सीसीटीवी कैमरे खंगाल रही है. लेकिन विकास दुबे का कोई सुराग नहीं मिल रहा है.
विकास दुबे ने की 8 पुलिसकर्मियों की हत्या
गैंगस्टर विकास दुबे के घर दबिश देने गई पुलिस टीम पर विकास दुबे और उसके साथियों ने जमकर फायरिंग की थी. इस हमले में डिप्टी एसपी समेत 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे, जिसके बाद पूरे प्रदेश भर में हड़कंप मच गया. बताया जा रहा है कि विकास दुबे को पुलिस की दबिश की पहले से जानकारी थी. जब पुलिस वहां पहुंची तो विकास दुबे और उसको साथी पूरी तरीके से तैयार थे और उन्हें अपने साथियों को बुलाने का मौका मिल गया. उन्होंने एक नहीं बल्कि आसपास के तीन चार मकानों की छतों से चढ़कर घेराबंदी की थी. जैसे ही पुलिस पार्टी वहां पहुंची, उन्होंने अंधाधुंध फायरिंग करना शुरू कर दिया, जिससे पुलिस के पास संभलने तक का वक्त नहीं मिला. एक लाख का इनामी विकास दुबे और उसके गुर्गे ने पेशेवर शूटरों की तरीके से ऊंचाई का भरपूर लाभ उठाते हुए पुलिसकर्मियों को निशाना बनाया.
विकास दुबे पर चौबेपुर थाने में दर्ज केस
कानपुर के चौबेपुर थाने में विकास दुबे के खिलाफ 8 केस दर्ज हैं. इनमें हत्या और हत्या के प्रयास जैसे कई गंभीर मुकदमे हैं. पिछले करीब तीन दशक से अपराध की दुनिया से विकास दुबे का नाम जुड़ा हुआ है. कई बार उसकी गिरफ्तारी भी हुई लेकिन उसे अभी तक किसी मामले में सजा नहीं मिली. इस पर एक लाख का इनाम भी था.
इन केसों के विकास दुबे पर आरोप
- 2000 में कानपुर के शिवली थाना क्षेत्र स्थित ताराचंद इंटर कॉलेज के सहायक प्रबंधक सिद्धेश्वर पांडेय की हत्या के केस में विकास दुबे के खिलाफ नामजद केस दर्ज
- 2000 में ही विकास दुबे के पर रामबाबू यादव की हत्या के मामले में साजिश रचने का आरोप
- 2004 में एक केबल व्यवसायी की हत्या में विकास दुबे का नाम
- साल 2001 में विकास दुबे पर थाने के अंदर घुसकर यूपी के तत्कालीन राज्य मंत्री संतोष शुक्ला की हत्या का आरोप
- 2018 में विकास दुबे पर अपने चचेरे भाई अनुराग पर भी जानलेवा हमला कराने का आरोप
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