ETV Bharat / state

यूपी के रेशम उत्पादों का भविष्य हो रहा उज्जवल

उत्तर प्रदेश में रेशम व्यवसाय को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राजधानी लखनऊ में पर्यटन भवन में 29 जनवरी से 2 फरवरी तक पांच दिवसीय सिल्क एक्सपो 2020-21 का आयोजन किया गया है. सिल्क एक्सपो में स्वाइल टू सिल्क परिकल्पना को साकार रूप देने के लिए रेशम कीट पालन, कोया उत्पादन और धागा करण की विभिन्न गतिविधियों को प्रदर्शित किया जा रहा है.

सिल्क एक्सपो 2020-21
सिल्क एक्सपो 2020-21
author img

By

Published : Jan 30, 2021, 10:04 PM IST

लखनऊ: प्रदेश में रेशम व्यवसाय को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पर्यटन भवन में 29 जनवरी से 2 फरवरी तक पांच दिवसीय सिल्क एक्सपो 2020-21 का आयोजन किया गया है. सिल्क एक्सपो में स्वाइल टू सिल्क परिकल्पना को साकार रूप देने के लिए रेशम कीट पालन, कोया उत्पादन और धागा करण की विभिन्न गतिविधियों को प्रदर्शित किया जा रहा है. यह प्रदर्शनी आम लोगों के लिए सुबह 11:00 बजे से रात्रि 9:00 बजे तक खुली रहेगी. एक्सपो का शुभारंभ शुक्रवार को राज्यमंत्री रेशम विभाग चौधरी उदयभान सिंह ने किया था.

आसानी से कर सकते हैं सिल्क की पहचान
सचिव व निदेशक रेशम नरेंद्र सिंह पटेल ने बताया कि प्रदर्शनी में वस्त्र परीक्षण प्रयोगशाला और केंद्रीय रेशम बोर्ड वाराणसी द्वारा प्रदर्शन किया जा रहा है. इसके माध्यम से आम लोग शुद्ध सिल्क की पहचान आसानी से कर सकते हैं. साथ ही सिल्क एक्सपो में रेशम उत्पादन की सभी विधाओं व रेशम कीटों के भोज्य व धागा उत्पादन की गतिविधियों का भी प्रदर्शन किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि सिल्क एक्सपो में कर्नाटक, मध्य प्रदेश, दिल्ली, बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश राज्यों के 29 रेशमी वस्त्र उत्पादक व व्यापारियों ने अपने स्टाल लगाए हैं. यह स्टाल व्यापारियों को बिल्कुल फ्री मुहैया कराए गए हैं.

57 जिलों में किया जा रहा है उत्पादन
उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में रेशम उत्पादन का कार्य 57 जिलों में किया जा रहा है. शहतूती (44 जनपद), टसर (13 जनपद) व एरी (8 जनपद) रेशम का उत्पादन किया जा रहा है. 25 हजार कृषक परिवार इस व्यवसाय से जुड़े हैं. प्रदेश में रेशम कीट पालन के माध्यम से सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के अंतर्गत घरेलू परिवेश में स्वरोजगार सुलभ कराने, रेशम उद्योग का सर्वागीण विकास कराने, वजन सामान को शुद्ध रेशमी वस्त्रों की पहचान के उद्देश्य एक्सपो का आयोजन किया गया है.

लखनऊ: प्रदेश में रेशम व्यवसाय को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पर्यटन भवन में 29 जनवरी से 2 फरवरी तक पांच दिवसीय सिल्क एक्सपो 2020-21 का आयोजन किया गया है. सिल्क एक्सपो में स्वाइल टू सिल्क परिकल्पना को साकार रूप देने के लिए रेशम कीट पालन, कोया उत्पादन और धागा करण की विभिन्न गतिविधियों को प्रदर्शित किया जा रहा है. यह प्रदर्शनी आम लोगों के लिए सुबह 11:00 बजे से रात्रि 9:00 बजे तक खुली रहेगी. एक्सपो का शुभारंभ शुक्रवार को राज्यमंत्री रेशम विभाग चौधरी उदयभान सिंह ने किया था.

आसानी से कर सकते हैं सिल्क की पहचान
सचिव व निदेशक रेशम नरेंद्र सिंह पटेल ने बताया कि प्रदर्शनी में वस्त्र परीक्षण प्रयोगशाला और केंद्रीय रेशम बोर्ड वाराणसी द्वारा प्रदर्शन किया जा रहा है. इसके माध्यम से आम लोग शुद्ध सिल्क की पहचान आसानी से कर सकते हैं. साथ ही सिल्क एक्सपो में रेशम उत्पादन की सभी विधाओं व रेशम कीटों के भोज्य व धागा उत्पादन की गतिविधियों का भी प्रदर्शन किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि सिल्क एक्सपो में कर्नाटक, मध्य प्रदेश, दिल्ली, बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश राज्यों के 29 रेशमी वस्त्र उत्पादक व व्यापारियों ने अपने स्टाल लगाए हैं. यह स्टाल व्यापारियों को बिल्कुल फ्री मुहैया कराए गए हैं.

57 जिलों में किया जा रहा है उत्पादन
उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में रेशम उत्पादन का कार्य 57 जिलों में किया जा रहा है. शहतूती (44 जनपद), टसर (13 जनपद) व एरी (8 जनपद) रेशम का उत्पादन किया जा रहा है. 25 हजार कृषक परिवार इस व्यवसाय से जुड़े हैं. प्रदेश में रेशम कीट पालन के माध्यम से सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के अंतर्गत घरेलू परिवेश में स्वरोजगार सुलभ कराने, रेशम उद्योग का सर्वागीण विकास कराने, वजन सामान को शुद्ध रेशमी वस्त्रों की पहचान के उद्देश्य एक्सपो का आयोजन किया गया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.