लखनऊः प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच में ISI के फंड पर हो रहे अवैध धर्मांतरण के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. ED का दावा है कि इस्लामिक दावा सेंटर (IDC) और इसके जैसी संस्थाएं विदेशी फंड के लिए अमेरिकन ऑनलाइन ट्रांजेक्शन सर्विस पे-पाल (Pay Pal) का इस्तेमाल कर रही थीं. रिमांड पर लाये गए बड़ोदरा के सलाउद्दीन ने भी पूछताछ में इस बात की पुष्टि की है. इस मामले में ED प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज कर जांच कर रही है.
बता दें कि धर्मांतरण कराने वाली संस्था इस्लामिक दावा सेंटर के संचालक मौलाना उमर गौतम को विदेशी फंड मुहैया कराने वाले बड़ोदरा के सलाउद्दीन को मंगलवार को 7 दिन की रिमांड पर ATS मुख्यालय लाया गया है. ATS के साथ ED की ATS शाखा भी उमर गौतम और सलाउद्दीन से पूछताछ कर रही है. पिछले कई घंटों की पूछताछ में दोनों आरोपियों ने कई अहम जानकारी दी है. पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि विदेशी फंड की रकम बहुत ज्यादा होती है, इसलिए इसे हवाला के जरिये मंगवाते हैं. ज्यादातर फंड फॉरेन मनी एक्सजेंच और ऑनलाइन ट्रांजेक्शन की सुविधा देने वाली अमेरिकन कंपनी पे-पाल (Pay Pal) के जरिये आता है. ATS इस जानकारी की पुष्टि करने में जुट गई है.
इरफान, राहुल और मन्नू से भी चल रही पूछताछ
धर्मांतरण मामले में यूपी एटीएस को जेल में बंद राहुल भोला, इरफान शेख और मन्नू यादव की 5 दिन की रिमांड मिली थी. शुक्रवार से एटीएस तीनों आरोपियों से ATS मुख्यालय पर पूछताछ कर रही है. सभी को अलग अलग कमरे में रखा गया है. तीनों की पूछताछ का मंगलवार आखिरी दिन है. ATS का दावा है कि इनकी पुलिस कस्टडी रिमांड बढ़ाने के लिए अर्जी दी गई है.
इटावा पुलिस ने किया था 'पे-पाल' के इस्तेमाल का खुलासा
बता दें कि इटावा पुलिस ने जनवरी में पहली बार यूपी में पेपाल के इस्तेमाल का खुलासा किया था. इटावा पुलिस ने रिलायंस जियो के टावर से लूट करके इलेक्ट्रॉनिक उपकरण अमेरिका में बेचने वाले गिरोह को पकड़ा था. पकड़े गए बदमाशों ने बताया था कि अमेरिका के बाजार में उपकरण बेचने और लेनदेन के लिए वह पे-पाल का इस्तेमाल करते हैं. इस वेबसाइट को ऑपरेट करने के लिए किसी ऐसे ब्रॉउजर का इस्तेमाल करते हैं, जिसे आसानी से ट्रेस नही किया जा सकता.
ATS ने अभी तक की छह की गिरफ्तारी
बता दें कि इस्लाम के विस्तार के क्षेत्र में काम करने वाले IDC समेत दुनिया के कई संगठन उसके संपर्क में हैं. यह संगठन भारत मे धर्म परिवर्तन के लिए फंडिंग करते हैं. इन्हीं संगठनों से वह उमर की संस्था IDC को फंड दिलवाता था. खुद उसकी संस्था FAMI को भी इन संगठनों से हर साल मोटा फंड मिलता है. एटीएस ने 21 जून को दो मुसलमान धर्मगुरुओं को साजिश के तहत हिंदुओं का धर्म परिवर्तन कराने के आरोप में गिरफ्तार किया था. इनमें से एक खुद हिंदू धर्म में पैदा हुआ था, उसने इस्लाम धर्म अपनाया था. यूपी पुलिस के मुताबिक, मोहम्मद उमर गौतम और मुफ़्ती काजी जहांगीर आलम कासमी को दिल्ली के जामिया नगर इलाके से हिरासत में लिया गया था. एटीएस के मुताबिक, उमर और जहांगीर न सिर्फ लालच, बल्कि डरा-धमकाकर भी धर्म परिवर्तित करवाते थे.
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इन दोनों ने अब तक गरीब महिलाओं के साथ मूक-मधिर गरीब बच्चों और अपाहिजों को मिलाकर 1,000 से ज्यादा लोगों का धर्मांतरण कराया है. इस प्रकरण की जांच के क्रम में यूपी एटीएस ने तीन अन्य व्यक्तियों को 28 जून को गिरफ्तार किया था. वहीं, गुजरात के बड़ौदा से गिरफ्तार सलाउद्दीन की गिरफ्तारी को लेकर अभी तक कुल 6 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं. इस संबंध में उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म सम्परिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम-2020 बनाम मु़फ्ती काजी, उमर गौतम, आईडीसी (इस्मालिक दावा सेण्टर) संस्था व अन्य नाम पता अज्ञात, थाना-एटीएस, लखनऊ पर पंजीकृत किया गया है.