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बीबीडी कैम्पस की कैंटीन में FSDA का छापा, तेल और चायपत्ती का सैंपल लिया

रविवार को खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन के अधिकारियों लखनऊ में बाबू बनारसी दास विश्वविद्यालय (Babu Banarasi Das University in Lucknow) कैम्पस में बनी कैंटीन से खाना पकाने वाले तेल और चायपत्ती का नमूना लिया गया.

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Published : Apr 3, 2023, 7:02 AM IST

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खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन Food Safety and Drug Administration लखनऊ में बाबू बनारसी दास विश्वविद्यालय बाबू बनारसी दास विश्वविद्यालय Babu Banarasi Das University Babu Banarasi Das University in Lucknow बीबीडी कैम्पस की कैंटीन में FSDA का छापा FSDA raid in Lucknow BBD campus canteen बाबू बनारसी दास विश्वविद्यालय में एफएसडीए टीम

लखनऊ: एफएसडीए (Food Safety and Drug Administration) की टीम ने बाबू बनारसी दास विश्वविद्यालय (Babu Banarasi Das University) कैम्पस में बनी कैंटीन से खाना पकाने वाले तेल और चायपत्ती का नमूना लिया. ‌पिछले दिनों यह सूचना मिली थी कि कैंटीन में बने हुए नाश्ते को खाने के बाद बीबीडी विश्वविद्यालय के कई छात्र बीमार हुए थे. इसके बाद खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की टीम ने यह कार्रवाई की.

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बाबू बनारसी दास विश्वविद्यालय कैम्पस की कैंटीन में एफएसडीए कर्मचारी

रविवार को बीबीडी विश्वविद्यालय कैंपस में बनी कैंटीन में पहुंची एफएसडीए की टीम ने जांच पड़ताल की. जांच पड़ताल करने के बाद अधिकारियों ने गुणवत्ता की जांच के लिए खाद्य तेल और चाय पत्ती के नमूने लिये. अब इन नमूनों को जांच के लिए भेजा जाएगा. अगर जांच में रिपोर्ट खराब आती है, तो बीबीडी विश्वविद्यालय के कैंपस में बनी कैंटीन के मालिकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

राजधानी लखनऊ में एफएसडीए खाद्य सामग्रियों की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए प्रयासरत रहता है. इस बार बीबीडी की कैंटीन की गुणवत्ता की जांच के लिए नमूने इकट्ठा किए गए हैं. इसके पहले भी राजधानी लखनऊ में तमाम रेस्टोरेंट, खाद्य सामान बिक्री केंद्र, और होटलों में एफएसडीए की टीम ने कार्रवाई की थी और वहां खाद्य पदार्थों के नमूने लिए थे. एफएसडीए की टीम द्वारा लिए गए नमूनों को लैब में जांच के लिए भेजा जाता है. लैब से रिपोर्ट आने के बाद उस रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाती है. अगर नमूने जांच रिपोर्ट में फेल पाए जाते हैं, तो संबंधित दुकान, रेस्टोरेंट, खाद्य सामग्री विक्रेता के खिलाफ जुर्माना लगाया जाता है.

जागरूकता के लिए हो रहे प्रयास: जहां एक ओर एफएसडीए द्वारा समय-समय पर कार्रवाई करते हुए नमूने इकट्ठा किए जाते हैं, वहीं दूसरी ओर एफएसडीए की ओर से लोगों को जागरुक करने का कार्य भी किया जा रहा है. एफएसडीए द्वारा अधिकारियों की कई टीमें तैयार की गई है, जो लोगों को आसान तरीके से खाद्य सामग्रियों की जांच करने के तरीके बताते हैं. जागरूकता अभियान के चलते आसानी से दूध, मिठाई और पेय पदार्थ की जांच के आसान और घरेलू तरीके बताए जाते हैं. एफएसडीए द्वारा पिछले दिनों खाद्य सामग्री की जांच की जागरूकता के लिए वाहनों की रैली निकाली गई थी.

ये भी पढ़ें- बस स्टेशन पर यात्रियों को पीने के पानी की दिक्कत हुई, तो नपेंगे रोडवेज के अफसर

लखनऊ: एफएसडीए (Food Safety and Drug Administration) की टीम ने बाबू बनारसी दास विश्वविद्यालय (Babu Banarasi Das University) कैम्पस में बनी कैंटीन से खाना पकाने वाले तेल और चायपत्ती का नमूना लिया. ‌पिछले दिनों यह सूचना मिली थी कि कैंटीन में बने हुए नाश्ते को खाने के बाद बीबीडी विश्वविद्यालय के कई छात्र बीमार हुए थे. इसके बाद खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की टीम ने यह कार्रवाई की.

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बाबू बनारसी दास विश्वविद्यालय कैम्पस की कैंटीन में एफएसडीए कर्मचारी

रविवार को बीबीडी विश्वविद्यालय कैंपस में बनी कैंटीन में पहुंची एफएसडीए की टीम ने जांच पड़ताल की. जांच पड़ताल करने के बाद अधिकारियों ने गुणवत्ता की जांच के लिए खाद्य तेल और चाय पत्ती के नमूने लिये. अब इन नमूनों को जांच के लिए भेजा जाएगा. अगर जांच में रिपोर्ट खराब आती है, तो बीबीडी विश्वविद्यालय के कैंपस में बनी कैंटीन के मालिकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

राजधानी लखनऊ में एफएसडीए खाद्य सामग्रियों की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए प्रयासरत रहता है. इस बार बीबीडी की कैंटीन की गुणवत्ता की जांच के लिए नमूने इकट्ठा किए गए हैं. इसके पहले भी राजधानी लखनऊ में तमाम रेस्टोरेंट, खाद्य सामान बिक्री केंद्र, और होटलों में एफएसडीए की टीम ने कार्रवाई की थी और वहां खाद्य पदार्थों के नमूने लिए थे. एफएसडीए की टीम द्वारा लिए गए नमूनों को लैब में जांच के लिए भेजा जाता है. लैब से रिपोर्ट आने के बाद उस रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाती है. अगर नमूने जांच रिपोर्ट में फेल पाए जाते हैं, तो संबंधित दुकान, रेस्टोरेंट, खाद्य सामग्री विक्रेता के खिलाफ जुर्माना लगाया जाता है.

जागरूकता के लिए हो रहे प्रयास: जहां एक ओर एफएसडीए द्वारा समय-समय पर कार्रवाई करते हुए नमूने इकट्ठा किए जाते हैं, वहीं दूसरी ओर एफएसडीए की ओर से लोगों को जागरुक करने का कार्य भी किया जा रहा है. एफएसडीए द्वारा अधिकारियों की कई टीमें तैयार की गई है, जो लोगों को आसान तरीके से खाद्य सामग्रियों की जांच करने के तरीके बताते हैं. जागरूकता अभियान के चलते आसानी से दूध, मिठाई और पेय पदार्थ की जांच के आसान और घरेलू तरीके बताए जाते हैं. एफएसडीए द्वारा पिछले दिनों खाद्य सामग्री की जांच की जागरूकता के लिए वाहनों की रैली निकाली गई थी.

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