लखनऊ: जिले के महानगर क्षेत्र में रहने वाले संकेत वर्मा के 11 वर्षीय के बेटे को ब्लड कैंसर की बीमारी थी. लखनऊ से लेकर मुंबई के अस्पतालों तक वह महीनों अपने बेटे का इलाज कराते रहे और अस्पताल में महीनों रहने के दौरान वे हर वक्त अपने कैंसर से पीड़ित बच्चे के पास मास्क लगाकर रहते थे. आज संकेत का बेटा इस दुनिया में नहीं है, लेकिन उसकी याद में उन्होंने उसके नाम से ही मास्क बनाने का काम शुरू कर दिया है.
लोगों के लिए बना रहे मास्क
संकेत वर्मा के बेटे आवेग वर्मा को अचानक डॉक्टरों ने ब्लड कैंसर होने की सूचना दी. जिसके बाद से संकेत की दुनिया बदल गई, वह अपने बेटे के इलाज के लिए लखनऊ के केजीएमयू से लेकर मुंबई के टाटा मेमोरियल अस्पताल तक बेटे के कैंसर का इलाज कराते रहे. इस दौरान डॉक्टरों के कहने पर उन्हें अपने बेटे के साथ हर वक्त मास्क लगाए रखना पड़ता था.
आज कोरोना वायरस जैसी महामारी के दौर में जब सबको मास्क लगाना अनिवार्य हो गया है, तो संकेत लोगों के लिए मास्क बना रहे हैं. संकेत एक दिन में 1000 से लेकर 2000 मास्क तैयार करते हैं. वहीं लॉकडाउन में करीब 12 लोगों को इस काम के माध्यम से उन्होंने रोजगार भी उपलब्ध कराया है.
मुफ्त में बांट रहे मास्क
संकेत सूती कपड़े के तीन प्लाई मास्क बना रहे हैं, जिसे उन्होंने उचित दामों पर लोगों को देने का काम शुरू कर दिया है. हालांकि कोरोना वॉरियर्स जैसे पुलिस, डॉक्टर और सफाईकर्मियों के लिए संकेत वर्मा मुफ्त में भी मास्क बांट रहे हैं, लेकिन आर्थिक कमी के चलते संकेत ने मास्क को बेचना भी शुरू किया है. संकेत कहते हैं कि अगर सरकार या प्रशासन से मदद मिले तो वह यूपी सहित कई राज्यों को उचित दामों पर मास्क उपलब्ध करा सकते हैं.