लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किसानों को फ्री बिजली देने का वादा किया था, लेकिन एक अप्रैल 2023 से मिलने वाली फ्री बिजली किसानों को चार माह से ज्यादा समय बीत जाने के बावजूद नहीं मिल पाई है. इतना ही नहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बकायेदारों से बिजली बिल वसूली के लिए उपभोक्ताओं को राहत देते हुए जल्द से जल्द एकमुश्त समाधान योजना लागू करने के लिए भी निर्देश अधिकारियों को दिए थे. मुख्यमंत्री का आदेश भी बिजली विभाग के अफसरों के लिए मायने नहीं रख रहा है. किसान मुफ्त बिजली योजना की उम्मीद लगाए बैठे हैं. वहीं घरेलू उपभोक्ता भी अपना बिजली का बिल जमा करने के लिए एकमुश्त समाधान योजना का इंतजार कर रहे हैं.
वर्ष 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के संकल्प पत्र में शामिल किया गया था कि उत्तर प्रदेश में सरकार बनने के बाद किसानों को मुफ्त बिजली की सौगात दी जाएगी. इस घोषणा से किसानों ने भारतीय जनता पार्टी को वोट दिया और फिर से सत्ता पर काबिज करा दिया. अब किसानों की उम्मीद टूटने लगी है. भाजपा की तरफ से संकल्प पत्र में जो वादा किया गया था वह अब तक पूरा नहीं हो पाया है. बजट सत्र में सरकार ने मुफ्त बिजली देने का एलान भी कर दिया इससे किसान खुश भी हुए, लेकिन एक अप्रैल 2023 से लागू होने वाली किसानों के लिए मुफ्त बिजली की व्यवस्था अब तक लागू नहीं हो पाई है. किसान लगातार उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री और पाॅवर काॅरपोरेशन के अधिकारियों से मुफ्त बिजली देने की मांग कर रहे हैं, लेकिन किसी के कान पर जूं नहीं रेंग रही है. किसान अब नाउम्मीद हो चले हैं. हालांकि सरकार की तरफ से यह जरूर कहा जा रहा है कि किसानों को फ्री बिजली जरूर दी जाएगी. कबसे दी जाएगी ये समय नहीं बताया जा रहा है.
सरकार से जब 1854 करोड़ मिलें तब किसानों को मुफ्त बिजली मिले
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा का कहना है कि एक अप्रैल 2023 से किसानों के बिजली फ्री करने के लिए विधानसभा में बजट सत्र में यह व्यवस्था की गई थी. उसमें एक दिक्कत आ रही है कि लगभग 1854 करोड़ और अभी उत्तर प्रदेश सरकार जब अतिरिक्त सब्सिडी देगी तब जाकर किसानों की बिजली फ्री हो पाएगी. रेगुलेटर ने जो फैसला सुना दिया, इसके बाद लगभग 1854 करोड़ रुपये का अंतर आ रहा है. जब तक सरकार यह नहीं देगी तब तक किसानों की बिजली फ्री नहीं हो पाएगी.