लखनऊ : ऊर्जा क्षेत्र में किसानों को वर्ष 2023 -24 के लिए 100 प्रतिशत विद्युत बिलों में छूट के एलान से एक अप्रैल से उत्तर प्रदेश भी किसानों को फ्री बिजली देने वाला छठा राज्य बन जाएगा. इसके साथ ही उत्तर प्रदेश में एक जनवरी 2022 से ग्रामीण व शहरी किसानों के लिए लागू वर्तमान दर में 50 प्रतिशत की छूट राज्य सरकार के आदेश पर दी जा रही है. अब अगर 100 प्रतिशत की छूट लागू होगी तो किसानों की बिजली फ्री हो जाएगी. उपभोक्ता परिषद ने किसानों को विद्युत बिल में 100 प्रतिशत छूट का एलान करने के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया.
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से जो बजट विधानसभा में पेश किया गया है उसमें ऊर्जा क्षेत्र के मामले में कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं. इसमें प्रमुख रूप से प्रदेश के लगभग 14 लाख किसानों की जो बिजली दरें आधी थीं और प्रदेश सरकार उसके लिए राजकीय सब्सिडी दे रही थी. अब वर्ष 2023 -24 में राज्य सरकार ने 100 फीसद विद्युत बिलों में छूट की घोषणा की है. इसके लिए अतिरिक्त 1500 करोड़ रुपये की व्यवस्था भी प्रस्तावित की गई है.
अभी तक उत्तर प्रदेश सरकार जो एक जनवरी 2022 से किसानों की ट्यूबवेल के लिए 50 प्रतिशत बिजली दरों में छूट दे रही थी उसके लिए लगभग 1250 करोड़ रुपये की अतिरिक्त सब्सिडी दे रही थी. उससे निश्चित तौर पर प्रदेश के किसानों को बहुत बड़ा लाभ मिल जाएगा. यह उत्तर प्रदेश सरकार ने चुनाव के पहले अपने घोषणापत्र में कहा भी था कि सरकार बनने के बाद जो अभी आधी बिजली का मूल्य किसान चुका रहे हैं उसे फ्री किया जाएगा. बजट से यह बात साफ हो गई है कि एक अप्रैल 2023 से किसानों की बिजली पूरी तरह फ्री हो जाएगी. उत्तर प्रदेश भी किसानों को फ्री बिजली देने वाला देश का छठा राज्य उत्तर प्रदेश बन जाएगा. पारेषण तंत्र की क्षमता बढाने की जो बात कही गई है वह भी उचित है. रिवैंप डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम के लिए 6500 करोड़ की व्यवस्था भी वितरण क्षेत्र को मजबूती प्रदान करेगी. सब मिलाकर ऊर्जा क्षेत्र का बजट पिछले वर्षो की अपेक्षा ज्यादा उपयोगी साबित होगा.
अगर बात करें हरियाणा की तो वहां किसानों की बिजली टोकन 10 पैसे प्रति यूनिट है. पुडुचरी में भी टोकन 10 पैसे प्रति यूनिट है. परिषद अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि प्रदेश में कुल 14 लाख 32 हजार 410 विद्युत उपभोक्ता ट्यूबवेल के हैं. उनका संयोजित भार 8806046 किलोवाट है. उनके लिए वर्ष 2023-24 आंकडों पर नजर डालें तो कुल 19276 मिलियन यूनिट बिजली की जरूरत होती है जिसकी कुल लागत लगभग 3451 करोड़ रुपये है.
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