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जनसेवा केंद्रों पर मुफ्त आयुष्मान कार्ड बनना शुरू - up news

जनसेवा केंद्रों पर अब आयुष्मान भारत योजना के लिए मुफ्त में कार्ड बनाया जाएगा. लखनऊ सीएमओ डॉ. संजय भटनागर ने कहा कि अभी तक अस्पतालों में जो मुफ्त कार्ड बनते थे वह अब जनसेवा केंद्रों पर भी बनेंगे. साथ ही लाभार्थी को कम्प्यूटरीकृत पर्ची के बजाए अब प्लास्टिक का स्मार्ट कार्ड मिलेगा.

आज से जनसेवा केंद्रों पर मुफ्त
आज से जनसेवा केंद्रों पर मुफ्त
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Published : Mar 10, 2021, 10:55 AM IST

लखनऊ: देशभर में अब जनसेवा केंद्रों पर बुधवार से आयुष्मान योजना के लिए मुफ्त में कार्ड बनेगा. साथ ही इसका नाम 'गोल्डन कार्ड' से बदलकर आयुष्मान कार्ड कर दिया गया है. लाभार्थी को कम्प्यूटरीकृत पर्ची के बजाए अब प्लास्टिक का स्मार्ट कार्ड मिलेगा.


स्टेट हेल्थ एजेंसी (साची) की सीईओ संगीता सिंह के मुताबिक 10 मार्च से 24 मार्च तक प्रदेश में 'आपके द्वार आयुष्मान' अभियान चलेगा. ऐसे में योजना के तहत लाभार्थियों को जहां अभी तक कागज के गोल्डेन कार्ड बनाए जाते थे, वहीं अब इसका नाम आयुष्मान कार्ड होगा. इसके साथ ही गोल्डन कार्ड के रूप में मिलने वाली पर्ची का झंझट भी खत्म होगा. लाभार्थियों का नया कार्ड सुरक्षित व टिकाऊ होगा. इसके लिए पीवीसी (प्लास्टिक) कार्ड बनेंगे.

जनसेवा केंद्र नहीं ले सकेंगे शुल्क
शासन ने मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को पत्र जारी कर दिया है. इसमें जनसेवा केंद्रों पर 30 रुपये लेकर बनाए जाने वाले कार्ड को फ्री में बनवाने के निर्देश दिए हैं. वहीं गोल्डन कार्ड की जगह यह आयुष्मान कार्ड होगा. मुफ्त आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए नेशनल हेल्थ अथॉरिटी व कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) के बीच करार हुआ है. कॉमन सर्विस सेंटर को प्रति कार्ड सरकार शुल्क अदा करेगी, जबकि लाभार्थी को फ्री में मिलेगा. दरअसल, मुफ्त में कार्ड बनाने का मकसद योजना को रफ्तार देना है.



60 दिन में आएगा कार्ड

अभियान के तहत लाभार्थी के जनसेवा केंद्र पर पहुंचने पर पहले राशन कार्ड व आधार कार्ड से वेरिफिकेशन होगा. ऑटो अप्रूवल होकर लाभार्थी का ब्योरा नेशनल हेल्थ एजेंसी के सॉफ्टवेयर पर पहुंच जाएगा. तत्काल लाभार्थी को एक आईडी नम्बर मिल जाएगा. इसके जरिए वह अस्पताल में मुफ्त इलाज करा सकेगा. वहीं, 60 दिनों के भीतर प्लास्टिक का आयुष्मान कार्ड लेकर जनसेवा केंद्र का संचालक घर पहुंचेगा.

11वें नम्बर पर लखनऊ
लखनऊ सीएमओ डॉ. संजय भटनागर के मुताबिक अभी तक अस्पतालों में मुफ्त कार्ड बनते थे. अब जनसेवा केंद्रों पर भी बनेंगे. पत्रकार वार्ता में सीएमओ ने कहा कि आयुष्मान कार्ड बनाने में लखनऊ 11 वें स्थान पर है. इस अभियान से योजना को रफ्तार मिलेगी. कुल 185908 परिवारों का आयुष्मान कार्ड बनना है. इनमें ग्रामीण क्षेत्र के 71269 व शहरी क्षेत्र में 114639 परिवार हैं.

फैक्ट फाइल


- देश मे वर्ष 2018 में लांच हुई आयुष्मान भारत योजना
- यूपी में सितंबर 2018 से लाभार्थियों को मिलने लगा मुफ्त इलाज
- यूपी में छह करोड़ हैं आयुष्मान योजना के लाभार्थी
- राज्य में अब तक 1.2 करोड़ लाभार्थियों का बना है कार्ड
- राज्य में अब तक छह लाख 30 हजार लोगों ने योजना के जरिए कराया मुफ्त उपचार
- आयुष्मान योजना में 2,657 अस्पताल हैं सम्बद्ध, 1,553 हैं सरकारी अस्पताल
- योजना में इलाज के लिए 1,574 प्रोसीजर हैं शामिल, मरीजों का पांच लाख तक मुफ्त इलाज

लखनऊ: देशभर में अब जनसेवा केंद्रों पर बुधवार से आयुष्मान योजना के लिए मुफ्त में कार्ड बनेगा. साथ ही इसका नाम 'गोल्डन कार्ड' से बदलकर आयुष्मान कार्ड कर दिया गया है. लाभार्थी को कम्प्यूटरीकृत पर्ची के बजाए अब प्लास्टिक का स्मार्ट कार्ड मिलेगा.


स्टेट हेल्थ एजेंसी (साची) की सीईओ संगीता सिंह के मुताबिक 10 मार्च से 24 मार्च तक प्रदेश में 'आपके द्वार आयुष्मान' अभियान चलेगा. ऐसे में योजना के तहत लाभार्थियों को जहां अभी तक कागज के गोल्डेन कार्ड बनाए जाते थे, वहीं अब इसका नाम आयुष्मान कार्ड होगा. इसके साथ ही गोल्डन कार्ड के रूप में मिलने वाली पर्ची का झंझट भी खत्म होगा. लाभार्थियों का नया कार्ड सुरक्षित व टिकाऊ होगा. इसके लिए पीवीसी (प्लास्टिक) कार्ड बनेंगे.

जनसेवा केंद्र नहीं ले सकेंगे शुल्क
शासन ने मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को पत्र जारी कर दिया है. इसमें जनसेवा केंद्रों पर 30 रुपये लेकर बनाए जाने वाले कार्ड को फ्री में बनवाने के निर्देश दिए हैं. वहीं गोल्डन कार्ड की जगह यह आयुष्मान कार्ड होगा. मुफ्त आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए नेशनल हेल्थ अथॉरिटी व कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) के बीच करार हुआ है. कॉमन सर्विस सेंटर को प्रति कार्ड सरकार शुल्क अदा करेगी, जबकि लाभार्थी को फ्री में मिलेगा. दरअसल, मुफ्त में कार्ड बनाने का मकसद योजना को रफ्तार देना है.



60 दिन में आएगा कार्ड

अभियान के तहत लाभार्थी के जनसेवा केंद्र पर पहुंचने पर पहले राशन कार्ड व आधार कार्ड से वेरिफिकेशन होगा. ऑटो अप्रूवल होकर लाभार्थी का ब्योरा नेशनल हेल्थ एजेंसी के सॉफ्टवेयर पर पहुंच जाएगा. तत्काल लाभार्थी को एक आईडी नम्बर मिल जाएगा. इसके जरिए वह अस्पताल में मुफ्त इलाज करा सकेगा. वहीं, 60 दिनों के भीतर प्लास्टिक का आयुष्मान कार्ड लेकर जनसेवा केंद्र का संचालक घर पहुंचेगा.

11वें नम्बर पर लखनऊ
लखनऊ सीएमओ डॉ. संजय भटनागर के मुताबिक अभी तक अस्पतालों में मुफ्त कार्ड बनते थे. अब जनसेवा केंद्रों पर भी बनेंगे. पत्रकार वार्ता में सीएमओ ने कहा कि आयुष्मान कार्ड बनाने में लखनऊ 11 वें स्थान पर है. इस अभियान से योजना को रफ्तार मिलेगी. कुल 185908 परिवारों का आयुष्मान कार्ड बनना है. इनमें ग्रामीण क्षेत्र के 71269 व शहरी क्षेत्र में 114639 परिवार हैं.

फैक्ट फाइल


- देश मे वर्ष 2018 में लांच हुई आयुष्मान भारत योजना
- यूपी में सितंबर 2018 से लाभार्थियों को मिलने लगा मुफ्त इलाज
- यूपी में छह करोड़ हैं आयुष्मान योजना के लाभार्थी
- राज्य में अब तक 1.2 करोड़ लाभार्थियों का बना है कार्ड
- राज्य में अब तक छह लाख 30 हजार लोगों ने योजना के जरिए कराया मुफ्त उपचार
- आयुष्मान योजना में 2,657 अस्पताल हैं सम्बद्ध, 1,553 हैं सरकारी अस्पताल
- योजना में इलाज के लिए 1,574 प्रोसीजर हैं शामिल, मरीजों का पांच लाख तक मुफ्त इलाज

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