लखनऊ : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने लोगों के हजारों करोड़ हड़पने वाले अनी बुलियन ग्रुप पर कार्रवाई शुरू कर दी है. ईडी ने अनी ग्रुप की 20 अचल संपत्ति अटैच की है. यह संपत्ति लखनऊ, अमेठी और दिल्ली में है, जिनकी कीमत सात करोड़ आंकी गई है. ईडी ने जिन संपत्तियों को अटैच किया है वे संपत्तियां मेसर्स अनी बुलियन इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स अनी कमोडिटी ब्रोकर्स प्राइवेट लिमिटेड और मैसर्स अनी सिक्यॉरिटी प्राइवेट लिमिटेड के नाम हैं, जिनके निदेशक अजीत कुमार गुप्ता और उनके रिश्तेदार हैं.
कंपनी के निदेशकों के खिलाफ लखनऊ, सुलतानपुर, अमेठी और अयोध्या में जालसाजी और हेराफेरी कर लोगों का पैसा हड़पने के दर्जनों केस दर्ज हैं. इसमें महज गोमतीनगर में ही 31 केस दर्ज हैं. इन मामलों की पुलिस जांच के दौरान मनी लांड्रिंग की बात सामने आई. इसके बाद ईडी ने भी अपनी जांच शुरू कर दी थी. अनी बुलियन के खिलाफ वर्ष 2019 में प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग के तहत मुकदमा दर्ज किया था.
दरअसल, अनी बुलियन के मालिकों ने निवेशकों से इन्वेस्ट करवा उनके पैसों को जमीनों, शेयर मार्केट, सोने-चांदी व हीरे में निवेश करने का दावा कर उनसे 110 करोड़ रुपये ऐंठे थे. जांच में सामने आया था कि निवेशकों की बड़ी रकम अनी ग्रुप की अलग-अलग कंपनियों के खातों में ट्रांसफर कर उनसे बेनामी संपत्तियां भी खरीदी थीं. जब निवेशकों ने अपना पैसा कंपनी से वापस मांगा तो कंपनी ने कई निवेशकों को चेक थमाए थे, जो बाउंस हो गए थे. बाद में निवेशकों ने अजीत कुमार गुप्ता, निहारिका सिंह, अजीत के भाई तत्कालीन डिप्टी कमिश्नर, वाणिज्य कर रामगोपाल गुप्ता व अन्य के विरुद्ध धोखाधड़ी की एफआइआर दर्ज कराई थी. निहारिका भारतीय विदेश सेवा में अधिकारी हैं. आरोप है कि निहारिका सिंह की उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री समेत कई बड़े नेताओं के साथ फोटो दिखाकर उसके पति अजीत ने आम लोगों को इन्वेस्ट करने का झांसा दिया था. वर्ष 2020 में अजीत को पीजीआई पुलिस गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है. जबकि निहारिका के खिलाफ लखनऊ व सुल्तानपुर में कई मुकदमे दर्ज हैं.
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