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जालसाज नीलम ने 150 लोगों की ठगने के लिए बनाई टीम, 100 करोड़ रुपये लेकर हुई थी चंपत

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Published : Jul 29, 2023, 11:19 PM IST

यूपी एसटीएफ ने झांसा देकर 100 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी करने वाली जालसाज नीलम वर्मा को गिरफ्तार कर लिया है. नीलम के गिरोह के कई सदस्य पहले ही पकड़े जा चुके हैं. नीलम के ऊपर जालसाजी के 25 से अधिक मुकदमे हैं.

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लखनऊ : यूपी एसटीएफ ने पैसा दोगुना करना का झांसा देकर 100 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी करने वाली जालसाज नीलम वर्मा को गिरफ्तार किया है. जालसाज नीलम अपने गिरोह के साथियों के साथ मिलकर लोगों से बाइक टैक्सी चलाने के नाम पर पैसा इन्वेस्ट कराती थी और फिर एक वर्ष में अधिक वैसे वापस करने का वादा करती थी. जब गिरोह ने देशभर से सौ करोड़ रुपए से भी अधिक की रकम इकट्ठा कर ली तो भाग गए थे. जालसाज नीलम के ऊपर 25 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं.

जालसाज नीलम गिरफ्तार.
जालसाज नीलम गिरफ्तार.


बाइक टैक्सी के नाम पर जमा कराए रुपये : नीलम ने बताया कि अपने गिरोह के साथ उसने वर्ष 2017 मे ओजोन इनफिनिटी वर्ड एग्रो प्रोड्यूसर लिमिटेड नाम की कंपनी बनाई. इस कम्पनी में नीलम वर्मा, अभय कुशवाहा, राजेश पाण्डेय, निखिल कुशवाहा, आजम सिद्दीकी व शकील अहमद खान डायरेक्टर थे. यह कम्पनी कम समय में धन दोगुना करने का लालच देकर लोगों से रुपये जमा कराती थी. इसके बाद वर्ष 2018 में हैलोराइड लिमिटेड नामक कम्पनी बनाई. जिसमें नीलम वर्मा, अभय कुशवाहा, राजेश पाण्डेय, निखिल कुशवाहा, आजम सिद्दीकी व शकील अहमद खान डायरेक्टर थे. इसका ऑफिस साइबर हाइट्स विभूतिखंड में आठवें तल पर था. कम्पनी बाइक टैक्सी चलाने के नाम पर ग्राहकों से 61 हजार रुपये जमा करने के बदले एक साल तक हर माह 9,582 देने का प्रलोभन देकर रुपये जमा कराती थी.

बनाई थी 150 लोगों की टीम : जालसाज ने एसटीएफ को बताया कि कम्पनी में रुपये जमा कराने के लिए सात टीमें बनाई गई थीं. इन टीमों के लगभग 150 लोग काम करते थे. जिसमें प्रेसिडेंट अपनी टीमों के माध्यम से रुपये जमा करते थे. जिसका उनको लगभग 15 प्रतिशत कमीशन दिया जाता था. इस कम्पनी में नीलम वर्मा ग्राहकों से एग्रीमेंट करने का काम करती थी. इन कम्पनियों में जब लगभग 100 करोड़ रुपये जमा हो गए तो कम्पनी ने ग्राहकों को पेमेंट देना बंद कर दिया. जिसके कारण किसी ग्राहक ने थाना विभूतिखंड में मुकदमा पंजीकृत करा दिया. जिसके बाद अभय कुशवाहा को मार्च 2019 में विभूतिखंड पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. जेल में लगभग तीन महीने रहने के बाद अभय कुशवाहा की जमानत हो गई. कुछ समय बाद पुनः अभय कुशवाहा जेल चला गया जो वर्तमान समय में जेल में है. वर्ष 2019 से अब तक कम्पनी पर सैकड़ों मुकदमे पंजीकृत हो चुके हैं. तब से नीलम वर्मा फरार थी. कम्पनी के ऑफिस लखनऊ, फतेहपुर, नोएडा, मुजफ्फरपुर (बिहार), मोहाली, पठानकोट, जीरकपुर (पंजाब) समेत कई जगहों पर बताए जा रहे हैं.


यह भी पढ़ें : यूपी को पीएम-ई चैनल के पांच डीटीएच टीवी चैनल मिले, नए तरीके से होगी बच्चों को पढ़ाई

लखनऊ : यूपी एसटीएफ ने पैसा दोगुना करना का झांसा देकर 100 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी करने वाली जालसाज नीलम वर्मा को गिरफ्तार किया है. जालसाज नीलम अपने गिरोह के साथियों के साथ मिलकर लोगों से बाइक टैक्सी चलाने के नाम पर पैसा इन्वेस्ट कराती थी और फिर एक वर्ष में अधिक वैसे वापस करने का वादा करती थी. जब गिरोह ने देशभर से सौ करोड़ रुपए से भी अधिक की रकम इकट्ठा कर ली तो भाग गए थे. जालसाज नीलम के ऊपर 25 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं.

जालसाज नीलम गिरफ्तार.
जालसाज नीलम गिरफ्तार.


बाइक टैक्सी के नाम पर जमा कराए रुपये : नीलम ने बताया कि अपने गिरोह के साथ उसने वर्ष 2017 मे ओजोन इनफिनिटी वर्ड एग्रो प्रोड्यूसर लिमिटेड नाम की कंपनी बनाई. इस कम्पनी में नीलम वर्मा, अभय कुशवाहा, राजेश पाण्डेय, निखिल कुशवाहा, आजम सिद्दीकी व शकील अहमद खान डायरेक्टर थे. यह कम्पनी कम समय में धन दोगुना करने का लालच देकर लोगों से रुपये जमा कराती थी. इसके बाद वर्ष 2018 में हैलोराइड लिमिटेड नामक कम्पनी बनाई. जिसमें नीलम वर्मा, अभय कुशवाहा, राजेश पाण्डेय, निखिल कुशवाहा, आजम सिद्दीकी व शकील अहमद खान डायरेक्टर थे. इसका ऑफिस साइबर हाइट्स विभूतिखंड में आठवें तल पर था. कम्पनी बाइक टैक्सी चलाने के नाम पर ग्राहकों से 61 हजार रुपये जमा करने के बदले एक साल तक हर माह 9,582 देने का प्रलोभन देकर रुपये जमा कराती थी.

बनाई थी 150 लोगों की टीम : जालसाज ने एसटीएफ को बताया कि कम्पनी में रुपये जमा कराने के लिए सात टीमें बनाई गई थीं. इन टीमों के लगभग 150 लोग काम करते थे. जिसमें प्रेसिडेंट अपनी टीमों के माध्यम से रुपये जमा करते थे. जिसका उनको लगभग 15 प्रतिशत कमीशन दिया जाता था. इस कम्पनी में नीलम वर्मा ग्राहकों से एग्रीमेंट करने का काम करती थी. इन कम्पनियों में जब लगभग 100 करोड़ रुपये जमा हो गए तो कम्पनी ने ग्राहकों को पेमेंट देना बंद कर दिया. जिसके कारण किसी ग्राहक ने थाना विभूतिखंड में मुकदमा पंजीकृत करा दिया. जिसके बाद अभय कुशवाहा को मार्च 2019 में विभूतिखंड पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. जेल में लगभग तीन महीने रहने के बाद अभय कुशवाहा की जमानत हो गई. कुछ समय बाद पुनः अभय कुशवाहा जेल चला गया जो वर्तमान समय में जेल में है. वर्ष 2019 से अब तक कम्पनी पर सैकड़ों मुकदमे पंजीकृत हो चुके हैं. तब से नीलम वर्मा फरार थी. कम्पनी के ऑफिस लखनऊ, फतेहपुर, नोएडा, मुजफ्फरपुर (बिहार), मोहाली, पठानकोट, जीरकपुर (पंजाब) समेत कई जगहों पर बताए जा रहे हैं.


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