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नगर निगम में फर्जीवाड़ा, अधीक्षक, निरीक्षक सहित चार लोग दोषी, कार्रवाई के लिए भेजी रिपोर्ट - लखनऊ नगर निगम में फर्जीवाड़ा

लखनऊ नगर निगम (Lucknow Nagar Nigam) में कर निर्धारण में फर्जीवाड़ा (Fraud in Lucknow Nagar Nigam) सामने आया है. इस मामले में कर अधीक्षक और कर निरीक्षक दोषी पाए गए हैं. इनके खिलाफ कार्रवाई के लिए रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 23, 2023, 10:49 PM IST

लखनऊ: नगर निगम के जोन 8 के कर्मचारियों और अधिकारियों का भवन कर निर्धारण में बड़ा फर्जीवाड़ा पकड़ा गया है. महापौर सुषमा खर्कवाल की जांच में दो भवनों में गडबड़ी पकड़ी गई. एक व्यवसायिक इमारत के कर निर्धारण में 16 लाख रुपये की गड़बड़ी सामने आई है. गुरुवार को सदन की बैठक में मेयर ने नगर आयुक्त से सदन में इसकी रिपोर्ट रखने को कहा. उन्होंने कहा कि गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है, सदन को बताया जाए. नगर आयुक्त ने सदन को बताया कि ट्रांसपोर्ट नगर में भवन के कर निर्धारण में गड़बड़ी से नगर निगम को भारी आर्थिक क्षति हुई है.

भवन की जांच में 16 लाख रुपये की टैक्स की गड़बड़ी पकड़ी गई है. कर निरीक्षक सौरभ त्रिपाठी और कर अधीक्षक संतोष गुप्ता दोषी पाए गए हैं. इसके अलावा दो अन्य कर्मचारी भी दोषी मिले हैं. नगर आयुक्त ने बताया कि इन सबके खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को रिपोर्ट भेजी गई है. वहीं, तत्कालीन जोनल अधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा गया है. जल्द ही इनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई होगी. पार्षदों ने भी कहा कि जोन 8 में कर निर्धारण में बड़े पैमाने गड़बड़ी की जा रही है. यहां के अफसर और कर निरीक्षक मिलकर कर निर्धारण में गड़बड़ी कर रहे हैं, जिससे नगर निगम को भारी आर्थिक क्षति हो रही है.

नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने बताया कि ट्रांसपोर्ट नगर स्थित भवन संख्या सी-1/36 व 37 का कर निर्धारण 48,19500 रुपये एआरवी किया गया था. आपत्ति के बाद इसे 30,42,518 रुपये कर दिया गया. जांच के बाद कमेटी ने इसे 44,80052 रुपये पाया. इसी तरह भवन संख्या सी-1/238 का कर निर्धारण 24,9750 रुपये किया गया था. आपत्ति के बाद इसे 19,30671 रुपये कर दिया गया. जांच में कमेटी ने 25,82456 रुपये पाया. महापौर ने बताया कि घपले की रिकवरी कराई जाएगी.

लखनऊ: नगर निगम के जोन 8 के कर्मचारियों और अधिकारियों का भवन कर निर्धारण में बड़ा फर्जीवाड़ा पकड़ा गया है. महापौर सुषमा खर्कवाल की जांच में दो भवनों में गडबड़ी पकड़ी गई. एक व्यवसायिक इमारत के कर निर्धारण में 16 लाख रुपये की गड़बड़ी सामने आई है. गुरुवार को सदन की बैठक में मेयर ने नगर आयुक्त से सदन में इसकी रिपोर्ट रखने को कहा. उन्होंने कहा कि गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई है, सदन को बताया जाए. नगर आयुक्त ने सदन को बताया कि ट्रांसपोर्ट नगर में भवन के कर निर्धारण में गड़बड़ी से नगर निगम को भारी आर्थिक क्षति हुई है.

भवन की जांच में 16 लाख रुपये की टैक्स की गड़बड़ी पकड़ी गई है. कर निरीक्षक सौरभ त्रिपाठी और कर अधीक्षक संतोष गुप्ता दोषी पाए गए हैं. इसके अलावा दो अन्य कर्मचारी भी दोषी मिले हैं. नगर आयुक्त ने बताया कि इन सबके खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को रिपोर्ट भेजी गई है. वहीं, तत्कालीन जोनल अधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा गया है. जल्द ही इनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई होगी. पार्षदों ने भी कहा कि जोन 8 में कर निर्धारण में बड़े पैमाने गड़बड़ी की जा रही है. यहां के अफसर और कर निरीक्षक मिलकर कर निर्धारण में गड़बड़ी कर रहे हैं, जिससे नगर निगम को भारी आर्थिक क्षति हो रही है.

नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने बताया कि ट्रांसपोर्ट नगर स्थित भवन संख्या सी-1/36 व 37 का कर निर्धारण 48,19500 रुपये एआरवी किया गया था. आपत्ति के बाद इसे 30,42,518 रुपये कर दिया गया. जांच के बाद कमेटी ने इसे 44,80052 रुपये पाया. इसी तरह भवन संख्या सी-1/238 का कर निर्धारण 24,9750 रुपये किया गया था. आपत्ति के बाद इसे 19,30671 रुपये कर दिया गया. जांच में कमेटी ने 25,82456 रुपये पाया. महापौर ने बताया कि घपले की रिकवरी कराई जाएगी.

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