लखनऊ : सौरभ मिश्रा की लखनऊ विश्वविद्यालय कार्य परिषद की सदस्यता समाप्त कर दी गई है. इस संबंध में कुलाधिपति के अपर मुख्य सचिव डॉ. सुधीर एम बोबडे ने मंगलवार को आदेश जारी कर दिया है. कार्य परिषद की आठ जून को बैठक होने के पहले ही सौरभ मिश्रा की सदस्यता समाप्त की गई है. राज्यपाल और कुलाधिपति के अपर मुख्य सचिव डॉ. सुधीर एम बोबडे के आदेश में कहा गया है कि 'उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम 1073 की धारा-20 की उपधारा-1 (जी) के तहत कुलाधिपति द्वारा लखनऊ विश्वविद्यालय की कार्य परिषद में सौरभ मिश्रा (शिक्षाविद्) बी-1/80 सेक्टर-जी जानकीपुरम लखनऊ को सदस्य नामित किया किया गया है.'
लखनऊ विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय के पांच जून 2023 के पत्र में उल्लिखित तथ्यों का कुलाधिपति द्वारा संज्ञान में लेते हुए सौरभ मिश्रा की कार्य परिषद की सदस्यता तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी गई है. यह आदेश लखनऊ विश्वविद्यालय कार्य परिषद की आठ जून को होने वाली बैठक के ठीक दो दिन पहले जारी किया गया है.
महाराष्ट्र पुलिस ने दर्ज किया था ठगी का मामला : महाराष्ट्र पुलिस ने 30 मई मंगलवार को करोड़ों की ठगी के आरोप में सौरभ मिश्रा को लखनऊ से गिरफ्तार किया था. इसके करीब चार दिन बाद इस बात का खुलासा हुआ है कि सौरभ मिश्रा लखनऊ विश्वविद्यालय कार्य परिषद के सदस्य भी हैं और वह कार्य परिषद की आठ जून को होने वाली बैठक में बतौर सदस्य शामिल भी होने वाले थे. वहीं सौरभ मिश्रा पर मुंबई और गुजरात के व्यावसायियों ने गंभीर आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई गई है. गिरफ्तारी के बाद सौरभ को कोर्ट में पेश किया गया था. जहां पर कोर्ट ने सौरभ को ठाणे पुलिस को रिमांड पर भेज दिया.