लखनऊ: मुसलमानों के सबसे बड़े पर्वो में से एक ईद उल अज़हा यानी कि बकरीद का त्यौहार जुलाई महीने की 31 तारीख को है. बकरीद से पहले कुर्बानी के लिए जानवरों की लगने वाली मंडियों और बकरीद पर होने वाली विशेष नमाज़ को लेकर इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की. फरंगी महली ने कहा कि सीएम ने उनकी मांगों पर आश्वासन दिया है और जल्द ही बकरीद पर गाइडलाइंस जारी होंगी.
गुरुवार को मुख्यमंत्री आवास पर मौलाना की सीएम योगी से मुलाक़ात के बाद फरंगी महली ने बताया कि ईद उल अज़हा की नमाज़ और कुर्बानी सम्बंधित विशेष बातचीत सीएम से हुई है. जिसमे उन्होंने अपनी गत मांगों को मुख्यमंत्री के सामने पेश किया.
मौलाना ने कहा कि ईद उल अज़हा मुसलमानों का दूसरा सबसे बड़ा पर्व है. जिसमें मुसलमान विशेष नमाज़ अदा करते हैं और जानवर की कुर्बानी करते हैं. मौलाना ने कहा कि गांव और देहात के रहने वाले किसान इन जानवरों को पूरे साल भर पालते हैं. बक़रीद के मौके पर अच्छे दामों के लिए शहर में आकर बेचते हैं. जो किसानों की एक बड़ी रोज़ी रोटी का साधन है.
इसलिए ज़िला प्रशासन को हिदायत दी जाए कि जानवरों को लाने और ले जाने या खरीदने और बेचने के दौरान कोई रुकावट न पैदा की जाए. मौलाना ने सीएम से मांग की, कि जहां पहले से बक़रीद के मौके पर जानवरों की मंडियां लगती चली आ रहीं हैं उनको इस वर्ष भी लगने दिया जाए. इस दौरान कोविड-19 को देखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क और सैनिटाइजर का प्रयोग अनिवार्य किया जाए.
'सीएम योगी ने की प्रशंसा'
मौलाना फरंगी महली ने कहा कि अगर रोग के बढ़ने का खतरा ना हो तो ईद उल अज़हा की नमाज के लिए पूरे प्रदेश की ईदगाह और मस्जिदों में उनकी गुंजाइश के अनुपात से 50% नमाजियों को नमाज अदा करने की इजाजत दी जाए. मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनकी मांगों को बड़ी दिलचस्पी से सुना और उनको आश्वासन दिया कि वह जल्द ही कोविड-19 को देखते हुए ईद उल अजहा के लिए गाइडलाइन जारी करवाएंगे.
मौलाना ने बताया कि सीएम योगी ने कोविड-19 जैसी महामारी के विरुद्ध उनके रोल की प्रशंसा की और कहा कि रमजान और ईद उल फित्र के अवसर पर आपने इसकी रोकथाम और इसके संबंध में आवाम को जागरूक करने में अहम सहयोग अदा किया है.