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एटा सहित चार जिलों के खादी और ग्रामोद्योग अधिकारी सस्पेंड

सरकार की मंशा के विपरीत स्वरोजगार परक योजनाओं में लक्ष्य हासिल नहीं करने और कार्यों में शिथिलता बरतने पर एटा, श्रावस्ती, महाराजगंज और गौतमबुद्धनगर (नोए़डा) के जिला खादी एवं ग्रामोद्योग अधिकारियों को निलंबित करने का आदेश दिया गया. वहीं, सुलतानपुर के जिला खादी एवं ग्रामोद्योग अधिकारी को प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है.

मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह.
मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह.
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Published : Dec 23, 2020, 2:26 AM IST

लखनऊ: खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह और अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने मंगलवार को खादी भवन में मौजूदा वित्तीय वर्ष के बजट एवं अन्य महत्वपूर्ण योजनाओं के प्रगति की समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने कार्यों में शिथिलता बरतने वाले चार जिला खादी एवं ग्रामोद्योग अधिकारियों को निलंबित करने के निर्देश दिए हैं. वहीं, एक अधिकारी को प्रतिकूल प्रविष्टि देने के निर्देश दिए हैं.

मुख्यमंत्री माटी कला रोजगार योजना की समीक्षा के दौरान पाया गया कि एटा, श्रावस्ती, महाराजगंज एवं गौतमबुद्धनगर के अधिकारी विभाग की संचालित योजनाओं का लाभ लोगों को देने में शिथिलता बरत रहे हैं. योजना के निर्धारित वार्षिक लक्ष्य में सभी 75 जिलों के सापेक्ष इन जिलों का सबसे निम्न स्तर का प्रदर्शन रहा है. इससे पूर्व हुई बैठक में इन जिलों के अधिकारियों को सख्त चेतावनी भी दी गई थी. इसके बावजूद कार्यों में सुधार न पाये जाने पर इन चारों को निलंबित करने के निर्देश दिए गए. इनके अलावा सुलतानपुर के जिला ग्रामोद्योग अधिकारी को प्रतिकूल प्रविष्टि और गोरखपुर के डीवीआईओ को किसी अन्य जिले में स्थानान्तरित करने के भी निर्देश दिए गए हैं.

किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं
खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि केन्द्र एवं प्रदेश की सरकार समाज के कमजोर वर्ग के प्रोत्साहन के लिए योजनाएं संचालित कर रही है. इसमें किसी भी स्तर की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. उन्होंने कहा कि विभाग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रदेश की वर्तमान सरकार की मंशानुसार अपनी कार्य संस्कृति और आचरण में बदलावा लाना होगा. विभाग द्वारा जितनी भी योजनाएं संचालित की जा रही है. उसके लिए आवंटित बजट का शत-प्रतिशत सदुपयोग समयबद्ध रुप से किया जाए.

उन्होंने कहा कि किसी भी योजना का बजट बिना उचित कारण के समर्पित नहीं होना चाहिए. सरकार ने खादी ग्रामोद्योग को आगे बढ़ाने के लिए कई कदम उठाये हैं. खादी का नाम आजादी और महत्मा गांधी जी से जुड़ा है. भारत सरकार खादी पर खासतौर फोकस कर रही है, क्योंकि खादी एवं ग्रामोद्योग में रोजगार की असीम संभावनाएं है.

खादी के प्रोडक्शन सेंटर को बड़ी सप्लाई चेन से जोड़ा जाए
अपर मुख्य सचिव सहगल ने बताया कि खादी के सभी प्रोडक्शन सेंटर को रेमण्ड जैसी बड़ी सप्लाई चेन से कनेक्ट कराने की कोशिश की जा रही है. बोर्ड के अपने ही प्रोडक्शन सेंटर में सरकारी स्कूलों में बच्चों के लिए खादी यूनीफार्म तैयार कराये जाने की योजना बनाई गई है. इसके लिए खादी बोर्ड के सभी प्रोडक्शन सेंटर को उच्चीकृत किया जाएगा. उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्थापित सभी कंबल कारखानों को पुनः शुरू कराया गया है. इनमे तैयार कंबल की मांग तेजी से बाजार में बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिले से स्फूर्ति योजना के लिए एक-एक प्रास्ताव जरूर आना चाहिए. उन्होंने सभी जिलों के अधिकारियों को स्फूर्ति योजना के तहत एक महीने में एक प्रस्ताव उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. 31 मार्च से पहले सभी जिलों के प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजने के निर्देश दिए हैं. बता दें कि बैठक में सभी जिला ग्रामोद्योग अधिकारी मौजूद थे.

इसे भी पढ़ें- लखनऊ: कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने माटी मेले का किया उद्घाटन

लखनऊ: खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह और अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने मंगलवार को खादी भवन में मौजूदा वित्तीय वर्ष के बजट एवं अन्य महत्वपूर्ण योजनाओं के प्रगति की समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने कार्यों में शिथिलता बरतने वाले चार जिला खादी एवं ग्रामोद्योग अधिकारियों को निलंबित करने के निर्देश दिए हैं. वहीं, एक अधिकारी को प्रतिकूल प्रविष्टि देने के निर्देश दिए हैं.

मुख्यमंत्री माटी कला रोजगार योजना की समीक्षा के दौरान पाया गया कि एटा, श्रावस्ती, महाराजगंज एवं गौतमबुद्धनगर के अधिकारी विभाग की संचालित योजनाओं का लाभ लोगों को देने में शिथिलता बरत रहे हैं. योजना के निर्धारित वार्षिक लक्ष्य में सभी 75 जिलों के सापेक्ष इन जिलों का सबसे निम्न स्तर का प्रदर्शन रहा है. इससे पूर्व हुई बैठक में इन जिलों के अधिकारियों को सख्त चेतावनी भी दी गई थी. इसके बावजूद कार्यों में सुधार न पाये जाने पर इन चारों को निलंबित करने के निर्देश दिए गए. इनके अलावा सुलतानपुर के जिला ग्रामोद्योग अधिकारी को प्रतिकूल प्रविष्टि और गोरखपुर के डीवीआईओ को किसी अन्य जिले में स्थानान्तरित करने के भी निर्देश दिए गए हैं.

किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं
खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि केन्द्र एवं प्रदेश की सरकार समाज के कमजोर वर्ग के प्रोत्साहन के लिए योजनाएं संचालित कर रही है. इसमें किसी भी स्तर की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. उन्होंने कहा कि विभाग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रदेश की वर्तमान सरकार की मंशानुसार अपनी कार्य संस्कृति और आचरण में बदलावा लाना होगा. विभाग द्वारा जितनी भी योजनाएं संचालित की जा रही है. उसके लिए आवंटित बजट का शत-प्रतिशत सदुपयोग समयबद्ध रुप से किया जाए.

उन्होंने कहा कि किसी भी योजना का बजट बिना उचित कारण के समर्पित नहीं होना चाहिए. सरकार ने खादी ग्रामोद्योग को आगे बढ़ाने के लिए कई कदम उठाये हैं. खादी का नाम आजादी और महत्मा गांधी जी से जुड़ा है. भारत सरकार खादी पर खासतौर फोकस कर रही है, क्योंकि खादी एवं ग्रामोद्योग में रोजगार की असीम संभावनाएं है.

खादी के प्रोडक्शन सेंटर को बड़ी सप्लाई चेन से जोड़ा जाए
अपर मुख्य सचिव सहगल ने बताया कि खादी के सभी प्रोडक्शन सेंटर को रेमण्ड जैसी बड़ी सप्लाई चेन से कनेक्ट कराने की कोशिश की जा रही है. बोर्ड के अपने ही प्रोडक्शन सेंटर में सरकारी स्कूलों में बच्चों के लिए खादी यूनीफार्म तैयार कराये जाने की योजना बनाई गई है. इसके लिए खादी बोर्ड के सभी प्रोडक्शन सेंटर को उच्चीकृत किया जाएगा. उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्थापित सभी कंबल कारखानों को पुनः शुरू कराया गया है. इनमे तैयार कंबल की मांग तेजी से बाजार में बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिले से स्फूर्ति योजना के लिए एक-एक प्रास्ताव जरूर आना चाहिए. उन्होंने सभी जिलों के अधिकारियों को स्फूर्ति योजना के तहत एक महीने में एक प्रस्ताव उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. 31 मार्च से पहले सभी जिलों के प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजने के निर्देश दिए हैं. बता दें कि बैठक में सभी जिला ग्रामोद्योग अधिकारी मौजूद थे.

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