लखनऊ: यूपी में एक बार फिर फर्जी दस्तावेज से नौकरी करने वाली शिक्षिकाओं की पहचान हुई है. उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स ने ऐसी चार महिलाओं की पहचान की है. ये सभी महिलाएं स्वाती तिवारी के दस्तावेज और पहचान पर नौकरी कर रही थीं. बता दें कि करीब पांच महीने पहले अनामिका शुक्ला के दस्तावेज पर सरकारी स्कूलों में कई शिक्षिकाओं के पढ़ाने का खुलासा हुआ था.
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एसटीएफ सत्यसेन के मुताबिक बजरंग भूषण नाम के एक शख्स ने सूचना दी कि एक व्यक्ति उसके शैक्षिक दस्तावेज लगाकर सीतापुर में शिक्षक की नौकरी कर रहा है. इसके बाद शिक्षा विभाग से जानकारी जुटाई गई तो सीतापुर के बेहता से फर्जी शिक्षक हृषिकेश मनी त्रिपाठी का मामला सामने आया. फर्जी शिक्षक हृषिकेश मनी त्रिपाठी ने पूछताछ के दौरान बताया कि उसके पिता देवरिया में शिक्षक हैं. उन्होंने बजरंग भूषण का शैक्षणिक दस्तावेज से उसे नौकरी में भर्ती कराया था.
वास्तविक स्वाति तिवारी गोरखपुर में
हृषिकेश मनी ने कहा कि उसकी पत्नी स्नेहलता ने भी सीतापुर के सरकारी स्कूल में नौकरी करने के लिए एक अन्य शिक्षिका का दस्तावेज लगाए हैं. इस जानकारी के आधार पर एसटीएफ असली स्वाति तिवारी की तलाश में जुट गई, जिसकी पहचान गोरखपुर में हुई. यहां वह सरकारी शिक्षिका के रूप में पढ़ाती हैं.
चार मामले आए सामने
एसटीएफ की जांच में स्वाति तिवारी के नाम से काम करने वाली दो महिलाओं की पहचान देवरिया में हुई. वहीं बाराबंकी और सीतापुर में एक-एक मामला सामने आया. बाराबंकी से फर्जी शिक्षक को गिरफ्तार किया गया था, जबकि देवरिया के फर्जी शिक्षकों को निलंबित किया गया है और सीतापुर की स्नेहलता फरार हैं.
अनामिका शुक्ला नाम से तैनात थीं कई शिक्षिकाएं
बता दें कि जून में करीब दो दर्जन महिलाएं राज्य में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में अनामिका शुक्ला के नाम से फर्जी दस्तावेज पर शिक्षिका के रूप में काम कर रहीं थी. बाद में वास्तविक अनामिका की पहचान गोंडा जिले में की गई जो कि बेरोजगार हैं.