ETV Bharat / state

युवक की हत्या कर नहर में फेंकने का मामला : कोर्ट ने चार आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा

लखनऊ हाईकोर्ट ने युवक की हत्या कर नहर में फेंकने के मामला में चार आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही साथ प्रत्येक को 35 हजार रुपये के जुर्माने की सजा से दंडित किया है.

etv bharat
लखनऊ हाईकोर्ट
author img

By

Published : May 29, 2023, 10:15 PM IST

लखनऊः पैसों के लेनदेन के चलते युवक का अपहरण कर उसकी हत्या करने के बाद शव को शारदा नहर में फेकने के आरोपी नसीम अहमद उर्फ राजा, शोएब उर्फ टोपी, मोहम्मद अकील और शादाब को अपर सत्र न्यायाधीश राम किशोर ने आजीवन कारावास के साथ-साथ प्रत्येक को 35 हजार रुपये के जुर्माने की सजा से दंडित किया है.

बहस के दौरान एडीजीसी अनिल कुमार मिश्रा व शिकयताकर्ता के अधिवक्ता प्रांशु अग्रवाल ने दलील दी कि 15 दिसंबर 2021 को अधिवक्ता अमीर हमजा खान ने थाना कैसरबाग में अपने बड़े भाई शोएब खान की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में कहा गया कि वादी का बड़ा भाई शोएब खान 14 दिसंबर को सुबह नौ बजे अपने निवास कंधारी बाजार, लालबाग से अपनी मोटर साइकिल से निकला था, लेकिन दोपहर दो बजे से उनका फोन स्विच ऑफ जा रहा था. काफी ढूंढने पर भी कुछ पता नहीं चला. मामले की रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पुलिस विवेचना में पता चला कि शोएब खान को खदरा में सभी अभियुक्त मिले थे, जिन्होंने पैसों के लेनदेन को लेकर लोहे की रॉड से उसको मारा था.

बताया गया कि शोएब खान की हत्या के बाद अभियुक्तों ने गोदाम से शव को पन्नी में लपेटकर लकड़ी के बॉक्स में रखकर, बॉक्स को डाला गाड़ी के टायरों के बीच में रखकर महमूदाबाद स्थित शारदा नहर में फेंक दिया. अदालत को बताया गया कि जब आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था तो उन्होंने पुलिस के सामने शोएब खान का अपहरण कर हत्या करने की बात कबूली थी. वहीं, अभियुक्तों की ओर से खुद को बेगुनाह बताते हुए बहस की गई. आरोपी शोएब उर्फ टोपी की ओर से कहा गया कि उस पर हत्या का आरोप लगाया ही नहीं गया है, बल्कि उस पर मात्र साक्ष्यों को छिपाने का आरोप है. हालांकि कोर्ट ने बचाव पक्ष की दलीलों को खारिज कर दिया.

पढ़ेंः लंबे समय तक पति को यौन संबंध बनाने की अनुमति न देना मानसिक क्रूरता: इलाहाबाद हाईकोर्ट

लखनऊः पैसों के लेनदेन के चलते युवक का अपहरण कर उसकी हत्या करने के बाद शव को शारदा नहर में फेकने के आरोपी नसीम अहमद उर्फ राजा, शोएब उर्फ टोपी, मोहम्मद अकील और शादाब को अपर सत्र न्यायाधीश राम किशोर ने आजीवन कारावास के साथ-साथ प्रत्येक को 35 हजार रुपये के जुर्माने की सजा से दंडित किया है.

बहस के दौरान एडीजीसी अनिल कुमार मिश्रा व शिकयताकर्ता के अधिवक्ता प्रांशु अग्रवाल ने दलील दी कि 15 दिसंबर 2021 को अधिवक्ता अमीर हमजा खान ने थाना कैसरबाग में अपने बड़े भाई शोएब खान की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में कहा गया कि वादी का बड़ा भाई शोएब खान 14 दिसंबर को सुबह नौ बजे अपने निवास कंधारी बाजार, लालबाग से अपनी मोटर साइकिल से निकला था, लेकिन दोपहर दो बजे से उनका फोन स्विच ऑफ जा रहा था. काफी ढूंढने पर भी कुछ पता नहीं चला. मामले की रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पुलिस विवेचना में पता चला कि शोएब खान को खदरा में सभी अभियुक्त मिले थे, जिन्होंने पैसों के लेनदेन को लेकर लोहे की रॉड से उसको मारा था.

बताया गया कि शोएब खान की हत्या के बाद अभियुक्तों ने गोदाम से शव को पन्नी में लपेटकर लकड़ी के बॉक्स में रखकर, बॉक्स को डाला गाड़ी के टायरों के बीच में रखकर महमूदाबाद स्थित शारदा नहर में फेंक दिया. अदालत को बताया गया कि जब आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था तो उन्होंने पुलिस के सामने शोएब खान का अपहरण कर हत्या करने की बात कबूली थी. वहीं, अभियुक्तों की ओर से खुद को बेगुनाह बताते हुए बहस की गई. आरोपी शोएब उर्फ टोपी की ओर से कहा गया कि उस पर हत्या का आरोप लगाया ही नहीं गया है, बल्कि उस पर मात्र साक्ष्यों को छिपाने का आरोप है. हालांकि कोर्ट ने बचाव पक्ष की दलीलों को खारिज कर दिया.

पढ़ेंः लंबे समय तक पति को यौन संबंध बनाने की अनुमति न देना मानसिक क्रूरता: इलाहाबाद हाईकोर्ट

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.