लखनऊ: राजधानी लखनऊ में महाराजा बिजली पासी के 12 किलों की यात्रा पूर्व मंत्री आरके चौधरी के नेतृत्व में हुई. एलडीए ने पुरातत्व विभाग व कुछ प्रॉपर्टी डीलरों की मिलीभगत से किले की जमीन को काटकर सड़क बनाना शुरू कर दिया था, जिसको लेकर पासी समाज के नेता पूर्व मंत्री आरके चौधरी के कार्यकर्ताओं ने इसका विरोध किया.
किलों को बचाने को लेकर आज पूर्व मंत्री आरके चौधरी के नेतृत्व में महाराजा बिजली पासी के 12 किलों की यात्रा की गई. इन किलों में नटवाडी किला, बिजनौर किला, दादूपुर, भटगांव, ऐन और पिपरसंड किला शामिल है.
सरोजनीनगर क्षेत्र में वीर शिरोमणि महाराजा बिजली पासी के 12 किलों का रविवार को पूर्व मंत्री आरके चौधरी ने लगभग 50 गाड़ियों के काफिले संघ भ्रमण किया. सन 1997 में बंगला बाजार स्थित मुख्य किले की बाउंड्री सहित भव्य मंदिर की स्थापना के बाद यह किला सुरक्षित हो गया था. इस कार्य को कराने में तत्कालीन सरकार के मंत्री व नेता सदन विधान परिषद आरके चौधरी का विशेष योगदान रहा, परंतु अन्य किले आज भी असुरक्षित हैं. बिजनौर रोड, विजय नगर में स्थित किले की जमीन पर एलडीए पुरातत्व विभाग से एनओसी लेकर सड़क बना रहा था.
पूर्व मंत्री ने बताया कि चन्द लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए किले की जमीन को काटकर सड़क बनाना शुरू किया गया था. खबर लगते ही समाज के नेताओं के साथ सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने इस निर्माण कार्य का विरोध किया. जिसका नतीजा यह हुआ कि 26 जून को सड़क का काम रूकवा दिया गया.