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कांग्रेस का हाथ छोड़ रहे नेता, किसी ने थामी झाड़ू तो किसी को मिला सपा का साथ - कांग्रेस पार्टी संगठन सृजन अभियान

2022 में अगले विधानसभा होंगे लेकिन नेता अपने भविष्य को लेकर अभी से तैयारियों में जुट गए हैं. नेताओं ने अब पार्टी बदलना शुरु कर दिया है. इसमें सबसे ज्यादा नुकसान कांग्रेस को हो रहा है. कांग्रेस के तमाम नेता समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी में शामिल हो चुके हैं. ऐसे में कांग्रेस का संगठन सृर्जन अभियान फलीभूत हो नहीं पा रहा है.

कांगेस का हाथ छोड़ रहे नेता.
कांगेस का हाथ छोड़ रहे नेता.
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Published : Feb 21, 2021, 10:35 AM IST

Updated : Feb 21, 2021, 1:13 PM IST

लखनऊ : कांग्रेस के कुछ नेता जा रहे सपा, तो कुछ को रास आ रही आप और इस तरह से संगठन सृजन में जुटी कांग्रेस हो रही साफ. कांग्रेस पार्टी में बिखराव का सिलसिला लगातार जारी है. शुक्रवार को पूर्व मंत्री आरके चौधरी ने कांग्रेस पार्टी का हाथ छोड़ सपा की साइकिल की सवारी कर ली. इसके अलावा कांग्रेस पार्टी से विधायक रहे वीरेंद्र सिंह ने भी कांग्रेस से नाता तोड़ सपा से रिश्ता जोड़ लिया. इससे पहले भी कांग्रेस के तमाम नेता समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी में शामिल हो चुके हैं. ऐसे में कांग्रेस का संगठन सृर्जन अभियान फलीभूत हो नहीं पा रहा है.

इधर-उधर जाते रहे आरके चौधरी
कांग्रेस पार्टी से 2019 में मोहनलालगंज लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने वाले पूर्व मंत्री आरके चौधरी अब समाजवादी हो गए हैं. हालांकि यह पहला मौका नहीं है जब उन्होंने हाथ का साथ छोड़ा हो और साइकिल की सवारी की हो. इससे पहले भी वह साइकिल पर ही सवार रहे थे और फिर कांग्रेस पार्टी में आए थे. सबसे पहले आरके चौधरी बहुजन समाज पार्टी की कोर कमेटी में शामिल रहे थे. 2004 में मोहनलालगंज से उन्होंने विधानसभा सीट जीती थी. इसके बाद अगले चुनाव में निर्दलीय मैदान में उतरे और छोटे अंतर से हार गए. 2009 का लोकसभा चुनाव उन्होंने कांग्रेस के समर्थन से लड़ा था और 2014 में समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए थे. 2019 में फिर कांग्रेस पार्टी में आए चुनाव लड़ा और 2021 में फिर से समाजवादी पार्टी में वापसी कर ली. उन्होंने इस उम्मीद के साथ वापसी की है कि 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी उन्हें टिकट देगी और फिर से एक बार विधायक बनकर सदन में उपस्थिति दर्ज कर सकेंगे.

वरिष्ठ नेता ने तोड़ा कांग्रेस से नाता
कांग्रेस छोड़ने वालों में पूर्व मंत्री आरके चौधरी ही शामिल नहीं हैं, बल्कि कांग्रेस से विधायक रहे वीरेंद्र सिंह भी शामिल हैं. कांग्रेस पार्टी लगातार उनकी अनदेखी कर रही थी, लिहाजा उन्होंने पार्टी को ही आईना दिखा दिया और समाजवादी पार्टी जॉइन कर ली. संगठन सृजन अभियान के तहत कांग्रेस पार्टी का लक्ष्य था कि जो भी पुराने नेता रूठे हुए हैं उन्हें मनाने की कोशिश की जाएगी, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हो रहा है. यही वजह है कि वीरेंद्र सिंह ने पार्टी से नाता तोड़ लिया.

इन नेताओं ने छोड़ा हाथ, थामी झाड़ू
कांग्रेस पार्टी के कई नेता पहले ही पार्टी छोड़कर आम आदमी पार्टी में शामिल हो चुके हैं. इन नेताओं में राजीव बक्शी, सर्वजीत सिंह मक्कड़ और अमित त्यागी जैसे नेताओं के नाम हैं. इसके अलावा भी कई नेता विभिन्न पार्टियों में जा चुके हैं. नेताओं को मनाने के बजाय यूपी कांग्रेस प्रवक्ता बृजेंद्र सिंह इस पर सफाई देते हैं कि जो कांग्रेस पार्टी छोड़ रहा है वह कांग्रेसी ही नहीं है, लेकिन हकीकत यही है कि हाशिए पर जो कांग्रेसी रखे जा रहे थे वे ही कांग्रेस छोड़ रहे हैं.

निरंतर चलते रहने वाले नेता हैं आरके चौधरी
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी संगठन सृजन अभियान चलाकर निचले स्तर तक लोगों को जोड़ने का काम कर रही हैं. हां यह जरूर है कि कुछ लोग कांग्रेस पार्टी छोड़कर जा रहे हैं, लेकिन यह ऐसे लोग हैं जो किसी पार्टी के होते नहीं हैं. जहां तक बात आरके चौधरी की है तो वे तो निरंतर चलते रहने वाले नेता हैं. 2009 में उन्होंने कांग्रेस से चुनाव लड़ा. 2014 में समाजवादी पार्टी में चले गए. 2019 में फिर कांग्रेस पार्टी से चुनाव लड़ा और अब फिर उन्होंने समाजवादी पार्टी जॉइन कर ली. हालांकि कुछ नेता जो कांग्रेस पार्टी छोड़ रहे हैं ये चिंता का विषय है. कांग्रेस पार्टी इस पर विचार कर रही है कि अपने नेताओं में विश्वसनीयता बहाल की जा सके और यह राष्ट्रीय महासचिव और यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी के दौरे से संभव है.

लखनऊ : कांग्रेस के कुछ नेता जा रहे सपा, तो कुछ को रास आ रही आप और इस तरह से संगठन सृजन में जुटी कांग्रेस हो रही साफ. कांग्रेस पार्टी में बिखराव का सिलसिला लगातार जारी है. शुक्रवार को पूर्व मंत्री आरके चौधरी ने कांग्रेस पार्टी का हाथ छोड़ सपा की साइकिल की सवारी कर ली. इसके अलावा कांग्रेस पार्टी से विधायक रहे वीरेंद्र सिंह ने भी कांग्रेस से नाता तोड़ सपा से रिश्ता जोड़ लिया. इससे पहले भी कांग्रेस के तमाम नेता समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी में शामिल हो चुके हैं. ऐसे में कांग्रेस का संगठन सृर्जन अभियान फलीभूत हो नहीं पा रहा है.

इधर-उधर जाते रहे आरके चौधरी
कांग्रेस पार्टी से 2019 में मोहनलालगंज लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने वाले पूर्व मंत्री आरके चौधरी अब समाजवादी हो गए हैं. हालांकि यह पहला मौका नहीं है जब उन्होंने हाथ का साथ छोड़ा हो और साइकिल की सवारी की हो. इससे पहले भी वह साइकिल पर ही सवार रहे थे और फिर कांग्रेस पार्टी में आए थे. सबसे पहले आरके चौधरी बहुजन समाज पार्टी की कोर कमेटी में शामिल रहे थे. 2004 में मोहनलालगंज से उन्होंने विधानसभा सीट जीती थी. इसके बाद अगले चुनाव में निर्दलीय मैदान में उतरे और छोटे अंतर से हार गए. 2009 का लोकसभा चुनाव उन्होंने कांग्रेस के समर्थन से लड़ा था और 2014 में समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए थे. 2019 में फिर कांग्रेस पार्टी में आए चुनाव लड़ा और 2021 में फिर से समाजवादी पार्टी में वापसी कर ली. उन्होंने इस उम्मीद के साथ वापसी की है कि 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी उन्हें टिकट देगी और फिर से एक बार विधायक बनकर सदन में उपस्थिति दर्ज कर सकेंगे.

वरिष्ठ नेता ने तोड़ा कांग्रेस से नाता
कांग्रेस छोड़ने वालों में पूर्व मंत्री आरके चौधरी ही शामिल नहीं हैं, बल्कि कांग्रेस से विधायक रहे वीरेंद्र सिंह भी शामिल हैं. कांग्रेस पार्टी लगातार उनकी अनदेखी कर रही थी, लिहाजा उन्होंने पार्टी को ही आईना दिखा दिया और समाजवादी पार्टी जॉइन कर ली. संगठन सृजन अभियान के तहत कांग्रेस पार्टी का लक्ष्य था कि जो भी पुराने नेता रूठे हुए हैं उन्हें मनाने की कोशिश की जाएगी, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हो रहा है. यही वजह है कि वीरेंद्र सिंह ने पार्टी से नाता तोड़ लिया.

इन नेताओं ने छोड़ा हाथ, थामी झाड़ू
कांग्रेस पार्टी के कई नेता पहले ही पार्टी छोड़कर आम आदमी पार्टी में शामिल हो चुके हैं. इन नेताओं में राजीव बक्शी, सर्वजीत सिंह मक्कड़ और अमित त्यागी जैसे नेताओं के नाम हैं. इसके अलावा भी कई नेता विभिन्न पार्टियों में जा चुके हैं. नेताओं को मनाने के बजाय यूपी कांग्रेस प्रवक्ता बृजेंद्र सिंह इस पर सफाई देते हैं कि जो कांग्रेस पार्टी छोड़ रहा है वह कांग्रेसी ही नहीं है, लेकिन हकीकत यही है कि हाशिए पर जो कांग्रेसी रखे जा रहे थे वे ही कांग्रेस छोड़ रहे हैं.

निरंतर चलते रहने वाले नेता हैं आरके चौधरी
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी संगठन सृजन अभियान चलाकर निचले स्तर तक लोगों को जोड़ने का काम कर रही हैं. हां यह जरूर है कि कुछ लोग कांग्रेस पार्टी छोड़कर जा रहे हैं, लेकिन यह ऐसे लोग हैं जो किसी पार्टी के होते नहीं हैं. जहां तक बात आरके चौधरी की है तो वे तो निरंतर चलते रहने वाले नेता हैं. 2009 में उन्होंने कांग्रेस से चुनाव लड़ा. 2014 में समाजवादी पार्टी में चले गए. 2019 में फिर कांग्रेस पार्टी से चुनाव लड़ा और अब फिर उन्होंने समाजवादी पार्टी जॉइन कर ली. हालांकि कुछ नेता जो कांग्रेस पार्टी छोड़ रहे हैं ये चिंता का विषय है. कांग्रेस पार्टी इस पर विचार कर रही है कि अपने नेताओं में विश्वसनीयता बहाल की जा सके और यह राष्ट्रीय महासचिव और यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी के दौरे से संभव है.

Last Updated : Feb 21, 2021, 1:13 PM IST
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