लखनऊ : जेल में बंद सपा सरकार के दौरान कैबिनेट मंत्री रहे गायत्री प्रसाद की मुश्किलें और बढ़ गईं हैं. एमपी-एमएलए के विशेष न्यायाधीश पवन कुमार राय ने हत्या के मकसद से अपहरण का प्रयास करने व छेड़छाड़ के एक आपराधिक मामले में अभियुक्त पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति व आशीष शुक्ला पर मंगलवार को आरोप तय कर दिया है. कोर्ट ने अभियुक्तों के विरुद्ध आईपीसी की धारा 364 व 511 के साथ ही 354 (ए)(2), 504, 506 व 120बी के तहत आरोप तय किए हैं.
क्या है मामला
26 अक्टूबर, 2016 को इस मामले की एफआईआर चित्रकूट की एक महिला ने थाना गोमती नगर में दर्ज कराई थी. एफआईआर आईपीसी की धारा 294, 504 व 506 में बबलू सिंह व आशीष शुक्ला को नामजद करते हुए मुकदमा दर्ज कराया गया था. विवेचना के दौरान इस मामले में गायत्री प्रसाद प्रजापति का भी नाम प्रकाश में आया. पुलिस ने इसके साथ ही इस मामले में अभियुक्तों के खिलाफ अपहरण व छेड़छाड़ का भी आरोप पाया.
27 जुलाई, 2017 को पुलिस ने अपहरण व छेड़छाड़ के आरोपों की बढ़ोतरी करते हुए आशीष शुक्ला के साथ ही गायत्री प्रसाद प्रजापति के खिलाफ भी आईपीसी की धारा 354 (ए) (।।), 364, 511, 504 व 506 व 120बी के तहत आरोप पत्र दाखिल किया था. आरोप तय होने के बाद अब इस मामले में गवाही की प्रक्रिया शुरू होगी.
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अमिताभ ठाकुर व उनकी पत्नी को दुराचार मामलें में फंसाने में भी 'फंसे'
वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर व उनकी पत्नी डॉ. नूतन ठाकुर को दुराचार के झूठे मामले में फंसाने के मामले में मंगलवार को महत्वपूर्ण न्यायिक प्रक्रिया हुई. एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष जज पवन कुमार राय ने इस मामले में मंगलवार को अभियुक्त पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के विरुद्ध आरोप तय कर दिया. इसके साथ ही कोर्ट ने इस मामले में गायत्री प्रजापति के अलावा अन्य अभियुक्त भुजवीर सिंह व अभियुक्ता अशोक पांडेय के विरुद्ध भी आईपीसी की धारा 420, 465, 468, 469, 471, 203, 211 सपठित धारा 120 बी में आरोप तय किया है.
कोर्ट ने मामले में 30 अक्टूबर के लिए अभियोजन को निर्देश दिया है कि वह इस दिन अपना गवाह पेश करे. 20 जून, 2015 को इस मामले की एफआईआर डॉ. नूतन ठाकुर ने थाना गोमती नगर में दर्ज कराई थी. 31 जुलाई, 2017 को अदालत ने इस मामले में अभियुक्तों के खिलाफ दाखिल आरोप पत्र पर संज्ञान लिया था.
मंगलवार को अदालत में अभियुक्त गायत्री प्रसाद प्रजापति को जेल से लाकर पेश किया गया जबकि जमानत पर रिहा अन्य अभियुक्त भी अदालत में उपस्थित रहे. इसके पूर्व 29 सितम्बर को कोर्ट ने अभियुक्ता अशोक पांडेय व अभियुक्त भुजवीर सिंह की डिस्चार्ज अर्जी खारिज को कर दिया था. उल्लेखनीय है कि इस मामले में गायत्री प्रजापति ने भी डिस्चार्ज अर्जी दाखिल की थी जिसे भी कोर्ट खारिज कर चुकी है.