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कोरोना से जंग हार गए पूर्व मंत्री विनोद कुमार सिंह

खाता ना बही, जो पंडित सिंह कहे वो सही का नारा देने वाले विनोद सिंह उर्फ पंडित सिंह का कोरोना संक्रमण से निधन हो गया. उनका लखनऊ में इलाज चल रहा था.

विनोद कुमार
विनोद कुमार
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Published : May 7, 2021, 3:26 PM IST

Updated : May 7, 2021, 6:35 PM IST

गोंडाः समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेताओं में शुमार विनोद कुमार सिंह उर्फ पंडित सिंह का शुक्रवार को कोविड-19 से निधन हो गया. गोंडा के पूर्व विधायक व सपा सरकार में मंत्री रहे विनोद कुमार सिंह उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक प्रभावशाली चेहरा माने जाते थे. उनकी गिनती मुलायम सिंह यादव तथा अखिलेश यादव के बेहद करीबियों में होती थी. कोरोना संक्रमण के कारण उनका लखनऊ के एक चिकित्सालय में इलाज चल रहा था. पूर्व मंत्री के निधन से समाजवादी पार्टी में शोक की लहर है.

अखिलेश यादव ने दुख व्यक्त किया
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट कर पंडित सिंह के निधन पर दुख व्यक्त किया, साथ ही परिजनों को सांत्वना भी दी है. सपा के संरक्षक मुलायम सिंह यादव और राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के बेहद करीबियों में गिने जाने वाले विनोद कुमार सिंह उर्फ पंडित सिंह का समाजवादी पार्टी से गहरा रिश्ता रहा है. यही कारण है कि 1996 से लेकर अब तक समाजवादी पार्टी ने पंडित सिंह का टिकट कभी नहीं काटा. पंडित सिंह की गिनती समाजवादी पार्टी के भरोसेमंद सिपाहियों में की जाती थी. खाता ना बही, जो पंडित सिंह कहे वो सही का नारा उनके क्षेत्र में काफी प्रसिद्ध रहा था.

पंडित सिंह का राजनीतिक जीवन
7 जनवरी 1962 में गोंडा के बल्लीपुर में पंडित सिंह का जन्म हुआ. 1993 से उन्होंने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की, हालांकि 1993 में वह चुनाव हार गए. 1996 में यूपी की 13वीं विधानसभा में पहली बार वह विधानसभा सदस्य निर्वाचित हुए. वर्ष 2002 में भी समाजवादी पार्टी से विधायक चुने गए. 2003 में जब मुलायम सिंह यादव प्रदेश में मुख्यमंत्री बने तो पंडित सिंह को चिकित्सा व शिक्षा राज्य मंत्री बनाया गया. 2007 के विधानसभा चुनाव में वह गोंडा से चुनाव हार गए. 2012 के विधानसभा चुनाव में एक बार फिर से चुनाव जीत गए और अखिलेश यादव ने उन्हें अपने मंत्रिमंडल में राजस्व सहायता पुनर्वास विभाग का मंत्री बनाया. 2017 के विधानसभा चुनाव में पंडित सिंह ने गोंडा सदर की सीट पर अपने भतीजे सूरज सिंह को चुनाव लड़ाया और खुद पंडित सिंह ने गोंडा की तरबगंज विधानसभा से चुनाव लड़ा. इस बार सूरज सिंह बाहुबली सांसद बृजभूषण शरण सिंह के बेटे प्रतीक भूषण से चुनाव हार गए, वहीं तरबगंज से पंडित सिंह भाजपा प्रत्याशी प्रेम नारायण पांडे से चुनाव हार गए.

इसे भी पढ़ेंः पंचायत चुनाव के बाद हुई हिंसक घटनाओं पर मायावती ने जताई चिंता, कार्रवाई की मांग

खाता न बही, जो पंडित सिंह कहें वही सही
पंडित सिंह के चुनाव प्रचार में नारा लगता था कि खाता ना बही, जो पंडित सिंह कहें वही सही. जानकार बताते हैं कि पंडित सिंह अपने लोगों के लिए किसी भी सीमा तक लड़ते थे. यही कारण है कि पंडित सिंह लगातार चुनाव जीतते रहते थे.

गोंडाः समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेताओं में शुमार विनोद कुमार सिंह उर्फ पंडित सिंह का शुक्रवार को कोविड-19 से निधन हो गया. गोंडा के पूर्व विधायक व सपा सरकार में मंत्री रहे विनोद कुमार सिंह उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक प्रभावशाली चेहरा माने जाते थे. उनकी गिनती मुलायम सिंह यादव तथा अखिलेश यादव के बेहद करीबियों में होती थी. कोरोना संक्रमण के कारण उनका लखनऊ के एक चिकित्सालय में इलाज चल रहा था. पूर्व मंत्री के निधन से समाजवादी पार्टी में शोक की लहर है.

अखिलेश यादव ने दुख व्यक्त किया
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट कर पंडित सिंह के निधन पर दुख व्यक्त किया, साथ ही परिजनों को सांत्वना भी दी है. सपा के संरक्षक मुलायम सिंह यादव और राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के बेहद करीबियों में गिने जाने वाले विनोद कुमार सिंह उर्फ पंडित सिंह का समाजवादी पार्टी से गहरा रिश्ता रहा है. यही कारण है कि 1996 से लेकर अब तक समाजवादी पार्टी ने पंडित सिंह का टिकट कभी नहीं काटा. पंडित सिंह की गिनती समाजवादी पार्टी के भरोसेमंद सिपाहियों में की जाती थी. खाता ना बही, जो पंडित सिंह कहे वो सही का नारा उनके क्षेत्र में काफी प्रसिद्ध रहा था.

पंडित सिंह का राजनीतिक जीवन
7 जनवरी 1962 में गोंडा के बल्लीपुर में पंडित सिंह का जन्म हुआ. 1993 से उन्होंने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की, हालांकि 1993 में वह चुनाव हार गए. 1996 में यूपी की 13वीं विधानसभा में पहली बार वह विधानसभा सदस्य निर्वाचित हुए. वर्ष 2002 में भी समाजवादी पार्टी से विधायक चुने गए. 2003 में जब मुलायम सिंह यादव प्रदेश में मुख्यमंत्री बने तो पंडित सिंह को चिकित्सा व शिक्षा राज्य मंत्री बनाया गया. 2007 के विधानसभा चुनाव में वह गोंडा से चुनाव हार गए. 2012 के विधानसभा चुनाव में एक बार फिर से चुनाव जीत गए और अखिलेश यादव ने उन्हें अपने मंत्रिमंडल में राजस्व सहायता पुनर्वास विभाग का मंत्री बनाया. 2017 के विधानसभा चुनाव में पंडित सिंह ने गोंडा सदर की सीट पर अपने भतीजे सूरज सिंह को चुनाव लड़ाया और खुद पंडित सिंह ने गोंडा की तरबगंज विधानसभा से चुनाव लड़ा. इस बार सूरज सिंह बाहुबली सांसद बृजभूषण शरण सिंह के बेटे प्रतीक भूषण से चुनाव हार गए, वहीं तरबगंज से पंडित सिंह भाजपा प्रत्याशी प्रेम नारायण पांडे से चुनाव हार गए.

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खाता न बही, जो पंडित सिंह कहें वही सही
पंडित सिंह के चुनाव प्रचार में नारा लगता था कि खाता ना बही, जो पंडित सिंह कहें वही सही. जानकार बताते हैं कि पंडित सिंह अपने लोगों के लिए किसी भी सीमा तक लड़ते थे. यही कारण है कि पंडित सिंह लगातार चुनाव जीतते रहते थे.

Last Updated : May 7, 2021, 6:35 PM IST
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