लखनऊ: परिवहन विभाग के आरटीओ कार्यालय हमेशा ही घूसखोरी के लिए चर्चा का विषय बनते रहते हैं. आम जनता में ये धारणा घर कर गई है कि आरटीओ कार्यालय में कोई भी ऐसा काम नहीं है, जो बिना रिश्वत दिए कराया जा सके. हर काम में दाम जरूरी होता है. अब ऐसा ही एक मामला चंदौली एआरटीओ कार्यालय से जुड़ा हुआ सामने आया है, जहां की घूसखोरी की एक सूची अधिकार सेना के हाथ लगी है. अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने एआरटीओ चंदौली कार्यालय में फैले भ्रष्टाचार की जांच कराए जाने की मांग की है.
अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने सरकार से मांग कि है कि परिवहन विभाग के आरटीओ कार्यालयों में भ्रष्टाचार की निष्पक्ष जांच कराई जाए. एआरटीओ चंदौली कार्यालय की सूची उनके हाथ लगी है. यह वहीं के अधिकृत व्यक्ति की तरफ से उन्हें सौंपी गई है. इससे इसमें कुछ भी गलत नहीं लगता. सूची में साफ तौर पर आरटीओ कार्यालय में होने वाले अलग-अलग कामों के लिए अलग-अलग रेट दिए गए हैं, जिसमें ड्राइविंग लाइसेंस, ड्राइविंग लाइसेंस रिनुअल, फिटनेस और रजिस्ट्रेशन जैसे काम शामिल हैं. हर काम के लिए अलग-अलग कीमत तय की गई है. बिहार से आने वाली गाड़ियों के लिए अलग कीमत है तो उत्तर प्रदेश की गाड़ियों के लिए अलग कीमत. इस तरह के भ्रष्टाचार पर अंकुश लगना ही चाहिए. अधिकार सेना की यह मांग है कि इस मामले में जांच कर कड़ी कार्रवाई की जाए.
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बता दें कि चंदौली एआरटीओ कार्यालय में रिश्वतखोरी का मामला सामने आया है. इसकी शिकायत भी परिवहन विभाग के उच्चाधिकारियों से लेकर परिवहन मंत्री तक की गई है. अब संबंधित कार्यालय के एआरटीओ समेत अन्य कर्मचारियों पर कार्रवाई करने के लिए अधिकार सेना ने भी मांग उठाई है.