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अमिताभ ठाकुर जबरिया रिटायर मामले में कैट ने केंद्र और योगी सरकार से जवाब मांगा

जबरिया रिटायर्ड IPS अधिकारी अमिताभ ठाकुर के मामले में कैट ने केंद्र और राज्य सरकार से जवाब मांगा है. अमिताभ ठाकुर को 23 मार्च 2021 में अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गयी थी. उन्होंने सरकार के इस फैसले को कैट में चुनौती दी थी.

पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर
पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर
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Published : Jun 17, 2021, 5:20 AM IST

लखनऊ : पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर ने अपने जबरिया रिटायरमेंट के आदेश को कैट में चुनौती दी थी. अब इस पर केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) की लखनऊ बेंच ने बुधवार को केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार से जवाब मांगा है. अमिताभ ठाकुर को केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश के क्रम में प्रदेश सरकार द्वारा 23 मार्च 2021 को अनिवार्य सेवानिवृति दी गयी थी.

यह आदेश कैट के प्रशासनिक सदस्य ए. मुखोपाध्याय की बेंच ने अमिताभ, केंद्र सरकार की अधिवक्ता प्रयागमती गुप्ता तथा राज्य सरकार के अधिवक्ता एसएस राजावत को सुनने के बाद दिया. अमिताभ ठाकुर ने कैट को बताया कि यह आदेश पूरी तरह मनमाना तथा अस्पष्ट है. इसमें आदेश देने का कोई कारण भी नहीं बताया गया है. उन्होंने इस संबंध में केंद्र सरकार से जानकारी मांगी तो मना कर दिया गया. इतना ही नहीं, उन्हें पहले आरटीआई एक्ट की धारा 8 (1) (आई) तथा बाद में धारा 8 (1) (जे) के तहत भी सूचना देने से मना कर दिया गया.

6 अगस्त 2021 को होगी सुनवाई

केंद्र व राज्य सरकार के अधिवक्ताओं ने जवाब देने के लिए आठ सप्ताह का समय मांगा, जिसका अमिताभ ठाकुर की तरफ से इस आधार पर विरोध किया गया कि प्रदेश सरकार के आदेश से उन्हें गंभीर सामाजिक एवं वित्तीय क्षति पहुंची है. उन्होंने कहा कि वे सरकार का जवाब आने के बाद मात्र एक सप्ताह में अपना जवाब दे देंगे. वे शीघ्र इस मामले का निस्तारण चाहते हैं. इसके बाद कैट ने केंद्र व प्रदेश सरकार को छह सप्ताह का समय देते हुए 6 अगस्त 2021 को सुनवाई की अगली तारीख नियत की.

लखनऊ : पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर ने अपने जबरिया रिटायरमेंट के आदेश को कैट में चुनौती दी थी. अब इस पर केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) की लखनऊ बेंच ने बुधवार को केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार से जवाब मांगा है. अमिताभ ठाकुर को केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश के क्रम में प्रदेश सरकार द्वारा 23 मार्च 2021 को अनिवार्य सेवानिवृति दी गयी थी.

यह आदेश कैट के प्रशासनिक सदस्य ए. मुखोपाध्याय की बेंच ने अमिताभ, केंद्र सरकार की अधिवक्ता प्रयागमती गुप्ता तथा राज्य सरकार के अधिवक्ता एसएस राजावत को सुनने के बाद दिया. अमिताभ ठाकुर ने कैट को बताया कि यह आदेश पूरी तरह मनमाना तथा अस्पष्ट है. इसमें आदेश देने का कोई कारण भी नहीं बताया गया है. उन्होंने इस संबंध में केंद्र सरकार से जानकारी मांगी तो मना कर दिया गया. इतना ही नहीं, उन्हें पहले आरटीआई एक्ट की धारा 8 (1) (आई) तथा बाद में धारा 8 (1) (जे) के तहत भी सूचना देने से मना कर दिया गया.

6 अगस्त 2021 को होगी सुनवाई

केंद्र व राज्य सरकार के अधिवक्ताओं ने जवाब देने के लिए आठ सप्ताह का समय मांगा, जिसका अमिताभ ठाकुर की तरफ से इस आधार पर विरोध किया गया कि प्रदेश सरकार के आदेश से उन्हें गंभीर सामाजिक एवं वित्तीय क्षति पहुंची है. उन्होंने कहा कि वे सरकार का जवाब आने के बाद मात्र एक सप्ताह में अपना जवाब दे देंगे. वे शीघ्र इस मामले का निस्तारण चाहते हैं. इसके बाद कैट ने केंद्र व प्रदेश सरकार को छह सप्ताह का समय देते हुए 6 अगस्त 2021 को सुनवाई की अगली तारीख नियत की.

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