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गुपचुप तरीके से क्यों भेजा गया रिटायरमेंट का आदेश : पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर

पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने डीजीपी एचसी अवस्थी को पत्र लिखा है. इस पत्र के जरिेए उन्होंने अपने अनिवार्य सेवानिवृति के आदेश को प्राप्त कराए जाने के तरीके पर आपत्ति जताई है.

पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर
पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर
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Published : Mar 30, 2021, 3:43 PM IST

लखनऊ: पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने डीजीपी एचसी अवस्थी को पत्र लिखकर अपने अनिवार्य सेवानिवृति के आदेश को प्राप्त कराये जाने के तरीके पर आपत्ति जताई है. पत्र की तस्वीर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है. खत में उन्होंने लिखा है कि "उनके लिए जो आदेश जारी किया गया था. वह उस आदेश से असहमत है." उन्होंने आगे लिखा है कि "वह इस संबंध में विधिक अध्ययन कर रहे हैं, लेकिन यह ऐसा आदेश नहीं था, जिसे गिरफ्तारी वारंट की तरह इतना गुपचुप तरीके से मुझे भेजा गया."

अमिताभ ठाकुर का लिखा पत्र
अमिताभ ठाकुर का लिखा पत्र

इसे भी पढ़ें- अमिताभ ठाकुर के 'जबरिया रिटायर्ड' का मामला पहुंचा हाईकोर्ट, दी गई चुनौती


"मेरे साथ अपराधियों जैसा व्यवहार किया"

अमिताभ ठाकुर ने डीजीपी को लिखा है कि "आप मुझे इस बारे में बता कर अपने कार्यालय में बुला कर आसानी से इसका पालन करवा सकते थे और मुझे मेरे उज्ज्वल भविष्य के लिए दो बोल बोलकर विदा कर सकते थे. मैं जिस सेवा में इतने लंबे समय तक रहा था, वहां मेरा इतना तो हक बनता था, लेकिन मेरे साथ ऐसा नहीं किया गया, जबकि मेरे साथ ऐसा व्यवहार किया गया जैसे अपराधियों के साथ किया जाता है"

‘परम गोपनीय सील्ड कवर’ लिफाफा
‘परम गोपनीय सील्ड कवर’ लिफाफा

इसे भी पढ़ें- 'जबरन रिटायर' किए गए अमिताभ ठाकुर सहित 3 IPS अधिकारी

‘ऐसा व्यवहार क्यों किया’

पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने पत्र में आगे लिखा कि " एक अफसर के जरिए ‘परम गोपनीय सील्ड कवर’ लिफाफा लेकर मेरे ऑफिस भेजा गया, मुझे सरप्राइज देते हुए हाथों हाथ यह आदेश देना था, ताकि मुझे इसकी भनक तक नहीं होनी चाहिए और मेरी और से आदेश प्राप्त करने में कोई गड़बड़ी न की जाए. उनको आदेश की जानकारी पहले से ही हो गई थी. जाहिर सी बात है कि अगर मैं चाहता तो आदेश प्राप्त ही न करता और ऑफिस छोड़ कर चला जाता, लेकिन मैं कब तक भागता और क्यों? मुझे बस इस बात का मलाल हमेशा रहेगा कि आपने अफसर को बीच सेवा में निकाला तो निकाला, उसके साथ ऐसा व्यवहार क्यों किया."

लखनऊ: पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने डीजीपी एचसी अवस्थी को पत्र लिखकर अपने अनिवार्य सेवानिवृति के आदेश को प्राप्त कराये जाने के तरीके पर आपत्ति जताई है. पत्र की तस्वीर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है. खत में उन्होंने लिखा है कि "उनके लिए जो आदेश जारी किया गया था. वह उस आदेश से असहमत है." उन्होंने आगे लिखा है कि "वह इस संबंध में विधिक अध्ययन कर रहे हैं, लेकिन यह ऐसा आदेश नहीं था, जिसे गिरफ्तारी वारंट की तरह इतना गुपचुप तरीके से मुझे भेजा गया."

अमिताभ ठाकुर का लिखा पत्र
अमिताभ ठाकुर का लिखा पत्र

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"मेरे साथ अपराधियों जैसा व्यवहार किया"

अमिताभ ठाकुर ने डीजीपी को लिखा है कि "आप मुझे इस बारे में बता कर अपने कार्यालय में बुला कर आसानी से इसका पालन करवा सकते थे और मुझे मेरे उज्ज्वल भविष्य के लिए दो बोल बोलकर विदा कर सकते थे. मैं जिस सेवा में इतने लंबे समय तक रहा था, वहां मेरा इतना तो हक बनता था, लेकिन मेरे साथ ऐसा नहीं किया गया, जबकि मेरे साथ ऐसा व्यवहार किया गया जैसे अपराधियों के साथ किया जाता है"

‘परम गोपनीय सील्ड कवर’ लिफाफा
‘परम गोपनीय सील्ड कवर’ लिफाफा

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‘ऐसा व्यवहार क्यों किया’

पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने पत्र में आगे लिखा कि " एक अफसर के जरिए ‘परम गोपनीय सील्ड कवर’ लिफाफा लेकर मेरे ऑफिस भेजा गया, मुझे सरप्राइज देते हुए हाथों हाथ यह आदेश देना था, ताकि मुझे इसकी भनक तक नहीं होनी चाहिए और मेरी और से आदेश प्राप्त करने में कोई गड़बड़ी न की जाए. उनको आदेश की जानकारी पहले से ही हो गई थी. जाहिर सी बात है कि अगर मैं चाहता तो आदेश प्राप्त ही न करता और ऑफिस छोड़ कर चला जाता, लेकिन मैं कब तक भागता और क्यों? मुझे बस इस बात का मलाल हमेशा रहेगा कि आपने अफसर को बीच सेवा में निकाला तो निकाला, उसके साथ ऐसा व्यवहार क्यों किया."

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