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नक्सलियों को तो नहीं बेची जा रही गायब थ्री नाट थ्री राइफलें और कारतूस! - बेची जा रही गायब थ्री नाट थ्री राइफलें और कारतूस

उत्तर प्रदेश होमगार्ड विभाग में हो रही अनियमितता और भ्रष्टाचार की परतें खुलने लगी है. सूत्रों की मानें तो यूपी होमगार्ड विभाग में पिछले पंद्रह वर्षों से 1348 होमगार्ड जवान लापता हैं. उनका वेतन लगातार आहरित हो रहा है. यही नहीं, लखनऊ से आठ थ्री नॉट थ्री राइफल समेत कई जिलों से राइफलें व कारतूस गायब हैं. राइफलों के गायब होने का खुलासा सत्यापन में हुआ है. होमगार्ड विभाग से राइफल और कारतूस गायब होने के मामले में पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर तथा डॉ नूतन ठाकुर भी कूद गए हैं. पूर्व IPS ने उत्तर प्रदेश होमगार्ड विभाग में अनियमितता और भ्रष्टाचार की जांच की मांग की है.

पूर्व IPS ने की जांच की मांग
पूर्व IPS ने की जांच की मांग
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Published : Aug 12, 2021, 8:16 AM IST

Updated : Aug 13, 2021, 5:18 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश होमगार्ड विभाग में हो रही अनियमितता और भ्रष्टाचार की परतें खुलने लगी है. सूत्रों की मानें तो यूपी होमगार्ड विभाग में पिछले पंद्रह वर्षों से 1348 होमगार्ड जवान लापता हैं. उनका वेतन लगातार आहरित हो रहा है. यही नहीं, लखनऊ से आठ थ्री नॉट थ्री राइफल समेत कई जिलों से राइफलें व कारतूस गायब हैं. राइफलों के गायब होने का खुलासा सत्यापन में हुआ है. सभी मण्डलों में इसका सत्यापन कराया जा रहा है. आशंका जताई जा रही कि, होमगार्ड विभाग से गायब राइफल व कारतूस नक्सलियों को बेची जा रही हैं.

इस आशंका को इसलिए भी बल मिल रहा कि, दो वर्ष पूर्व तत्कालीन SSP कलानिधि नैथानी की जांच में लोकल बदमाशों को बेचने और इनके संबंध नक्सलियों से होने के सुबूत मिले थे, इसे रोकने के लिए तत्कालीन SSP ने शस्त्र एवं कारतूस नियंत्रण प्रकोष्ठ का गठन भी किया था. हालांकि, तत्कालीन SSP के हटने के बाद ये प्रकोष्ठ निष्क्रिय हो गया. होमगार्ड विभाग से राइफल और कारतूस गायब होने के मामले में पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर तथा डॉ नूतन ठाकुर भी कूद गए हैं. पूर्व IPS ने उत्तर प्रदेश होमगार्ड विभाग में अनियमितता और भ्रष्टाचार की जांच की मांग की है.

पूर्व IPS ने की जांच की मांग
पूर्व IPS ने की जांच की मांग

अमिताभ ठाकुर ने सीएम योगी आदित्यनाथ सहित अन्य को भेजी शिकायत में उन्होंने कहा कि उन्हें एक गुमनाम पत्र प्राप्त हुआ जिसके अनुसार विभाग में 1348 होमगार्ड पिछले 15 वर्षों में से लापता हैं और उनका वेतन लगातार आहरित हो रहा है. अमिताभ ने कहा कि, होमगार्ड जवानों को सुरक्षा ड्यूटी के लिए पुलिस की चौदह हजार पांच सौ बत्तीस 303 राइफलें दी गई थीं, इनमें 528 रायफल उत्तराखंड होमगार्ड विभाग को और 05 रायफल प्रादेशिक विकास दल बरेली को दे दी गई थी, शेष 13,999 रायफल यूपी के जिलों में होमगार्डों को दी गई थीं. कई वर्षों से राइफल और कारतूस गायब होने की शिकायत पर मामले की जांच शुरू की गई थी. मगर, कुछ दिनों बाद प्रकरण को दबा दिया गया है.



2000 करोड़ का ड्यूटी भत्ता एरियर के भुगतान में अनियमितता का आरोप

अमिताभ का आरोप है कि विगत दिनों 2000 करोड़ का ड्यूटी भत्ता एरियर का भुगतान अनियनित तरीके से किया गया. यह भी आरोप है कि मुख्यमंत्री ने 2017 में होमगार्ड जवानों के ई ड्यूटी स्थल बदलने की प्रक्रिया पर पूरी रोक लगा दी थी, लेकिन 02 अगस्त 2021 के आदेश द्वारा अफसरों को 10 होमगार्ड बदलने का अधिकार दे दिया गया है, जिसका व्यापक दुरुपयोग किया जायेगा. उन्होंने कहा कि, शिकायती पत्र में प्रयागराज तथा लखनऊ फर्जी ड्यूटी कांड में कमांडेंट पर कार्रवाई किये जाने पर उस कांड के लिए सीधे तौर पर दोषी अन्य अफसरों को बचा लेने तथा बाराबंकी कांड में FIR के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं करने की बात भी कही गई है. शासन में होमगार्ड विभाग में सालों से तैनात अनुभाग अधिकारी तथा एक होमगार्ड द्वारा भ्रष्टाचार करने की बात भी लिखा गया है. अमिताभ तथा नूतन ने इसे गंभीर मामला बताते हुए उच्चस्तरीय जांच कराते हुए कार्रवाई की मांग की है.

पूर्व IPS ने की जांच की मांग
पूर्व IPS ने की जांच की मांग



होमगार्ड विभाग गायब आठ रायफलों की जांच शुरू

दो साल पहले वाराणसी कैंट से भाजपा विधायक सौरभ श्रीवास्तव ने विभागीय मंत्री से लखनऊ से रायफल व कारतूस गायब होने की शिकायत कर जांच कराने का अनुरोध किया था. इसके बाद होमगार्ड मुख्यालय स्तर पर गठित जांच समिति ने रायफलों का सत्यापन कराना शुरू किया, तो इसमें आठ रायफल गायब होने की जानकारी मिली. डीजी होमगार्ड विजय कुमार ने बताया कि अब पता लगाया जा रहा है कि ये रायफल किनके पास हैं. लखनऊ के मंडलीय कमांडेंट होमगार्ड घनश्याम चतुर्वेदी व कमांडेंट होमगार्ड अतुल सिंह और उन्नाव के कमांडेंट होमगार्ड मनोज शुक्ला की समिति इसकी जांच कर रही है. उन्होंने बताया कि रायफल और कारतूस गायब होने की शिकायत मिलने के बाद इसका सत्यापन कराया जा रहा है. बृहस्पतिवार को अयोध्या के होमगार्ड विभाग के अधिकारियों को सत्यापन रिपोर्ट के साथ बुलाया गया है. सभी मंडलों में सत्यापन होने के बाद जिन जिलों में रायफल गायब है, वहां के पुलिस अधिकारियों से अनुरोध किया जाएगा कि वह अपने थानों पर इन रायफलों का सत्यापन कराएं. इसमें भी रायफलें नहीं मिली तो FIR दर्ज कराई जाएगी. होमगार्ड विभाग के लखनऊ जिले के अधिकारियों का कहना है कि उन्हें 116 रायफल मिली थीं. इनमें से दो रायफलें गायब हैं. जबकि, होमगार्ड मुख्यालय के रिकॉर्ड में लखनऊ को 419 रायफल देने की बात है. डिप्टी कमांडेंट जनरल रंजीत सिंह का कहना है कि लखनऊ के आंकड़ों में कुछ गड़बड़ी है. जांच कराई जा रही है.

वर्ष 2019 में कालाबाजारी रोकने को शस्त्र एवं कारतूस नियंत्रण प्रकोष्ठ का किया गया था गठन
दो वर्ष पूर्व शस्त्र लाइसेंस पर कारतूस खरीद कर बदमाशों को बेचे जाने का मामला आया था. सितंबर 2019 में तत्कालीन SSP कलानिधि नैथानी ने पूरे मामले की जांच की थी जिसमें इनपुट मिला था कि यह लोकल बदमाश लाइसेंस पर सरकारी कारतूस खरीद नक्सलियों को बेच रहे हैं जिसके बाद तत्कालीन SSP ने शस्त्र एवं कारतूस नियंत्रण प्रकोष्ठ का गठन किया था. उन्होंने कारतूसों के बिक्री का सत्यापन शुरु करवाने के साथ निगरानी के लिए प्रकोष्ठ का गठन किया था. प्रदेश में पहली बार हाथियारों की निगरानी के लिए लखनऊ में ऐसे किसी सेल का गठन किया गया था.
सेल को दिए गए थे यह अधिकार
सेल को जिम्मेदारी दी गई थी कि अवैध असलहों को बनाने और बाहर से आयात करने वाले गिरोहों को चिंहित कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करें. कहां से असलहों को आयात किया जा रहा है इसका पता लगाकर गैंग और करोबार को खत्म करना सेल का मुख्य कार्य होगा. इसके अलावा लाइसेंसी असलहों के दुरुपयोंग, हर्ष फायरिंग पर भी सेल हमेशा निगरानी करेगा. लाइसेंसधारियों के असलहों की समय-समय पर जांच और उनके लाइसेंस पर खरीदे गए कारतूसों का सत्यापन भी किया जाएगा. आर्म्स की दुकानों पर कारतूसों की खरीद बिक्री की आडिट हर महीने की जाएगी. जिल में किस बोर के कितने लाइसेंसी असलहे हैं और उनका किस तरह से इस्तेमाल हो रहा है इसका ब्योरा रखा जाएगा. मगर, SSP कलानिधि के लखनऊ से हटने के साथ ही सेल भी निष्क्रिय हो गया.
रिपोर्ट में सामने आई थी कारतूसों की कालाबाजारी
दो वर्ष पूर्व एडीजी कानून-व्यवस्था ने IPS अमित पाठक को कारतूसों की कालाबाजारी रोकने का लिए सत्यापन की जिम्मेदारी सौंपी थी. जून 2019 में IPS अमित की रिपोर्ट में बताया गया था कि यूपी के लाइसेंसी अलहाधरियों के पास से गायब करोड़ों के कारतूसों की सप्लाई बिहार और झारखंड में नक्सलियों को की गई है. इन कारतूसों के बदले वहां से अवैध असलहे मंगवाए जा रहे हैं. जुलाई 2019 में बरेली के गन हाउस से कारतूसों के अवैध बिक्री की जानकारी पर छानबीन शुरु हुई थी. 2017 में ठाकुरगंज में मारे गए आतंकी को कारतूस सप्लाई करने वाले कानपुर के सात गन हाउस मालिक भी जेल गए थे.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश होमगार्ड विभाग में हो रही अनियमितता और भ्रष्टाचार की परतें खुलने लगी है. सूत्रों की मानें तो यूपी होमगार्ड विभाग में पिछले पंद्रह वर्षों से 1348 होमगार्ड जवान लापता हैं. उनका वेतन लगातार आहरित हो रहा है. यही नहीं, लखनऊ से आठ थ्री नॉट थ्री राइफल समेत कई जिलों से राइफलें व कारतूस गायब हैं. राइफलों के गायब होने का खुलासा सत्यापन में हुआ है. सभी मण्डलों में इसका सत्यापन कराया जा रहा है. आशंका जताई जा रही कि, होमगार्ड विभाग से गायब राइफल व कारतूस नक्सलियों को बेची जा रही हैं.

इस आशंका को इसलिए भी बल मिल रहा कि, दो वर्ष पूर्व तत्कालीन SSP कलानिधि नैथानी की जांच में लोकल बदमाशों को बेचने और इनके संबंध नक्सलियों से होने के सुबूत मिले थे, इसे रोकने के लिए तत्कालीन SSP ने शस्त्र एवं कारतूस नियंत्रण प्रकोष्ठ का गठन भी किया था. हालांकि, तत्कालीन SSP के हटने के बाद ये प्रकोष्ठ निष्क्रिय हो गया. होमगार्ड विभाग से राइफल और कारतूस गायब होने के मामले में पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर तथा डॉ नूतन ठाकुर भी कूद गए हैं. पूर्व IPS ने उत्तर प्रदेश होमगार्ड विभाग में अनियमितता और भ्रष्टाचार की जांच की मांग की है.

पूर्व IPS ने की जांच की मांग
पूर्व IPS ने की जांच की मांग

अमिताभ ठाकुर ने सीएम योगी आदित्यनाथ सहित अन्य को भेजी शिकायत में उन्होंने कहा कि उन्हें एक गुमनाम पत्र प्राप्त हुआ जिसके अनुसार विभाग में 1348 होमगार्ड पिछले 15 वर्षों में से लापता हैं और उनका वेतन लगातार आहरित हो रहा है. अमिताभ ने कहा कि, होमगार्ड जवानों को सुरक्षा ड्यूटी के लिए पुलिस की चौदह हजार पांच सौ बत्तीस 303 राइफलें दी गई थीं, इनमें 528 रायफल उत्तराखंड होमगार्ड विभाग को और 05 रायफल प्रादेशिक विकास दल बरेली को दे दी गई थी, शेष 13,999 रायफल यूपी के जिलों में होमगार्डों को दी गई थीं. कई वर्षों से राइफल और कारतूस गायब होने की शिकायत पर मामले की जांच शुरू की गई थी. मगर, कुछ दिनों बाद प्रकरण को दबा दिया गया है.



2000 करोड़ का ड्यूटी भत्ता एरियर के भुगतान में अनियमितता का आरोप

अमिताभ का आरोप है कि विगत दिनों 2000 करोड़ का ड्यूटी भत्ता एरियर का भुगतान अनियनित तरीके से किया गया. यह भी आरोप है कि मुख्यमंत्री ने 2017 में होमगार्ड जवानों के ई ड्यूटी स्थल बदलने की प्रक्रिया पर पूरी रोक लगा दी थी, लेकिन 02 अगस्त 2021 के आदेश द्वारा अफसरों को 10 होमगार्ड बदलने का अधिकार दे दिया गया है, जिसका व्यापक दुरुपयोग किया जायेगा. उन्होंने कहा कि, शिकायती पत्र में प्रयागराज तथा लखनऊ फर्जी ड्यूटी कांड में कमांडेंट पर कार्रवाई किये जाने पर उस कांड के लिए सीधे तौर पर दोषी अन्य अफसरों को बचा लेने तथा बाराबंकी कांड में FIR के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं करने की बात भी कही गई है. शासन में होमगार्ड विभाग में सालों से तैनात अनुभाग अधिकारी तथा एक होमगार्ड द्वारा भ्रष्टाचार करने की बात भी लिखा गया है. अमिताभ तथा नूतन ने इसे गंभीर मामला बताते हुए उच्चस्तरीय जांच कराते हुए कार्रवाई की मांग की है.

पूर्व IPS ने की जांच की मांग
पूर्व IPS ने की जांच की मांग



होमगार्ड विभाग गायब आठ रायफलों की जांच शुरू

दो साल पहले वाराणसी कैंट से भाजपा विधायक सौरभ श्रीवास्तव ने विभागीय मंत्री से लखनऊ से रायफल व कारतूस गायब होने की शिकायत कर जांच कराने का अनुरोध किया था. इसके बाद होमगार्ड मुख्यालय स्तर पर गठित जांच समिति ने रायफलों का सत्यापन कराना शुरू किया, तो इसमें आठ रायफल गायब होने की जानकारी मिली. डीजी होमगार्ड विजय कुमार ने बताया कि अब पता लगाया जा रहा है कि ये रायफल किनके पास हैं. लखनऊ के मंडलीय कमांडेंट होमगार्ड घनश्याम चतुर्वेदी व कमांडेंट होमगार्ड अतुल सिंह और उन्नाव के कमांडेंट होमगार्ड मनोज शुक्ला की समिति इसकी जांच कर रही है. उन्होंने बताया कि रायफल और कारतूस गायब होने की शिकायत मिलने के बाद इसका सत्यापन कराया जा रहा है. बृहस्पतिवार को अयोध्या के होमगार्ड विभाग के अधिकारियों को सत्यापन रिपोर्ट के साथ बुलाया गया है. सभी मंडलों में सत्यापन होने के बाद जिन जिलों में रायफल गायब है, वहां के पुलिस अधिकारियों से अनुरोध किया जाएगा कि वह अपने थानों पर इन रायफलों का सत्यापन कराएं. इसमें भी रायफलें नहीं मिली तो FIR दर्ज कराई जाएगी. होमगार्ड विभाग के लखनऊ जिले के अधिकारियों का कहना है कि उन्हें 116 रायफल मिली थीं. इनमें से दो रायफलें गायब हैं. जबकि, होमगार्ड मुख्यालय के रिकॉर्ड में लखनऊ को 419 रायफल देने की बात है. डिप्टी कमांडेंट जनरल रंजीत सिंह का कहना है कि लखनऊ के आंकड़ों में कुछ गड़बड़ी है. जांच कराई जा रही है.

वर्ष 2019 में कालाबाजारी रोकने को शस्त्र एवं कारतूस नियंत्रण प्रकोष्ठ का किया गया था गठन
दो वर्ष पूर्व शस्त्र लाइसेंस पर कारतूस खरीद कर बदमाशों को बेचे जाने का मामला आया था. सितंबर 2019 में तत्कालीन SSP कलानिधि नैथानी ने पूरे मामले की जांच की थी जिसमें इनपुट मिला था कि यह लोकल बदमाश लाइसेंस पर सरकारी कारतूस खरीद नक्सलियों को बेच रहे हैं जिसके बाद तत्कालीन SSP ने शस्त्र एवं कारतूस नियंत्रण प्रकोष्ठ का गठन किया था. उन्होंने कारतूसों के बिक्री का सत्यापन शुरु करवाने के साथ निगरानी के लिए प्रकोष्ठ का गठन किया था. प्रदेश में पहली बार हाथियारों की निगरानी के लिए लखनऊ में ऐसे किसी सेल का गठन किया गया था.
सेल को दिए गए थे यह अधिकार
सेल को जिम्मेदारी दी गई थी कि अवैध असलहों को बनाने और बाहर से आयात करने वाले गिरोहों को चिंहित कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करें. कहां से असलहों को आयात किया जा रहा है इसका पता लगाकर गैंग और करोबार को खत्म करना सेल का मुख्य कार्य होगा. इसके अलावा लाइसेंसी असलहों के दुरुपयोंग, हर्ष फायरिंग पर भी सेल हमेशा निगरानी करेगा. लाइसेंसधारियों के असलहों की समय-समय पर जांच और उनके लाइसेंस पर खरीदे गए कारतूसों का सत्यापन भी किया जाएगा. आर्म्स की दुकानों पर कारतूसों की खरीद बिक्री की आडिट हर महीने की जाएगी. जिल में किस बोर के कितने लाइसेंसी असलहे हैं और उनका किस तरह से इस्तेमाल हो रहा है इसका ब्योरा रखा जाएगा. मगर, SSP कलानिधि के लखनऊ से हटने के साथ ही सेल भी निष्क्रिय हो गया.
रिपोर्ट में सामने आई थी कारतूसों की कालाबाजारी
दो वर्ष पूर्व एडीजी कानून-व्यवस्था ने IPS अमित पाठक को कारतूसों की कालाबाजारी रोकने का लिए सत्यापन की जिम्मेदारी सौंपी थी. जून 2019 में IPS अमित की रिपोर्ट में बताया गया था कि यूपी के लाइसेंसी अलहाधरियों के पास से गायब करोड़ों के कारतूसों की सप्लाई बिहार और झारखंड में नक्सलियों को की गई है. इन कारतूसों के बदले वहां से अवैध असलहे मंगवाए जा रहे हैं. जुलाई 2019 में बरेली के गन हाउस से कारतूसों के अवैध बिक्री की जानकारी पर छानबीन शुरु हुई थी. 2017 में ठाकुरगंज में मारे गए आतंकी को कारतूस सप्लाई करने वाले कानपुर के सात गन हाउस मालिक भी जेल गए थे.
Last Updated : Aug 13, 2021, 5:18 PM IST
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