लखनऊः लगभग दो साल से जिस अधिकारी ने आदेशों की अनसुनी कर रखी थी उन्हें एकदम से ढीले तेवर के साथ निकल जाना पड़ा. यहां बात हो रही है कानपुर स्थित ग्रीनपॉर्क के पूर्व आरएसओ (क्षेत्रीय क्रीड़ाधिकारी) अजय कुमार सेठी की. उनके ऊपर आरोप था कि उनका लगभग दो साल पहले तबादला हो गया था, फिर भी उन्होंने ग्रीन पार्क स्टेडियम परिसर में बने आवास पर अपना कब्जा जमाए रखा है. उन्होंने सोमवार को अपना आवास खाली कर दिया.
दिया गया था नोटिस
दो साल में उन्हें कई बार आवास खाली कराने के लिए नोटिस दिया गया लेकिन कुछ नहीं हुआ. जानकारी के अनुसार उन्हें हाल ही में चेतावनी मिली थी कि यदि उन्होंने 18 जनवरी तक घर खाली नहीं किया और फाइलें विभाग को वापस नहीं सौंपी तो उनके खिलफ सख्त एक्शन होगा.
किया मकान खाली
चेतावनी के बाद अजय सेठी के तेवर ढीले पड़े और उन्होंने सोमवार को घर खाली कर दिया. इस बीच सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उन्होंने इस दौरान ग्रीन पार्क में तैनात कर्मचारियों से धमकी भरे अंदाज में बात की.
कागजों में धांधली
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उनके खिलाफ आरोप है कि उन्होंने कई अहम कागजों में भी धांधली की है. बताया तो ये भी जा रहा है कि इस मामले में जिलाधिकारी द्वारा कराई गई जांच में आरोपों के सही होने पर मुहर भी लग चुकी है. इस मामले में तत्कालीन डीएम आलोक तिवारी ने जांच का फैसला लिया था और सिटी मजिस्ट्रेट एसीएम-7 दीपक कुमार पाल को जांच का जिम्मा दिया गया था. इसके बाद जांच में आरोप की पुष्टि होने के बाद उन्हें पिछले साल 28 दिसंबर तक घर खाली करने और खेल विभाग की फाइलें सक्षम अधिकारी को देने को कहा गया था लेकिन फिर भी वो इस आदेश की अवहेलना करते रहे.
चित्रकूट तबादला
अजय कुमार सेठी पहले ग्रीनपॉर्क के क्षेत्रीय क्रीड़ाधिकारी थे जिनका तबादला दो साल पहले चित्रकूट में कर दिया गया था लेकिन उनके पास ग्रीनपार्क का भी अस्थायी चार्ज था. इस बीच जब उपनिदेशक मुद्रिका पाठक का यहां तबादला हुआ तो उनके अनुरोध के बावजूद सेठी ने यह कहकर आवास खाली करने से इन्कार कर दिया कि उनकी बेटी की शादी है. अजय सेठी ने अपनी बेटी की शादी के बाद भी घर खाली नहीं किया था लेकिन उन्हें इसके लिए कई बार चेतावनी भी दी गई थी.