लखनऊ : उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यपाल राम नाईक ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में प्रेसवार्ता की. उन्होंने कहा कि 'आजम खान ने उस जमीन पर कब्जा किया था जो उनकी नहीं थी. मैंने अपने समय भी यह मामला उजागर किया था. आजम खान आज जहां भी हैं वह अपने कर्मों का फल भुगत रहे हैं. उन्होंने पत्रकारों से कहा कि आप लोग बता रहे हैं कि वह जेल में हैं.'
राम नाईक ने कहा कि '1875 में वंदे मातरम का गीत लिखा गया था. भारत देश 1947 में आजाद हुआ था. देशवासियों ने 1950 में संविधान को स्वीकार किया. पहले वंदे मातरम संसद में गाया नहीं जाता था. वंदे मातरम को लेकर मैंने आवाज उठाई थी. 1992 में लोकसभा व राज्यसभा में सत्र के पहले दिन जन गण मन सत्र के अंतिम दिन पर वंदे मातरम प्रारंभ हुआ. इस संबंध में उनसे पूछा गया कि आज भी वंदे मातरम के केवल कुछ ही वाक्यांश गए जाते हैं. पूरा वंदे मातरम गीत नहीं गया जाता. इसको लेकर उन्होंने कहा कि हमने एक शुरुआत कर दी है. अब इसके लिए एक जन जागरण की जरूरत है. लोग प्रयास करें तो एक न एक दिन पूरा वंदे मातरम भी गया जाएगा.'
राम नाईक ने कहा कि 'मुंबई से उत्तर प्रदेश को देखता रहता हूं. 5 साल मैं उत्तर प्रदेश में राज्यपाल रहा हूं. लखनऊ एक पारिवारिक शादी में आया था. इस समय उत्तर प्रदेश में ईज ऑफ डूइंग में आगे है. 2017 में 17 मेडिकल कॉलेज उत्तर प्रदेश में थे. वर्तमान में 27 मेडिकल कॉलेज उत्तर प्रदेश में हैं. उत्तर प्रदेश में 18 मेडिकल कॉलेज निर्माणाधीन हैं. निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज बनने के बाद उत्तर प्रदेश में 45 मेडिकल कॉलेज होंगे. रामपुर में जौहर यूनिवर्सिटी ₹100 लीज पर ले रखी थी. हाल में हुई यूपी कैबिनेट बैठक में यह प्रस्ताव लिया गया की जमीन वापस ली जाएगी. उन्होंने कहा कि आजम खान अपने किए गए कामों की सजा भुगत रहे हैं और वह जेल में हैं. समाजवादी पार्टी अगर उनके समर्थन में खड़ी होती है तो उनको भी सोचना चाहिए.'
पूर्व राज्यपाल ने कहा कि '22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होगी और यह ऐतिहासिक क्षण है. उन्होंने कहा कि हम सब सौभाग्यशाली हैं कि इस अवसर के साक्षी बनने जा रहे हैं. उनसे जब पूछा गया कि क्या प्राण प्रतिष्ठा समारोह में उनको बुलाया जा रहा है तो वह बोले कि आमंत्रित तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी हो रहे हैं और या तो आयोजन समिति के अपने अधिकार हैं कि वह किसको बुलाए और किसको नहीं.'