लखनऊ : लखनऊ विश्वविद्यालय में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. जिसमें विश्वविद्यालय में शोध कर रही एक विदेशी छात्रा ने अपने ही रूम में रह रही दूसरी छात्रा के अश्लील फोटो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया है. मामला प्रकाश में आने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने आरोपी छात्रा को निलंबित करने के साथ ही 3 दिनों में इस पूरे मामले पर जवाब देने को कहा है. विश्वविद्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, शोध कर रही विदेशी छात्रा ने फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट बनाने के साथ ही उसने रूममेट की अश्लील तस्वीरें पोस्ट कर दीं. इतना ही नहीं विदेशी छात्रा अपने साथ पढ़ने वाली दूसरी भारतीय छात्रा का आधार कार्ड लेकर मोबाइल सिम खरीद कर इस्तेमाल कर रही थी. इसी सिम का इस्तेमाल उसने अश्लील अकाउंट बनाने में भी प्रयोग किया है.
लखनऊ विश्वविद्यालय में इस समय 500 से ज्यादा विदेशी छात्र-छात्राएं विश्वविद्यालय के विभिन्न पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत हैं. इनमें से ज्यादातर विद्यार्थी इंडियन काउंसिल फॉर कल्चरल रिलेशंस के तहत फैलोशिप पाने वाले हैं. सुपर न्यूमेरिक सीट के आधार पर दाखिला पाने वाले इन विदेशी विद्यार्थियों के लिए अलग से छात्रावास में रहने की अलग व्यवस्था भी है. इनमें से एक विदेशी छात्रा एक छात्रा के साथ ही कमरे में रहती थी. साथी छात्रा को उसके घर वालों ने बताया कि सोशल मीडिया पर उसके नाम से एक फर्जी अकाउंट बना है और उस पर उसकी अश्लील तस्वीरें तथा अश्लील सामग्री अपलोड की गई है. विश्वविद्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, जब छात्रा ने उस अकाउंट को देखा तो पता चला कि उस पर जो अश्लील फोटो है उसे रूम में अपने कपड़े बदलते समय खींचा था. उसने तुरंत इस मामले की शिकायत विश्वविद्यालय प्रशासन से की. जब इस पूरे मामले की जांच पड़ताल की गई तो पता चला कि फर्जी अकाउंट बनाने वाली छात्रा ने इसके लिए भारतीय छात्रा की आईडी पर जारी सिम का प्रयोग किया है. जिस भारतीय छात्रा की आईडी से सिम जारी हुआ था. विश्वविद्यालय प्रशासन ने जब उससे पूछताछ की तो बताया कि उसने आधार पर एक साल पहले ही सिम उसे खरीद कर दिया था. जिस भारतीय छात्रा ने यह सिम खरीद कर दिया था, वह पढ़ाई पूरी कर चुकी है और वह इस समय विश्व विद्यालय की छात्रा भी नहीं है.'
इस पूरे मामले पर विश्वविद्यालय के प्रवक्ता डॉ दुर्गेश श्रीवास्तव ने कहा कि 'छात्रा से मिली शिकायत के आधार पर प्रॉक्टोरियल टीम ने विदेशी छात्रा को निलंबित कर नोटिस जारी किया है. आरोपी छात्रा को इस पूरे मामले में 3 दिन के अंदर जवाब देने को कहा गया है. जवाब मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. विश्वविद्यालय के अधिकारियों का कहना है कि यह पहला मौका है जब किसी विदेशी छात्रा को विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा निलंबित किया गया है. अगर विदेशी छात्रा की ओर से संतोषजनक जवाब नहीं मिलता है तो उसे आगे निष्कासित किया जा सकता है.'