लखनऊ: आमतौर पर सभी पूड़ी पकवान खाना पसंद करते हैं. इन सभी खाद्य समाग्रियों में तेल का काफी इस्तेमाल होता है. लोग घरों और बाजार में तेल की बर्बादी रोकने के लिए इसका दोबारा इस्तेमाल करते हैं, लेकिन वही तेल बार इस्तेमाल करने से घातक साबित हो सकता है. यह आपको बीमार बना सकता है.
लखनऊ की बाजार में मिलने वाले खाद्य पदार्थों में इसके इस्तेमाल पर लगाम लगाने के लिए जिला प्रशासन की ओर से अनूठी पहल की गई है. खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की टीम द्वारा Repurpose used Cocking Oil(RUCO) कार्यक्रम की शुरुआत की गई है. इसके माध्यम से एक ओर शहर के विभिन्न खाद्य प्रतिष्ठानों में तीन बार से अधिक तेल का उपयोग न किए जाने के लिए जागरूक किया जा रहा है. साथ ही इस्तेमाल कुकिंग ऑयल से बायोडीजल बनाने वाली संस्था को बिक्री के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है.
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि अधिकारी डॉ. एसपी सिंह ने बताया कि अभी तक यूज्ड कुकिंग तेल का इस्तेमाल साबुन बनाने वाली फैक्ट्री और मोमबत्ती की फैक्ट्रियों में किया जाता था, लेकिन इसका कुछ हिस्सा दोबारा बाजार में आता था. इस पर लगाम लगाने के लिए पहल की गई है. कुछ कंपनियां ऐसी हैं, जो इस तेल से बायोडीजल बना रही हैं. इनके माध्यम से इस्तेमाल किए गए खाद्य तेल का कलेक्शन कराने और बायोडीजल तैयार करने की योजना है. यह कंपनियां इस्तेमाल किए गए तेल के अच्छे दाम भी दे रही हैं. ऐसे में इस तेल के वापस बाजार में आने आशंका भी कम हो जाती है. इस कंपनी के साथ पीपीपी मॉडल पर काम भी किया जाएगा.
ऐसे किया जाएगा एकत्र
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि अधिकारी डॉ. एसपी सिंह ने बताया कि यूज्ड कुकिंग ऑयल को एकत्र करने के लिए ऑनलाइन अप्लीकेशन मोबाइल साफ्टवेयर ऑयल ब्रदर्स ( Oil Brothers) तैयार किया गया है, जिसे Play Store से Download कर संस्था में रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है. संस्था द्वारा संबंधित व्यवसायियों से मासिक आधार पर उपलब्ध कराए गए यूज्ड कुकिंग ऑयल को एकत्र कर बरेली स्थित रिफाइनरी 'कृष्णा जनरल इजीनियरिंग वर्क्स' को बायोडीजल में परिवर्तन के लिए उपलब्ध करा दिया जाएगा.
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डॉ. एसपी सिंह ने बताया कि तेल को दोबारा गर्म करने से विषाक्त पदार्थ निकलते हैं और इसके सेवन से शरीर में फ्री रेडिकल्स भी बढ़ जाते हैं, जिससे सूजन और अन्य बीमारियां होती हैं. जब तेल को दो से तीन बार गर्म करते हैं, तो उसमें पोलर कंपाउंड बढ़ जाते हैं. जब यह पोलर कंपाउंड 25 प्रतिशत तक बढ़ जाते हैं, तो वह घातक हो जाता है. इसलिए तीन बार से ज्यादा तेल को गर्म करके इस्तेमाल न करने की सलाह दी जाती है.