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लखनऊ: गरीबों में फूड पैकेट बांटकर मनाया जा रहा सप्ताह-ए-रहमत - lucknow news

लखनऊ में इन दिनों 24 से 30 अक्टूबर तक हफ्ता-ए-रहमत मनाया जा रहा है, जिसमें शहर की विभिन मस्जिदों में कैंप लगाकर गरीबों को फ़ूड पैकेट बाटे जा रहे हैं.

Religious events in Lucknow
हफ्ता-ए-रहमत
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Published : Oct 25, 2020, 11:01 AM IST

लखनऊ: इस्लामिक महीने रबी उल अव्वल को इस्लाम धर्म मे बेहद मुबारक़ महीना माना जाता है, क्योंकि इस महीने में मुसलमानों के आखिरी पैगम्बर मोहम्मद साहब का जन्म हुआ था. इस मुबारक महीने में मुस्लिम समुदाय की ओर से मोहम्मद साहब शिक्षाओं पर अमल करते हुए कई आयोजन किए जाते है. इसी के चलते इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के बैनर तले लखनऊ में हफ्ता ए रहमत मनाया जा रहा है. शहर की विभिन मस्जिदों में कैंप लगाकर गरीबों को फूड पैकेट बाटा जा रहा है.

इस्लामिक महीना रबी-उल-अव्वल की शुरुआत होते ही बड़े पैमाने पर मुस्लिम समुदाय की ओर से धार्मिक आयोजन होते है, लेकिन इस बार कोविड19 की महामारी के चलते बड़े भीड़भाड़ वाले धार्मिक आयोजन और जुलूसों पर प्रतिबंध है. इसलिए मुस्लिम समुदाय ऑनलाइन जलसो का आयोजन कर रहा है. इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया ने हफ्ता ए रहमत के तहत गरीबो में फूड पैकेट बाटने की शुरुआत की है.

मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली की सरपरस्ती में इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया की ओर से 24 अक्टूबर से लेकर 30 अक्टूबर तक शहर के अलग-अलग मस्जिदों में गरीबों को खाना बाटा जा रहा है, जिसकी शुरुआत पुराने लखनऊ के बिलौचपुरा इलाके की इब्राहीमी मस्जिद से की गई. इस मौके पर दारुल उलूम फरंगी महल के प्रवक्ता मौलाना सुफियान निजामी ने बताया कि यह महीना बेहद रहमतों और मुरादों वाला है. इस्लाम में गरीबों की मदद करना बेहद सवाब का काम बताया गया है. मौलाना सुफियान निजामी ने कहा कि मोहम्मद साहब की बताई हुई शिक्षा पर अमल करते हुए गरीबों में खाने के पैकेट बाटें जा रहे है जो इस वक्त की खास जरूरत है.

लखनऊ: इस्लामिक महीने रबी उल अव्वल को इस्लाम धर्म मे बेहद मुबारक़ महीना माना जाता है, क्योंकि इस महीने में मुसलमानों के आखिरी पैगम्बर मोहम्मद साहब का जन्म हुआ था. इस मुबारक महीने में मुस्लिम समुदाय की ओर से मोहम्मद साहब शिक्षाओं पर अमल करते हुए कई आयोजन किए जाते है. इसी के चलते इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के बैनर तले लखनऊ में हफ्ता ए रहमत मनाया जा रहा है. शहर की विभिन मस्जिदों में कैंप लगाकर गरीबों को फूड पैकेट बाटा जा रहा है.

इस्लामिक महीना रबी-उल-अव्वल की शुरुआत होते ही बड़े पैमाने पर मुस्लिम समुदाय की ओर से धार्मिक आयोजन होते है, लेकिन इस बार कोविड19 की महामारी के चलते बड़े भीड़भाड़ वाले धार्मिक आयोजन और जुलूसों पर प्रतिबंध है. इसलिए मुस्लिम समुदाय ऑनलाइन जलसो का आयोजन कर रहा है. इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया ने हफ्ता ए रहमत के तहत गरीबो में फूड पैकेट बाटने की शुरुआत की है.

मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली की सरपरस्ती में इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया की ओर से 24 अक्टूबर से लेकर 30 अक्टूबर तक शहर के अलग-अलग मस्जिदों में गरीबों को खाना बाटा जा रहा है, जिसकी शुरुआत पुराने लखनऊ के बिलौचपुरा इलाके की इब्राहीमी मस्जिद से की गई. इस मौके पर दारुल उलूम फरंगी महल के प्रवक्ता मौलाना सुफियान निजामी ने बताया कि यह महीना बेहद रहमतों और मुरादों वाला है. इस्लाम में गरीबों की मदद करना बेहद सवाब का काम बताया गया है. मौलाना सुफियान निजामी ने कहा कि मोहम्मद साहब की बताई हुई शिक्षा पर अमल करते हुए गरीबों में खाने के पैकेट बाटें जा रहे है जो इस वक्त की खास जरूरत है.

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