लखनऊ : पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश होने के बाद मैदानी क्षेत्रों में भी बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. मानसून सक्रिय होने के बाद इस बार पूरे प्रदेश में अच्छी बारिश हो रही है. वहीं नेपाल के तराई वाले इलाकों और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के उत्तराखंड के नजदीकी जिलों बाढ़ का खतरा काफी बढ़ गया है. चिंता की बात यह है कि पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में बारिश का क्रम बदस्तूर जारी है. मौसम विभाग के अनुसार आगामी 17 जुलाई तक वर्षा जारी रह सकती है. स्वाभाविक है कि तटवर्ती इलाकों के लोगों और सरकार के लिए चिंता का विषय है. हालांकि सरकार ने हर स्तर पर अपनी तैयारी की बात कही है.
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#WATCH | Uttar Pradesh Deputy CM Brajesh Pathak on flood situation, says "District collectors have been instructed to patrol. There is no panic situation but due to the rainy season, we are proceeding with caution. Our government is prepared to deal with any situation." pic.twitter.com/J3OZadsZQf
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) July 12, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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पश्चिमी उत्तर प्रदेश की बात करें तो बिजनौर और मुरादाबाद जिलों में पहाड़ों पर हो रही बारिश का असर दिखाई देने लगा है. यहां गंगा उफान पर है तो वहीं कोटावाली, मालन और लकड़हान जैसी सहायक नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. दो दिन पहले गंगा में हरिद्वार स्थित गौड़ा बैराज से 17 हजार क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़ा गया है, जिसके बाद क्षेत्र में बाढ़ की चेतावनी जारी की जा चुकी है. इन जिलों में सैकड़ों एकड़ फसलें डूब चुकी हैं. कुछ क्षेत्रों में पानी रिहायशी इलाकों में भी बढ़ने लगा है. सहारनपुर में भी लगातार हो रही बारिश से बाढ़ के हालात पैदा हो गए हैं. यहां की ढमोला नदी में आई बाढ़ के कारण कई गांवों के लोग संकट में आ गए हैं. शामली, अमरोहा, संभल, बरेली, पीलीभीत और रामपुर जिलों में भी प्रशासन सतर्क हो गया है. इन जिलों में भी नदियों पानी लगातार बढ़ रहा है.
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#WATCH | Uttar Pradesh Minister Swatantra Dev Singh says, "Visits are being made to sensitive areas. I am visiting Balrampur and Sharvasti today. Our ongoing projects in flood-affected areas - more than 65 projects - are close to 75% complete and some of the projects are 100%… pic.twitter.com/d7tuaR6OyK
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मध्य उत्तर प्रदेश और पूर्वांचल में भी नदियों में जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. गंगा, यमुना, शारदा (काली), घाघरा (करनाली), रामगंगा, राप्ती, गंडक और रोहिणी आदि नदियों में बढ़ते जलस्तर ने बदायूं, बाराबंकी, हापुड़, कुशीनगर, गोंडा, बलरामपुर, शाहजहांपुर, सीतापुर, लखीमपुर, बहराइच, श्रावस्ती, फर्रुखाबाद आदि जिलों में खतरे की स्थिति पैदा हो गई है. मैदानी क्षेत्र से बहने वाली सहायक नदियों गोमती, वरुणा, सई, पाणडो, ईसन, सरायन आदि में भी पानी बढ़ रहा है. पठारी क्षेत्रों से निकलने वाली चंबल, बेतवा, केन, रिहंद, टोंस (तमसा) और कन्हार आदि नदियां भी विकराल रूप लेता दिखाई दे रही हैं. इसके कारण अयोध्या, अमेठी, रायबरेली, कौशांबी, प्रतापगढ़, प्रयागराज, सुल्तानपुर, सिद्धार्थनगर, बस्ती, अंबेडकरनगर, जौनपुर, संतकबीरनगर, गोरखपुर, महाराजगंज, वाराणसी, आजमगढ़, मिर्जापुर, सोनभद्र, चंदौली, गाजीपुर, बलिया, मऊ और देवरिया आदि जिलों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. यदि कुछ दिन और ऐसे ही बारिश हुई और नेपाल और उत्तराखंड से पानी छोड़ा गया तो, बाढ़ आने की आशंका और बढ़ेगी.
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