लखनऊ: पिछले 24 घंटे से पहाड़ों और मैदानी इलाकों में हो रही बारिश से यूपी में बाढ़ जैसे हालात हैं. कई जिलों में बाढ़ के खतरे को देखते हुए अलर्ट जारी किया गया है. प्रदेश में बहने वाली कई नदियां उफान पर हैं. कई जिलों में जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है.
जान जोखिम में डालकर यात्रा कर रहे लोग
लगातार हो रही बारिश के चलते सहारनपुर के शिवालिक इलाके में एक बार फिर तमाम नदियां उफान पर है. भारी बारिश और नदी में पानी आने के बावजूद भी श्रद्धालु अपनी जान जोखिम में डालकर सिद्ध पीठ माता शाकम्भरी देवी के दर्शन करने पहुंच रहे हैं. श्रद्धालु पैदल और अपने वाहनों के साथ नदी के बीच से निकल रहे हैं.
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हरियाणा और यूपी का सम्पर्क टूटा
उत्तर प्रदेश को हरियाणा से जोड़ने के लिए बनाया गया पुल का बांध यमुना नदी के रौद्र रूप के आगे धराशाई हो गया. पानी की तेज धार के आगे रेत से बनाया गया बांध पहलीं बारिश भी नही झेल पाया, जिसके चलते हरियाणा-उत्तर प्रदेश का सम्पर्क पूरी तरह से टूट गया है. बांध टूटने से पानी का रुख खेतों की ओर हो गया, जिससे न सिर्फ हजारों बीघा फसल तबाह हो गई बल्कि आसपास के इलाकों में बाढ़ जैसे हालात भी हो गए हैं.
हथनीकुंड बैराज से पानी छोड़े जाने से मथुरा और आगरा में अलर्ट
सहारनपुर के हथनीकुंड बैराज से बेशुमार पानी छोड़ा गया है. अधिकारियों की मानें तो इस बार 8.28 लाख क्यूसेक पानी हथनीकुंड बैराज से छोड़ा गया है. वर्ष 2013 में आई बाढ़ के दौरान केवल 8 लाख क्यूसेक ही पानी छोड़ा गया था, जिससे दिल्ली में यमुना किनारे के इलाकों में पानी भर गया था.
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सिंचाई विभाग के अधिकारियों की माने तो पिछले 100 सालों में इतना पानी कभी नहीं छोड़ा गया.यानि कि अगले 72 घंटों बाद ये बेशुमार पानी दिल्ली, मथुरा और आगरा के लिए जरूर खतरा बन सकता है, हालांकि सहारनपुर से लेकर दिल्ली तक यमुना किनारे बसे गांव और इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया गया है.
चंदौली में तेजी से बढ़ रहा गंगा का जलस्तर
पहाड़ों और मैदानी इलाकों में हो रही लगातार बारिश के बाद गंगा नदी का जलस्तर भी तेजी से बढ़ रहा है. इसका असर चंदौली में भी दिखाई देने लगा है. गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर ने नदी के तटवर्ती इलाको में रहने वाले लोग बाढ़ की आशंका से सहमे हुए हैं. साथ ही गंगा के किनारे कटान भी हो रहा है. जिसके डर से लोगों की नीदें उड़ गई है. वहीं जिला प्रशासन भी गंगा के बढ़ते जलस्तर के मद्देनजर नजर रखने के साथ स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है.
इटावा में बाढ़ से किसानों की कई बीघा फसलें हुई नष्ट
इटावा में चंबल नदी अब खतरे के निशान से तीन मीटर ऊपर बह रही हैं, जिससे किसानों की चार सौ से एक हजार बीघा तक विभिन्न प्रकार की फसलें पानी मे डूबकर नष्ट हो गईं हैं. सबसे ज्यादा नुकसान बाजरा किसानों का हुआ है. बाढ़ ग्रस्त इलाकों के किसानों ने बताया कि जिला प्रशासन चम्बल नदी की बाढ़ से अब तक नष्ट हुई उनकी फसलों का आकलन करने के लिये मौके पर अब तक नही पहुंच पाया है.