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लखनऊ में पांच निजी अस्पताल होंगे बंद, जानिए वजह - पांच अस्पतालों को बंद करने की संस्तुति

प्रदेश सरकार स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर काफी गंभीर है. मरीजों की जान से खिलवाड़ करने वाले अस्पतालों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है. इसी क्रम में स्वास्थ्य विभाग ने पांच अस्पतालों को बंद करने की संस्तुति की है.

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Published : Apr 24, 2023, 7:36 AM IST

लखनऊ : स्वास्थ्य विभाग ने पांच अस्पतालों को बंद करने की संस्तुति की है. यह वह अस्पताल हैं जिन पर स्वास्थ्य विभाग ने छापा मारा था, वहां पर डॉक्टर गायब मिले थे. इसके अलावा अस्पताल में कई अन्य तमाम खामियां मिली थीं. सभी को नोटिस जारी हुई थी. इन अस्पतालों ने नोटिस का जवाब तक नहीं भेजा. सीएमओ ने पहले चरण में पांच अस्पतालों को बंद करने की संस्तुति की है.

स्वास्थ्य विभाग निजी अस्पतालों पर नकेल कसने की बजाए करीब एक माह से नोटिस-नोटिस खेल रहा था. करीब 31 अस्पतालों को सीएमओ दफ्तर से नोटिस जारी हुई थी. इसमें तीन से चार अस्पतालों ने अपना जवाब भेजा. बाकी अस्पताल नोटिस का जवाब दिए बिना अस्पताल का संचालन कर रहे थे. कहीं पर डॉक्टर नहीं तो कहीं लैब टेक्नीशियन इलाज कर रहे थे. इतना ही नहीं जांच में कई अस्पताल का पंजीकरण तक नहीं मिला था. सीएमओ डॉ. मनोज ने बताया कि 'पहले चरण में मेडसिटी हॉ​स्पिटल, सुपर जनता हॉ​स्पिटल, आरएनए हॉस्पिटल, मर्सी समेत एक अन्य अस्पताल को बंद करने की संस्तुति की गई है. सीएमओ ने बताया कि इन अस्पतालों के संचालन पर रोक लगाने के लिए पत्र भेजा जा रहा है. अस्पताल बंद न होने पर जिला प्रशासन की मदद से ताला लगवाया जाएगा.'

दुबग्गा ​स्थित न्यू ग्लोबल हॉ​स्पिटल का अभी तक सीएमओ आफिस में पंजीकरण तक नहीं है. इसके बाद यहां पर मरीज भर्ती हो रहे थे. अस्पताल संचालक का बीते दिनों आडियो वायरल हुआ था. मामला सोशल मीडिया पर वायरल होने बाद अस्पताल संचालक ने अपने यहां मरीज भर्ती लेना बंद कर दिया. सीएमओ जरिए अभी तक इस अस्पताल पर कोई भी कार्रवाई नहीं की गई.



मरीज की हुई मौत : सिविल अस्पताल में गाल ब्लेडर में पथरी के ऑपरेशन के बाद महिला की हालात गंभीर हो गई. आनन-फानन में महिला को आईसीयू में भर्ती कराया गया, जहां दो दिन इलाज के बाद महिला मरीज की सांसें थम गईं. परिवारीजनों ने हंगामा किया. समुचित इलाज न मिलने का आरोप लगाया. अस्पताल प्रशासन का कहना है कि परिवारीजनों की तरफ से कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है. गोमतीनगर निवासी चिंता देवी (35) को पेट में दर्द की शिकायत हुई. परिवारीजनों ने स्थानीय अस्पताल में दिखाया. डॉक्टरों ने मरीज को सिविल अस्पताल ले जाने की सलाह दी. यहां जांच के बाद डॉक्टरों ने गाल ब्लेडर में पथरी की पुष्टि की. ऑपरेशन कराने की सलाह दी. परिवारीजन ऑपरेशन के लिए राजी हो गए.

अस्पताल के सीएमएस डॉ. आरपी सिंह का कहना है कि 'परिवारीजनों की तरफ से कोई शिकायत नहीं मिली है. शिकायत मिलने पर जांच कराई जाएगी. हालांकि डॉक्टर ने मरीज की जान बचाने की पूरी कोशिश की थी.'

यह भी पढ़ें : यूपी में बढ़े कोरोना संक्रमण के मरीज, दो हफ्ते में हो गए दोगुने मामले, एक्टिव केस भी बढ़े

लखनऊ : स्वास्थ्य विभाग ने पांच अस्पतालों को बंद करने की संस्तुति की है. यह वह अस्पताल हैं जिन पर स्वास्थ्य विभाग ने छापा मारा था, वहां पर डॉक्टर गायब मिले थे. इसके अलावा अस्पताल में कई अन्य तमाम खामियां मिली थीं. सभी को नोटिस जारी हुई थी. इन अस्पतालों ने नोटिस का जवाब तक नहीं भेजा. सीएमओ ने पहले चरण में पांच अस्पतालों को बंद करने की संस्तुति की है.

स्वास्थ्य विभाग निजी अस्पतालों पर नकेल कसने की बजाए करीब एक माह से नोटिस-नोटिस खेल रहा था. करीब 31 अस्पतालों को सीएमओ दफ्तर से नोटिस जारी हुई थी. इसमें तीन से चार अस्पतालों ने अपना जवाब भेजा. बाकी अस्पताल नोटिस का जवाब दिए बिना अस्पताल का संचालन कर रहे थे. कहीं पर डॉक्टर नहीं तो कहीं लैब टेक्नीशियन इलाज कर रहे थे. इतना ही नहीं जांच में कई अस्पताल का पंजीकरण तक नहीं मिला था. सीएमओ डॉ. मनोज ने बताया कि 'पहले चरण में मेडसिटी हॉ​स्पिटल, सुपर जनता हॉ​स्पिटल, आरएनए हॉस्पिटल, मर्सी समेत एक अन्य अस्पताल को बंद करने की संस्तुति की गई है. सीएमओ ने बताया कि इन अस्पतालों के संचालन पर रोक लगाने के लिए पत्र भेजा जा रहा है. अस्पताल बंद न होने पर जिला प्रशासन की मदद से ताला लगवाया जाएगा.'

दुबग्गा ​स्थित न्यू ग्लोबल हॉ​स्पिटल का अभी तक सीएमओ आफिस में पंजीकरण तक नहीं है. इसके बाद यहां पर मरीज भर्ती हो रहे थे. अस्पताल संचालक का बीते दिनों आडियो वायरल हुआ था. मामला सोशल मीडिया पर वायरल होने बाद अस्पताल संचालक ने अपने यहां मरीज भर्ती लेना बंद कर दिया. सीएमओ जरिए अभी तक इस अस्पताल पर कोई भी कार्रवाई नहीं की गई.



मरीज की हुई मौत : सिविल अस्पताल में गाल ब्लेडर में पथरी के ऑपरेशन के बाद महिला की हालात गंभीर हो गई. आनन-फानन में महिला को आईसीयू में भर्ती कराया गया, जहां दो दिन इलाज के बाद महिला मरीज की सांसें थम गईं. परिवारीजनों ने हंगामा किया. समुचित इलाज न मिलने का आरोप लगाया. अस्पताल प्रशासन का कहना है कि परिवारीजनों की तरफ से कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है. गोमतीनगर निवासी चिंता देवी (35) को पेट में दर्द की शिकायत हुई. परिवारीजनों ने स्थानीय अस्पताल में दिखाया. डॉक्टरों ने मरीज को सिविल अस्पताल ले जाने की सलाह दी. यहां जांच के बाद डॉक्टरों ने गाल ब्लेडर में पथरी की पुष्टि की. ऑपरेशन कराने की सलाह दी. परिवारीजन ऑपरेशन के लिए राजी हो गए.

अस्पताल के सीएमएस डॉ. आरपी सिंह का कहना है कि 'परिवारीजनों की तरफ से कोई शिकायत नहीं मिली है. शिकायत मिलने पर जांच कराई जाएगी. हालांकि डॉक्टर ने मरीज की जान बचाने की पूरी कोशिश की थी.'

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