लखनऊः पाक महीने रमजान के अंतिम दौर में पहुंचने के साथ ही इस महीने का आखिरी शुक्रवार यानी अलविदा की नमाज भी घरों में अदा की गई. ईदगाह में जहां हजारों की भीड़ देखी जाती थी, वहां इस साल मस्जिद में रहने वाले महज 5 लोगों ने ही नमाज अदा की. ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने रवायत के मुताबिक इस साल भी नमाज अदा कराई.
रहमतों और इबादतों का महीना अब अपने अंतिम दौर में है. शनिवार को ईद का चांद देखा जाना है. वहीं शुक्रवार को माह-ए-रमजान का आखिरी जुमा था. प्रशासन की एडवाइजरी और लॉकडाउन के पालन के चलते मस्जिद में रहने वाले लोगों ने ही मस्जिद में नमाज अदा की और शहरवासियों ने अपने घरों पर ही अलविदा की नमाज पढ़ी.
राजधानी की सबसे बड़ी मस्जिदों में से एक ईदगाह की मस्जिद में एडवाइजरी के तहत महज 5 लोगों ने ही नमाज अदा की. ईमाम ईदगाह मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने ईदगाह में नमाज अदा कराने के साथ ही कोरोना वायरस के खात्में और मुल्क की हिफाजत के लिए खास दुआ की.
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मीडिया से बात करते हुए ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि लॉकडाउन का पालन और कोविड-19 के खतरे को देखते हुए मुल्क की तमाम मस्जिदों में महज 4 से 5 लोगों ने नमाज अदा की. उन्होंने कहा कि अलविदा की नमाज के मौके पर भी देशवासियों से अपील की गई है.
मौलाना ने कहा कि आने वाले ईद के त्योहार पर भी लॉकडाउन के रूल्स और रेगुलेशन का पूरा पालन किया जाए. घरों में ही ईद की इबादत करें और घर पर रहकर ही सिंवई खाएं और त्योहार पर एक दूसरे से न मिलने जाए. मौलाना ने कहा कि ईद के त्यौहार की बधाई भी सोशल मीडिया और फोन के जरिए ही दी जाए.